महाराष्ट्र का अध्ययन करने के लिए मुंबई यूनिवर्सिटी ने गठित किया गया महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र पिछले 9 साल से प्रस्तावित हैं लेकिन हर साल बजट में प्रावधान किया जाता हैं। ताज्जुब की बात यह हैं कि अब तक शुरु नहीं हुए महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र पर लाखों रुपए का प्रावधान करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई यूनिवर्सिटी ने दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई यूनिवर्सिटी से 31 जनवरी 2019 को महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र को लेकर विभिन्न जानकारी मांगी थी। करीब 6 महीने के बाद अनिल गलगली मुहैया कराई गई जानकारी में मुंबई यूनिवर्सिटी ने महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र अब तक शुरु न करने की बात कंफर्म की। अनिल गलगली को 6 महीने के बाद जो दस्तावेज दिए हैं उससे स्पष्ट हो रहा हैं कि 8 फरवरी 2016 को डॉ भारती निरगुडकर, प्रमुख, मराठी भाषा विभाग ने भारत कुमार राऊत, अध्यक्ष, महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र को विद्यानगरी में आमंत्रित किया था। महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र का मुख्य कार्य महाराष्ट्र का अध्ययन करवाकर लेने के लिए, अध्ययन केंद्र ही रहेगा। यूनिवर्सिटी प्रेस, ग्रंथमेलावा, नाटक/ एकांकिका प्रतियोगिता, डॉक्युमेन्टेशन, मुंबई का इतिहास और जानकारी कार्यक्रम ऐसे 5 अभियान पर ध्यान केंद्रित कर उसके बाद 5 साल के बाद महाराष्ट्र का अभ्यास किया जाएगा।
मुंबई यूनिवर्सिटी ने महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र तो शुरु किया ही नहीं बल्कि हर साल बजट में प्रावधान करने से चूके नहीं। बजट 2010-2011 इस आर्थिक वर्ष में 5 लाख का प्रावधान किया गया। बजट 2011-2012 इस आर्थिक वर्ष में 5 लाख का प्रावधान किया गया। बजट 2012-2013 इस आर्थिक वर्ष में 29,95,750 रुपए का प्रावधान किया गया। बजट 2013-2014 इस आर्थिक वर्ष में 5 लाख का प्रावधान किया गया। बजट 2014-2015 इस आर्थिक वर्ष में 5 लाख का प्रावधान किया गया। बजट 2015-2016 इस आर्थिक वर्ष में 90 हजार का प्रावधान किया गया। बजट 2016-2017 इस आर्थिक वर्ष में 18,46,000 रूपए का प्रावधान किया गया। बजय 2017-2018 इस आर्थिक वर्ष में 90 हजार का प्रावधान किया गया। बजट 2018-2019 इस आर्थिक वर्ष में 90 हजारा का प्रावधान किया गया। बजट 2019-2020 इस आर्थिक वर्ष में 90 हजार का प्रावधान किया गया।
अनिल गलगली ने वाईस चांसलर डॉ सुहास पेडणेकर के अलावा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिक्षा मंत्री विनोद तावडे, राज्यमंत्री रविंद्र वायकर को पत्र भेजकर मांग की हैं कि प्रस्तावित महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र तत्काल शुरु कर उसके गठन की पूर्ति की गई।
मुंबई विद्यापीठ के मराठी विभाग के प्रमुख डॉ अनिल सपकाल ने अनिल गलगली को बताया कि मराठी विभाग प्रमुख यह महाराष्ट्र अध्ययन केंद्र के गठन के लिए नियुक्त किया गया कमिटी का पदसिद्ध सदस्य हैं। केंद्र की मीटिंग को मराठी विभाग प्रमुख उपस्थित रहते हैं लेकिन केंद्र अब तक प्रस्तावित होने से वहां अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्तियां नहीं की गई हैं। साथ ही में केंद्र की निर्मिती नहीं होने से इसके कामकाज कीजानकारी नहीं दी जा सकती हैं।
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