नई 500 की नोट की छपाई के खर्च को लेकर आखिर कितना खर्च होता हैं? इस बात को जानने की जिज्ञासा हर एक भारतीय को हैं।500 का 1 नोट के लिए सरकार 3.09 रुपए अदा करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण (प्रा.) लिमिटेड ने दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने भारतीय रिज़र्व बैंक से नई करंसी वाली 500 और 1000 के नोट की मुद्रण की छपाई का कुल खर्च और कुल नोटों की संख्या के साथ ठेके की कुल रकम का ब्यौरा मांगा था। भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनिल गलगली का आवदेन सूचना का अधिकार,2005 की धारा 6(3) के तहत उसे भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण (प्रा.) लिमिटेड को हस्तांतरित किया था। भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण (प्रा.) लिमिटेड के उप महाप्रबंधक पी विल्सन ने अनिल गलगली को जानकारी दी कि वर्ष 2016-2017 के आर्थिक वर्ष में उनकी कंपनी नई डिजाईन वाली 500 के एक हजार नोट को बेचने का दाम 3090 रुपए हैं। यानी 500 की एक नोट का छपने का मूल्य 3.09 रुपए हैं। 1000 की नोट की जानकारी उनके पास नहीं हैं।
500 और 1000की नोट का ठेका, कुल किंमत, जारी की गई रकम और प्रलंबित रकम की जानकारी मांगने पर अनिल गलगली को सूचना का अधिकार 2005 की धारा 8(1)(क) के तहत ख़ारिज की गई। धारा कहती हैं कि वह सूचना जिसे सार्वजनिक किए जाने से देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा पहुंचता हो। राज्य की सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हो। विदेशों से संबंध में बुरा असर पड़ता हो या किसी आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता हो।
अनिल गलगली के अनुसार उन्होंने ठेकेदार का नाम पूंछा नहीं सिर्फ कुल आर्डर, उसकी रकम, ठेके की रकम और जारी की रकम की जानकारी मांगी थी जो जनहितार्थ सार्वजनिक कर भारतीय रिज़र्व बैंक जनता में खोयी हुई अपनी प्रतिष्ठा को पुर्नस्थापित कर सकती हैं। इसतरह हर बार बेवजह सूचना को ख़ारिज कर अपरोक्ष तौर पर आरबीआई पर पारदर्शकता और जबाबदेही से बचने का आरोप अनिल गलगली ने लगाया हैं। केंद्र सरकार ने स्वयंस्फूर्त होकर इसे सार्वजनिक करने की जरुरत हैं।
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