Thursday, 4 May 2023

अंधेरी का कामगार अस्पताल : सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर दायर की जनहित याचिका

अंधेरी का कामगार अस्पताल : सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर दायर की जनहित याचिका

अंधेरी में आधुनिक कामगार अस्पताल को फिर से शुरू करने के लिए अब एक अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। केंद्र सरकार के अधीन यह कामगार अस्पताल पिछले चार साल से बंद पड़ा है. राज्य कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजेश शर्मा ने बताया कि सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आखिरकार बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई और इस याचिका पर सुनवाई 3 जुलाई को होगी.

राजेश शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार से फॉलो अप कर अंधेरी स्थित कामगार अस्पताल को फिर से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. लाखों श्रमिकों के स्वास्थ्य के मुद्दे के बावजूद सरकार अस्पताल को शुरू करने के लिए गंभीरता से काम नहीं कर रही है. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव के निर्देशानुसार केंद्रीय श्रम मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा ने इस मुद्दे पर मुंबई में बैठक की और तीन महीने में ओपीडी विभाग शुरू करने का वादा किया. लेकिन अस्पताल में अभी तक कोई स्वास्थ्य सेवा शुरू नहीं की गई है. आश्वासन के बावजूद अस्पताल शुरू नहीं होने पर कर्मियों ने रोष जताया है। चूंकि सरकार कुछ नहीं कर रही है, इसलिए इस अस्पताल को जल्दी शुरू करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। 

अंधेरी के कामगार अस्पताल में ओपीडी, आईपीडी (350 बेड) आईसीयू और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं 24 घंटे खुली रहती हैं. अस्पताल में पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, एक्स-रे, सीटी-एमआरआई, ऑपरेशन थियेटर समेत तमाम सुविधाएं हैं. ओपीडी विभाग में प्रतिदिन 1800 से 2000 मरीज आ रहे हैं। सभी प्रकार के ऑपरेशन नि:शुल्क किए गए. लेकिन 17 फरवरी 2018 को इस अस्पताल में आग लगने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और 150 लोग घायल हो गए थे. राजेश शर्मा ने यह भी कहा कि यह अस्पताल तभी से बंद है।

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