नोटबंदी के बाद ₹ 2000 मूल्य वर्ग के नोटों का मुद्रण करने के बाद मचा हाहाकार के बाद भारत सरकार ने इस भयंकर गलती को सुधारने का कार्य किया हैं। भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड वर्तमान में सिर्फ ₹ 500 और इससे कम मूल्य वर्ग के नोटों का ही मुद्रण करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हैं। ₹ 500 के नए करंसी नोट के मुद्रण की औसत लागत को अभी तक निर्धारित नही किया गया हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने भारतीय रिजर्व बैंक से नई करंसी के साथ पुरानी करंसी की विभिन्न जानकारी मांगी थी। इसके पहले उन्हें पुरानी और नई करंसी ₹ 2000 का मुद्रण की जानकारी दी गई। अनिल गलगली का आवेदन पी विजय कुमार ने भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड को आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 6(3) अंतर्गत हस्तांतरित किया था। भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड के लोक सूचना अधिकारी के पी श्रीवास्तव ने अनिल गलगली का आवेदन देवास के बैंक नोट मुद्रणालय और नासिक के चलार्थ पत्र मुद्रणालय को हस्तांतरित किया। गलगली का आवदेन हस्तांतरित करते हुए बताया गया कि वर्तमान में भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड यानी एसपीएमसीआईएल के अधीन प्रेसों में ₹ 500 (नए) के करेंसी नोट एवं इससे कम मूल्य वर्ग के नोटों का मुद्रण किया जा रहा हैं। ₹ 500 के नए करेंसी नोट के मुद्रण की औसत लागत को अभी तक निर्धारित नहीं किया गया हैं।
अनिल गलगली ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ₹ 2000 की करीब 5 लाख करोड़ नए करेंसी नोट का मुद्रण कर फंस गई थी जबकि 8 नवंबर 2016 तक ₹ 500 और इससे कम मूल्यवर्ग के नए करेंसी नोट के मुद्रण की आवश्यकता अधिक थी। इससे आम लोग कतार के खड़े रहने और बेमौत मरनेवालों को बचाया जा सकता था।
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