Monday, 23 September 2019

" पेशंट को समझो " विषय पर हिंदू सभा अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन

मरीज और डॉक्टर के बीच संवादहीनता की स्थिति में ढ़ेर सारी समस्याएँ उपस्थित हो जाती हैं। जिन्हें समय पर सुलझाया नहीं गया तो यही स्थिति विकराल रूप धारण कर लेती है।  इसी पृष्ठभूमि में इंस्टिट्यूट फॉर पैरामेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के संस्थापक सुमित काटी द्वारा एच. जे. दोशी घाटकोपर हिंदूसभा अस्पताल में उपर्युक्त विषय पर आयोजित एवं सुप्रसिद्ध आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली द्वारा उद्घाटित कार्यशाला में बेहद तथ्यपरक व्याख्यान दिया गया।

आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि देश में पहली बार किसी अस्पताल द्वारा इस तरह का आयोजन उनकी कर्मठता और ईमानदारी की मिसाल पेश कर रही हैं। भविष्य में इसका अनुकरण देश के सभी अस्पताल निश्चित तौर पर करेंगे। सुमित काटी ने अपनी कार्यशाला में डॉक्टर की भाव भंगिमा, स्पर्श, मुस्कुराहट, रोगी के सवालों पर जबाब देने के बजाय उसकी बातों को सुनकर, "समझने '' पर विशेष जोर दिया गया। संवाद के मध्य आने वाले अवरोधों को दूर करने के गुर सिखाये। किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से बचने की सलाह दी। मरीज को अपनी वेदना को व्यक्त कर पाने के लिए शब्दहीन हो रहा हो तो उससे  सवाल कर उसकी पीड़ा का निदान कर पाने का उपाय सुझाया।

अस्पताल के ट्रस्टी अध्यक्ष मगनभाई दोशी के मार्गदर्शन एवं मेडिकल डायरेक्टर डॉ. वैभव देवगिरकर की संकल्पना स्वरुप आयोजित देश में अपनी तरह की पहली और इस अनोखी  कार्यशाला में ट्रस्टी हितेशभाई खोखानी, कौशिकभाई पारेख, कमेटी मेंबर महेंद्रभाई मेघानी, जस्मीनभाई कोठारी सहित (ए.एम.ओ ) डॉ. रजनीकांत मिश्र, डॉ. रविंद्र काम्बले सहित अन्य एएमओ, आरएमओ एवं सभी प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राहुल कोल्हे ने किया।

No comments:

Post a Comment