Monday, 29 October 2018

अबब! मनपा के लेखापरीक्षक और लेखापाल विभाग में सिर्फ एकही चार्टेड अकाउंटेंट

रु 27,258 करोड़ इतना बजट वाली मुंबई महानगरपालिका का खर्च होनेवाला पैसा और उसपर नियंत्रण रखने के लिए लेखापरीक्षक और लेखापाल ऐसे महत्वपूर्ण विभाग तो हैं लेकिन उस विभाग में सिर्फ एकही चार्टेड अकाउंटेंट होने की चौकानेवाली जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई महानगरपालिका ने दी हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई महानगरपालिका से जानकारी मांगी थी कि मनपा के लेखापरीक्षण विभाग में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों में से कितने अधिकारी और कर्मचारी यह चार्टेड अकाउंटेंट हैं।सामान्य प्रशासन के उप प्रमुख लेखापाल ने अनिल गलगली को बताया कि उप प्रमुख लेखापाल ( वित्त) इनके विभाग में चार्टेड अकाउंटेंट अर्हता धारण करनेवाले राजपूत महेंद्रकुमार भगवानसिंह, वरिष्ठ लेखा परीक्षा एवं लेखा सहायक यह एकमात्र कर्मचारी हैं। इस विभाग में प्रमुख लेखापाल, उप प्रमुख लेखापाल ऐसे विभिन्न 18 पदनाम वालेे 1473 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें चार्टेड अकाउंटेंट अर्हता वाले एकमात्र अधिकारी हैं। 

महानगरपालिका मुख्य लेखापरीक्षक के विभाग में  559 पद हैं लेकिन इसमें एक भी पद धारण करनेवाले चार्टेड अकाउंटेंट नहीं हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका में लेखापरिक्षण का काम बृहन्मुंबई महानगरपालिका के मुख्य लेखा परीक्षक विभाग से किया जाता हैं और प्रमुख लेखापाल ( वित्त ) यह भी काम देखते हैं। लेकिन इतने बड़े अमीर महानगरपालिका में चार्टेड अकाउंटेंट न होना बड़ी चिंताजनक होने की बात अनिल गलगली ने कही हैं। चार्टेड अकाउंटेंट की अर्हता रखनेवाले अधिकारी होंगे तो भ्रष्टाचार और अनियमितता की पोल खोल उसी वक्त हो सकती हैं और भविष्य में महानगरपालिका को लाभ हो सकता हैं, यह कहते हुुुुए अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर उनका ध्यान आकर्षित किया हैं।

मुंबई महानगरपालिका में चार्टेड अकाउंटेंट न होना यह बात चिंताजनक होते हुए राज्य सरकार भी इस ओर नजरअंदाजी कर रही हैं।लेकिन राज्य सरकार द्वारा मुंबई महानगरपालिका के कामकाज पर ध्यान और नियंत्रण रखने के लिए भेजा गया  मुख्य लेखापरीक्षक यह भी चार्टेड अकाउंटेंट नहीं हैं। मुख्य लेखापरीक्षक इस पद की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती हैं।

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