मुंबई महानगरपालिका चुनाव के अंतर्गत घोषित प्रभाग संरचना के खिलाफ प्राप्त हुए 629 आपत्तियों में से सिर्फ 28 आपत्तियां मंजूर की गई हैं और आपत्तियां आने के बाद 30 मुंबई मनपा प्रभाग की सीमारेखा चुनाव आयोग ने बदलने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मनपा के चुनाव विभाग ने दी हैं। कुल मंजूर 28 आपत्तियों में सर्वाधिक आपत्ति राजनीतिक नेताओं की होने से इन आपत्तियों को राजनीतिक बल मिलने की चर्चा हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा के चुनाव विभाग से प्रभाग संरचना के अंतर्गत प्राप्त आपत्ति और की गई कारवाई की जानकारी मांगी थी। मनपा के चुनाव विभाग ने अनिल गलगली को बताया कि कुल 629 आपत्तियां प्राप्त हुई थी जिसमें से 266 आपत्तिधारक उपस्थित थे। चुनाव विभाग ने 28 आपत्ति मंजूर की और 601 आपत्तियां नामंजूर की। 227 प्रभाग में से 30 प्रभाग की सीमाओं सुनवाई के बाद बदलाव किया गया। सुनवाई के बाद जो बदलाव किया गया उसमें प्रभाग क्रमांक 20, 21, 22, 25, 26, 27, 75, 86, 95, 96, 104, 107, 108, 124, 126, 127, 128, 132, 143, 145, 156, 157, 163, 164, 187, 189, 191, 192, 195 और 199 शामिल हैं।
जो 28 आपत्तियां मंजूर की गई इनमें सर्वाधिक आपत्तियां राजनीतिक नेताओं की थी। मंजूर आपत्तिधारकों में मनपा के विपक्ष के नेता प्रविण छेडा, सुधार समिती के अध्यक्ष प्रकाश गंगाधरे, प्रमोद सावंत, हारुन खान, शैलजा गिरकर, विष्णू गायकवाड, प्रभाग समिती अध्यक्ष सुधीर जाधव, किशोरी पेडणेकर,श्रीकांत कवठणकर का नाम आगे हैं और अन्य मामलों में भाजपा, मनसे से जुड़े आपत्तिधारकों के नाम हैं।
आपत्तिधारकों को सुनवाई का आदेश लिखित बताने की जिम्मेदारी चुनाव विभाग या चुनाव आयोग के से किसकी हैं, इसकी जानकारी पूछने पर अनिल गलगली को बताया गया कि महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग के आदेशानुसार सुनवाई की जानकारी स्वतंत्र तौर पर बताने की कोई जरुरत नहीं हैं। जिसके चलते आपत्ति दर्ज करनेवाले आपत्तिधारकों को किसी भी तरह का जबाब या जानकारी नहीं दी गई।
अनिल गलगली के अनुसार समय कम देने से प्रभाग संरचना में हुई धांधली भविष्य में आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं। लॉटरी जारी करने के बाद प्रभाग संरचना गठित करने की प्रक्रिया गलत होने की बात अनिल गलगली ने कही हैं।
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