Tuesday 16 February 2016

पद्मभूषण शापूरजी पालनजी पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन ने मुंबई पुलिस को उल्लू बनाया

मुंबई पुलिस विभाग की जमीन पर झोपडपट्टी पुर्नविकास करने के नाम पर 2 इम्पीरियल टावर बनाने वाली पद्मभूषण शापूरजी पालनजी पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन ने मुंबई पुलिस को उल्लू बनाते हुए 3025.75 वर्ग मीटर का निर्माण नहीं करने से जमीन के गैरव्यवहार की जांच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा शुरु होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई पुलिस ने दी हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाजपा सरकारने विकासक शापूरजी पालनजी को सर्वोच्च ऐसा पद्मभूषण पुरस्कार देने की घोषणा की हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 19 अक्तूबर 2015 को राज्य के विभिन्न स्थानों पर पुलिस के लिए आरक्षित भूखंड की जानकारी और यथार्थ जानने के लिए महाराष्ट्र राज्य पुलिस गृहनिर्माण एवं कल्याण महामंडल के पास आवेदन करने पर उनका आवेदन राज्य के सभी पुलिस आयुक्त के पास हस्तांतरित किया। मुंबई पुलिस आयुक्तालय के जन सूचना अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त संजय रांगणेकर ने अनिल गलगली को मुंबई के 4 मामलों की जानकारी दी है जिन्होंने मुंबई पुलिस को उल्लू बनाया था उसमें पद्मभूषण शापूरजी पालनजी पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन का नंबर सबसे आगे हैं। मुंबई के ताडदेव स्थित एम पी मिल कंपाउंड में 4.26 हेक्टर जमीन झोपडपट्टी से अतिक्रमित थी। इस जमीन का पुर्नविकास करने का आदेश महाराष्ट्र सरकार के राजस्व और वन विभाग ने दिनांक 2/2/1989 को निर्गमित किया। उसमें 3.31 हेक्टर जमीन झोपडपट्टी पुर्नविकास के लिए और शेष 0.95 हेक्टर ( 9500 वर्ग मीटर) जमीन यह पुलिस विभाग के लिए आरक्षित रखने का आदेश था। झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण ने झोपडपट्टी पुर्नविकास अंतर्गत निर्गमित किए हुए लेटर ऑफ इंटेड (आशयपत्र) में 9100 वर्ग मीटर के ऐवज में 3025.75 वर्ग मीटर का निर्माण क्षेत्र विकासक पद्मभूषण शापूरजी पालनजी पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन ने विनामूल्य बनाकर देने का आदेश दिया। उसी के तहत 68 फ्लैट का प्लान भेजा लेकिन सरकार के दिनांक 2/2/1989 के आदेश के तहत 0.95 हेक्टर (9500 वर्ग मीटर) जमीन मुंबई पुलिस को मिलना जरुरी होते हुए 9100 वर्ग मीटर इतना क्षेत्रफल बताया गया। यानी 400 वर्ग मीटर इतना क्षेत्रफल कम बताकर फ्रॉड किया गया जिसके चलते अपर पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र राज्य पुलिस गृहनिर्माण एवं कल्याण महामंडल ने 7 मई 2015 को पद्मभूषण शापूरजी पालनजी पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन इस कंपनी की जांच आर्थिक अपराध शाखा से करने की गुजारिश मुंबई के पुलिस आयुक्त राकेश मारिया से की और मारिया ने दिनांक 24 जून 2015 को सह पुलिस आयुक्त, आर्थिक अपराध शाखा से जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया हैं। फिलहाल यह मामला वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक कापसे के पास प्रलंबित हैं। इसतरह पद्मभूषण शापूरजी पालनजी पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन इस कंपनी ने खुद के 2 आलिशान इंपेरियल टावर तो फटाफट बनाया लेकिन मुंबई पुलिस को कोई भी खुली जमीन नही दी ना 3025.75 वर्ग मीटर का निर्माण क्षेत्र हस्तांतरित किया। ताज्जुब की बात यह हैं कि 17 वर्ष से यह प्रोजेक्ट शुरु हैं। ऐसी वस्तुस्थिती और जांच शुरु होते हुए जिस व्यक्ती के पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन इस कंपनी ने मुंबई पुलिस से फ्रॉड करते हुए सीधे उल्लू बनाया ऐसे व्यक्ती को पद्मभूषण देने का भाजपा सरकार का प्रयास जायज न होने का मत अनिल गलगली ने व्यक्त किया। कल जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुआ तो पद्मभूषण पुरस्कार की तौहीन होगी सरकार की बदनामी होने का डर अनिल गलगली ने जताया। पद्मभूषण शापूरजी पालनजी पार्टनर वाली एसडी कारपोरेशन जैसे और 3 बिल्डरों ने मुंबई पुलिस को उल्लू बनाया था जो अब सुधर गए हैं। वर्सोवा स्थित यारी रोड पर मेसर्स लॉजीस्टिक्स कंपनी ने पुलिस के नाम पर आरक्षित 11 फ्लैट देने पर सहमती जताई हैं। म्हाडा के मालिकाना जमीन पर 748 वर्ग मीटर जमीन पुलिस विभाग के लिए आरक्षित हैं। मेसर्स रिचा डेवलपर्स अब पुलिस को विनामुल्य पुलिस ठाणे बनाकर दे रही हैं और 60 फ्लैट सहूलियत के दाम पर बनाकर देने के लिए राजी हुई हैं। विक्रोली, टागोर नगर स्थित इमारत क्रमांक 54 में 8 फ्लैट पुलिस विभाग की प्रॉपर्टी थी लेकिन बिल्डर मेसर्स आदित्य इंटरप्राइजेस ने पुलिस विभाग की अनुमति के बिना डायरेक्ट पुर्नविकास काम किया। बाद में बिल्डर ने म्हाडा की अनुमति लेने की जानकारी दी और कुछ बकाया रकम अदा करने के बाद मुंबई पुलिस को 8 फ्लैट देगी।

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