Saturday 23 April 2016

हेमा मालिनी पर भाजपा सरकार की डबल मेहरबानी

भाजपा सरकार डबल मेहरबान होगी तो क्या हो सकता है और क्या नहीं ? इसका ज्वलंत अनुभव ओशिवारा स्थित 2000 वर्ग मीटर का भूखंड वितरण प्रक्रिया से आसानीे से आता हैं। भाजपा सांसद और प्रख्यात अभिनेत्री हेमा मालिनी के नाटय विहार केंद्र की सिर्फ 1.75 लाख में (87.5 रु वर्ग मीटर रेट से) करोड़ों का भूखंड बहाल होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त कागजात से होती हैं। देश में पहली बार 1.75 लाख के न के बराबर रेट में भूखंड के साथ 8.25 लाख रिटर्न दिया जाएगा। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय से हेमा मालिनी की नाटय संस्था को दिए गए भूखंड की जानकारी मांगी थी। मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय ने हेमा मालिनी को दिए जानेवाले भूखंड के तहत दी गई जानकारी चौकानेवाली हैं। हाल ही में जो भूखंड अंधेरी तालुका स्थित आंबिवली में दी गई जमीन गार्डन के लिए आरक्षित है उस जमीन को हेमा मालिनी की संस्था को सिर्फ रु 35 प्रति वर्ग मीटर के रेट से देकर भूखंड की खैरात की हैं। वर्ष 2016 में सरकार ने दिनांक 1/2/1976 के मुल्यांकन का आधार लिया है जो उसवक्त प्रति वर्ग मीटर का रेट रु 140/- इतना था। हेमा मालिनी को उसी रेट के 25 प्रतिशत यानी सिर्फ रु 35/- इतनी ही रकम अदा करनी होगी। इसके पहले हेमा मालिनी की संस्था को अंधेरी तालुका के वर्सोवा का भूखंड दिनांक 4/4/1997 को दिया गया था उसवक्त संस्था ने रु 10 लाख अदा किए थे लेकिन इसमें से कुछ हिस्सा ये सीआरझेड से प्रभावित होने से हेमा मालिनी ने किसी भी तरह का निर्माण काम किया नही। साथ ही में आज तक कुल प्रोजेक्ट खर्च की 25 प्रतिशत रकम भी इकट्ठा नही करने के बाद भी भाजपा सरकार ने इस ओर ध्यान दिया नही और हेमा मालिनी की संस्था को वैकल्पिक भूखंड का वितरण कर ही किया। हेमा मालिनी के नाट्य विहार केंद्र ने इसके पहले 10 लाख अदा किया था। नया मूल्यांकन ध्यान में रखते हुए 2000 वर्ग मीटर भूखंड की किंमत 1.75 लाख इतनी हो रही हैं। पहले जमा 10 लाख से 1.75 लाख कम करने पर शेष रु 8.25 लाख सरकार को रिटर्न करना पड़ेगा। जिससे भूखंड के साथ सरकार की तिजोरी से पैसा भी रिटर्न करने की बात शर्मिंदा करनेवाली हैं और यह महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार होने की टिप्पणी अनिल गलगली ने की हैं। वर्सोवा स्थित भूखंड की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग हेमा मालिनी की नाटय विहार केंद्र ने दिनांक 6/7/2007 को सरकार से कर आरक्षित क्षेत्र में से 2000 वर्ग मीटर जगह नाटय विहार केंद्र कोबप्रदान कर शेष जगह पर प्रस्तावित गार्डन का विकास उनके ट्रस्ट द्वारा करने की मांग की थी। इस प्रस्ताव को सरकार ने दिनांक 30/7/2010 को मंजूर भी किया। सरकार ने संस्था से कुछ मामलों की जानकारी मांगने पर संस्था ने उसकी पूर्ती आज तक नही की हैं। अंधेरी के आंबिवली स्थित सर्वे क्रमांक 109 A/1, नगर भुमापन क्रमांक 3 के क्षेत्र 29360.50 वर्ग मीटर जमीन गार्डन के लिए आरक्षित रखे क्षेत्र में से 2000 वर्ग मीटर देने का आदेश सरकार के उपसचिव माधव काले ने दिनांक 23 दिसंबर 2015 को जारी किया। राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ने दिनांक 19 दिसंबर 2015 को उनकी अध्यक्षता में बैठक आयोजित की थी। उस बैठक के बाद सरकारी चक्र घुमने लगे और सिर्फ 70 हजार में करोड़ों का भूखंड हेमा मालिनी की संस्था नाटय विहार केंद्र को बहाल करने को मंजूरी दी। मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय ने दिनांक 15/1/2016 को पत्र भेजकर पुनश्च कुछ दस्तावेज और मामलों की पूर्ती करने की सूचना सांसद सदस्य हेमा मालिनी को भेजे हुए पत्र में की हैं। दिनांक 14/8/2015 को हेमा मालिनी स्वयं भूखंड के स्थान पर उपस्थित थी और उसके बाद ही उनके संस्था को भूखंड सरकार को मंजूरी दी। भाजपा सरकार राज्य की जनता को दिभ्रमित करते हुए एक ओर छगन भुजबळ और अन्य नेताओं किब संस्था को करोड़ों का भूखंड कैसे कम दामों में मिला है, ऐसा आरोप करती हैं और दूसरी ओर हेमा मालिनी की संस्था को 70 करोड़ का भूखंड 1.75 लाख में कैसे देती हैं, ऐसा सवाल अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई उपनगर के जिल्हाधिकारी को भेजे हुए पत्र में किया हैं और रेडी रेकनर के बजाय वर्ष 1976 का मुल्यांकन दाम से भूखंड देने के फैसले पर अचरज व्यक्त किया हैं।

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