Sunday, 25 February 2024

सामाजिक संकल्प का महाभियान अश्वमेध महायज्ञ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सामाजिक संकल्प का महाभियान अश्वमेध महायज्ञ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 

दुनिया के सामने भारत की नई तस्वीर बनाने के संकल्प के साथ गायत्री परिवार का पांच दिवसीय मुंबई अश्वमेध महायज्ञ पूर्णाहुति संग सम्पन्न 

करोडो लोगों ने दी अपनी अपनी आहुतियां दी

नारी सशक्तिकरण और नशा मुक्त भारत का संकल्प लिया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुंबई अश्वमेध महायज्ञ को दिये अपने संदेश में कहा कि यह यह सामाजिक संकल्प का महाभियान हैं। उन्होंने कहा कि यज्ञ के माध्यम से युवाओं को नशा और दुर्व्यसन से मुक्ति दिलाने का जो आह्वान लिया और दिया गया है, यह युवाओं को इससे अलग करते हुए राष्ट्र निर्माण में उत्सर्जित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अश्वमेध महायज्ञ में सशरीर शामिल नहीं होने पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जब उन्हें यज्ञ में सम्मिलित होने का आमंत्रण मिला, तो उसके सामने चुनावी वर्ष में यज्ञ शामिल होने अथवा न होने की दुविधा हो गयी थी, क्योंकि अश्वमेध यज्ञ को लेकर आम सोच सत्ता विस्तार को जोड़कर देखती है। पर, बाद में जब उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी का ध्यान किया तो दुविधा समाप्त हो गयी और उन्होंने समयाभाव में अश्वमेध महायज्ञ से आनलाइन जुडने का निश्चय किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार और उसके सभी साधकों को अश्वमेध यज्ञ की सफल समापन की बधाई देते हुए कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार का हर आयोजन पवित्रता के साथ सम्पन्न होती है, यह गौरव की बात होती है। अश्वमेध महायज्ञ के माध्यम से युवाओं के चरित्र का जो संकल्प लिया है, वह राष्ट्र के निर्माण है। अमृतकाल में युवाओं पर राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मैं चालीस वर्ष गायत्री परिवार से जुडा हूं और गायत्री परिवार के कार्यों से परिचित हूं। उन्होंने पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी और माता भगवती देवी शर्मा जी के संकल्पों को पूर्ण करने आवाहन किया। अश्वमेध महायज्ञ की सफल समापन पर प्रधानमंत्री ने डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं उनकी टीम को बधाई दी।  

इसके साथ विश्व के सामने नए भारत की नई तस्वीर प्रस्तुत करने के संकल्प के साथ दी गई पूर्णाहुति के साथ अखिल विश्व गायत्री परिवार आयोजित मुंबई अश्वमेध महायज्ञ का का सफल समापन हो गया। ‌अश्वमेध महायज्ञ का आरंभ बुधवार 21 फरवरी को पांच किलोमीटर कलश यात्रा के साथ हुआ था। महायज्ञ में कला, राजनीति और फिल्मी दुनिया की बड़ी हस्तियों ने भी आम श्रद्धालुओं की तरह पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भाग लिया और अलग-अलग दिन अपनी आहुतियां डाली। रविवार सुबह महायज्ञ के अंतिम दिवस पर पूर्णाहुति के अवसर पर अश्वमेध नगर में साधकों की भारी भीड़ जुटी। यज्ञ में अपनी आहुति डालने को बच्चे बुजुर्ग और महिला पुरुष सभी पहुंचे और सभी ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनी अपनी आहुतियां दी। विशेष बात यह रही थी, यज्ञ में आरती देने वाले सभी साधकों ने साथ पर्यावरण संवर्धन और संरक्षण के भाव संग एक-एक पौधा लेकर वापसी की। व्यसन मुक्त राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर पांच दिवसीय अश्वमेध महायज्ञ में प्रतिदिन साढे पांच लाख से अधिक आहुतियां दी गयी। पांच दिन में इसकी संख्या 27 लाख से अधिक रही। आहुति के साथ साथ लाखों की सख्या में यज्ञशाला देवमंच की परिक्रमा की। अंतिम दिन जसलोक अस्पताल, रोटरी क्लब मुंबई रायल्स और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवको के रक्तदान शिविर का आयोजन किया।

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