मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की आरटीआई के बाद 225 करोड़ का एअर इंडिया में सॉफ्टवेअर घोटाला उजागर हुआ हैं और सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की हैं।केंद्रीय सतर्कता आयोग ने एफआईआर दर्ज कर जाँच करने की सिफारिश सीबीआई से की थी। वर्ष 2014 में अनिल गलगली की शिकायत पर मामला आगे बढ़ा है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने एअर इंडिया, सॅप एजी और आयबीएम के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच करने की शुरुवात की। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एअर इंडियाने बताया था कि एअर इंडिया के निदेशक मंडल ने इसपर गौर फरमाते हुए फैसला लिया और एअर इंडिया में सॅप ईआरपी प्रणाली कार्यान्वित करे। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सप्लायस् अंड डिस्पोसल के दाम पर 225 करोड़ तय किया गया जिसके चलते विज्ञापन नहीं दिया गया। अनिल गलगली ने पुरे मामले को केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। आयोग ने सभी दस्तावेज का अध्ययन कर सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी और सीबीआई ने हाल ही में एफाईआर दर्ज की हैं।
अनिल गलगली ने इस कार्रवाई का स्वागत कर मांग की हैं कि इस घोटाले में लिप्त राजनीतिक सूत्रधारों के नाम सार्वजनिक होने की आवश्यकता हैं।
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