Wednesday 16 November 2016

BKC की सफाई करनेवाली मनपा का रु 2.77 करोड़ एमएमआरडीए ने नहीं दिया

मुख्यमंत्री की अध्यक्षतावाली एमएमआरडीए अपने अधिकार वाली सड़कों की सफाई के लिए मनपा पर निर्भर हैं। गत 891 दिन का रु 2 करोड़ 76 लाख 73 हजार 918 रूपये और 67 पैसे  एमएमआरडीए पर बकाया होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को महानगरपालिका ने दी हैं।  एमएमआरडीए प्रशासन मनपा की सफाई के बलबूते पर करोड़ों का मुनाफा कमाने से इस बकाया रकम पर ब्याज देने की मांग हो रही हैं। 

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने  महानगरपालिका के सांताक्रूझ एच पूर्व कार्यालय से बीकेसी में की गई सफाई की जानकारी मांगी थी। मनपा के घनकचरा विभाग ने अनिल गलगली को बताया कि गत 891 दिन का रु 2 करोड़ 76 लाख 73 हजार 918 रुपए और 67 पैसे आज तक एमएमआरडीए प्रशासन ने अदा नहीं किए हैं। लगातार फॉलो अप करने के बाद एमएमआरडीए प्रशासन के अभियांत्रिकी विभाग के  मुख्य अभियंत ने मनपा को रकम अदा नहीं की ना जबाब देने की जहमत उठाई।   महानगरपालिका ने एमएमआरडीए की हद में स्थित बांद्रा- कुर्ला संकुल यानी बीकेसी के सड़कों की  सफाई यांत्रिक झाडू से करने का काम आरंभ किया। इस काम के लिए मेसर्स केबीए इन्फ्रास्ट्रक्चर अँड क्लीनटेक प्रायव्हेट लिमिटेड (जेव्ही) इस ठेकेदार को मनपा ने नियुक्त किया।  दिनांक 25 मई 2014 से काम शुरु किया गया।  5 वर्ष की अवधि के लिए रोजाना रु 29007 इस दाम से और दूसरे वर्ष 5 प्रतिशत बढ़े हुए दाम से करने का फैसला लिया गया। उसके अलावा सेवा का खर्च 15% पर्यवेक्षण के हिसाब से वसूल करने की कार्यवाही एच पूर्व मनपा वॉर्ड कार्यालय द्वारा करने की जानकारी एमएमआरडीए प्रशासन को 3 जून 2014 को दी गई।


गत 30 महीनों से एमएमआरडीए प्रशासन के अभियांत्रिकी विभाग को 4 बार पत्रव्यवहार करनेवाली मनपा को एक कौड़ी की कींमत नहीं दी गई और फोकट एमएमआरडीए प्रशासन सफाई काम को अंजाम देनेवाली एमएमआरडीए के इस रवैय्ये पर अनिल गलगली ने अचरज जताया। मनपा ने एमएमआरडीए प्रशासन से ब्याज सहित रकम वसूल करने की मांग करते हुए मनपा की रकम देने में लापरवाही बरतने वाले मुख्य अभियंता पर कार्यवाही करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे हुए पत्र में गलगली ने की हैं। एमएमआरडीए मनपा की सफाई काम पर ही सालाना करोड़ों का मुनाफा कमाने से बकाया रकम पर ब्याज दिया तो एमएमआरडीए का खजाना में कमी नहीं आएगी। ऐसा मत अनिल गलगली ने व्यक्त किया।

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