महाराष्ट्र के नंदुरबार(अ.ज.) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आये भाजपा के विधायक डॉ विजयकुमार गावित ने उम्मीदवारी दाखिल करने के दौरान दायित्व अंतर्गत सरकारी बकाया की राशि की जानकारी छिपाने का आरोप कर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्य चुनाव अधिकारी के पास शिकायत दर्ज की हैं। गावित ने मंत्री पद छोड़ने के बाद सरकारी जुर्माने की करीब 44 लाख की रकम अदा न करने का आरोप उनपर हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के पास भेजे हुए शिकायत में कहा हैं कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को पेश किए हुए हलफनामा में सरकारी बकाया राशि की जानकारी का ज़िक्र करने के बजाय उसे छिपाने का काम किया हैं। असल में गावित ने 20 मार्च 2014 से मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद भी सरकारी निवासस्थान 'सुरुचि' खाली नहीं किया। 25 सितंबर 2014 को चुनाव के हलफनामे में गावित ने इस निवासस्थान की बकाया राशि की जानकारी देना जरुरी था लेकिन उन्होंने निरंक ऐसा शब्द लिखकर चुनाव आयोग को द्विभ्रमित किया। मंत्रिपद से हटने से लेकर चुनाव आयोग में हलफनामा पेश करने तक गावित ने ना निवासस्थान छोड़ा ना बकाया राशि अदा की। दायित्व के अंतर्गत सरकारी बकाया राशि का ज़िक्र न कर गावित उसे छिपाने का काम करने का आरोप आरोप गलगली ने किया और उनका सदस्यत्व रद्द करने की मांग की हैं। इस शिकायत की कॉपी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय को भेजी हैं।
अनिल गलगली के अनुसार 27 मार्च 2003 को चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के 2 मई 2002 के निर्णय का हवाला देकर जारी किए आदेश का उल्लंघन गावित ने कर सरकारी बकाया राशि की जानकारी छिपाई हैं। अब चुनाव आयोग गावित पर कौनसी कार्रवाई करती हैं? इसपर सबका ध्यान हैं।अनुशासनात्मक भारतीय जनता पार्टी ने गावित से इस्तीफा लेकर चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान रखे, ऐसी अपेक्षा अनिल गलगली ने की हैं।
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