Monday 23 January 2017

10 वर्ष में 16 नगरसेवकों का पद हुआ ख़ारिज

फर्जी जाति प्रमाणपत्र और दो से अधिक बच्चों के चलते गत 10 वर्ष में 16 नगरसेवकों का पद मुंबई महानगरपालिका ने ख़ारिज करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को महानगरपालिका सचिव कार्यालय ने दी हैं। सबसे ज़्यादा 12 नगरसेवक वर्ष 2007 से 2012 इस दौरान गलत पाएं गए थे।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महानगरपालिका सचिव कार्यालय से गत 10 वर्ष में ख़ारिज नगरसेवकों की जानकारी मांगी थी। महानगरपालिका सचिव विभाग के सहायक महानगरपालिका सचिव प्रमोद गिरी ने अनिल गलगली को 30 पन्ने वाली जानकारी उपलब्ध कराई जिसमें 14 नगरसेवक फर्जी जाति प्रमाणपत्र और 2 नगरसेवकों  दो से  अधिक बच्चों के चलते अपना पद खोना पड़ा था। वर्ष 2007 के महानगरपालिका चुनाव में चुनकर आए शिरीष चोगले, सुनिल चव्हाण, लालजी यादव, रश्मी पहडुकर, नारायण पवार, प्रवीण देव्हारे, विश्वनाथ महाडेश्वर, सुभाष सावंत, अंजुम असलम, सिमिंतीनी नारकर, भारती धोंगडे फर्जी जाति प्रमाणपत्र वहीं गुलशन चौहान को 2 से अधिक बच्चों होने के चलते इनका नगरसेवक पद ख़ारिज किया गया। वर्ष 2012 के महानगरपालिका चुनाव में जीते नगरसेवकों में से भावना जोबनपुत्र, महंमद इसाक ,कोडम अनुपा आर ये फर्जी जाति प्रमाणपत्र और शेख सिराज दो से अधिक बच्चों होने की बात साबित होने से मनपा ने उन्हें नगरसेवक पद से वंचित किया।

अनिल गलगली के अनुसार महानगरपालिका सचिव विभाग ने इतनी महत्वपूर्ण जानकारी वेबसाइट पर आज तक अपलोड नहीं की हैं।मनपा चुनाव में जाति प्रमाणपत्र वैध नहीं होने पर राजनीतिक दलों को ऐसे लोगों को उम्मीदवारी देने से बचना चाहिए क्योंकि वैध और अवैध के चक्रव्यूह में होनेवाली देरी से  नगरसेवक जिस वार्ड का प्रतिनिधीत्व करता हैं वहां की तेथील नागरी सुविधा कामों में व्यवधान उत्पन्न होता हैं। जो नगरसेवक विभिन्न कारणों से नगरसेवक पद से ख़ारिज हुए हैं उन्हें भविष्य में उम्मीदवारी न देने की सर्तकता राजनीतिक दल ले, ऐसी मांग अनिल गलगली ने की हैं।

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