Friday, 10 November 2017

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और शिर्के कंपनी के आर्थिक खातों का ऑडिट करेगी एमएमआरडीए

मुंबई में सबसे महंगी जमीनों में से एक ऐसे बीकेसी में 13 एकड़ का भूखंड एमएमआरडीए प्रशासन ने शैक्षणिक काम के लिए मुंबई क्रिकेट असोसिएशन को दिया था जिसके हुए व्यावसायिक इस्तेमाल के मद्देनजर एमएमआरडीए ने अब मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और शिर्के कंपनी के आर्थिक खातों को  ऑडिट करने जा रही हैं, यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हैं। जबकि भाजपा सरकार के विधायक अध्यक्ष होने से मुंबई क्रिकेट असोसिएशन और शिर्के कंपनी पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षतावली एमएमआरडीए प्रशासन 6 महीने के बाद कार्रवाई नहीं कर रही है उल्टे अब एमसीए में माऊंड गॅलरी बनाने कर प्रस्ताव को मान्यता देने के प्रयास में हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को जारी नोटीस और ऑडिटर नियुक्ती के लिए की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। अनिल गलगली को बताया गया कि एमएमआरडीए प्रशासन ने 13 अप्रैल 2017 को पत्र भेजकर एमसीए अध्यक्ष आशिष शेलार को स्पष्ट किया हैं कि सॉलिसिटर से लीगल सलाह लेने के पश्चात निश्चित किया गया हैं कि अनुभवी आर्थिक ऑडिटिंग फर्म द्वारा सहूलियत दाम से अग्रीमेंट होने के दिनांक से एमसीए और शिर्के इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत जुड़ी हुई सारी एजन्सी के आर्थिक दस्तावेज, आयकर रिटर्नस और ठेके का ऑडिट किया जाएगा जिसमें आयसीए सुविधा मुवैय्या कराई जाती हैं उसके दस्तावेज, असोसिएटशिप फीस, सेवा शुल्क, वार्षिक मेनटेन्स शुल्क, प्रायोजक शुल्क, विज्ञापन शुल्क, कुल संस्था और समय-समय पर आए डोनर्स का समावेश होगा ताकि एमसीए तथा शिर्के से हुए व्यावसायिक इस्तेमाल की जांच होगी। एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान की मान्यता से जारी किए हुए पत्र में एमएमआरडीए की वित्तीय और लेखा विभाग को ऑडिटर नियुक्ति का अधिकार दिया हैं तथा उस विभाग को दस्तावेज और उचित जानकारी देने का निर्देश भी दिया हैं।

एमएमआरडीए प्रशासन ने एमसीए को वितरित जमीन के मामले में कानूनी सलाह लेने के लिए मेसर्स खेतान अँड कंपनी और मेसर्स कांगा अँड कंपनी की नियुक्ति की थी। सलाह के लिए खेतान कंपनी ने किसी भी तरह की व्यावसायिक फीस की मांग नहीं की और मेसर्स कांगा अँड कंपनी ने मांगी हुई रु 65,000/- की रकम एमएमआरडीए द्वारा अदा की गई हैं।

पहले से अग्रीमेंट के शर्तों का उल्लंघन करनेवाली एमसीए के अध्यक्ष और मुंबई भाजपा के अध्यक्ष विधायक एड आशिष शेलार ने 22 अगस्त 2017 को पत्र भेजकर माउंड गैलरी का निर्माण काम प्रस्तावित किया हैं। पहले ही अग्रीमेंट के शर्तों का उल्लंघन करते हुुुए जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल करनेवाली एमसीए का नया प्रस्ताव तबतक नहीं संज्ञान में नहीं लिया जाए जब तक ऑडिट पूर्ण होकर निर्णय न आए, ऐसी मांग अनिल गलगली ने की हैं.

एमएमआरडीए ने दिनांक 05.03.2004 को मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को 80 वर्ष की लीज पर 52,157 वर्ग मीटर का भूखंड दिया जिसपर शुल्क 2,65,98,202 इतनी रकम ली गई। उसमें से 46,941 वर्ग मीटर खुला मैदान जमीन का इस्तेमाल 3 प्रकार का होगा। 10 प्रतिशत जमिन पर 15 प्रतिशत कंस्ट्रक्शन, 23 प्रतिशत जमीन तालाब, टेनिस कोर्ट, नेट्स और अन्य इस्तेमाल और 67 प्रतिशत जमीन सार्वजनिक अनुशासितबद्ध इस्तेमाल के लिए ओपन रखने के अलावा इनडोअर क्रिकेट अकादमी में पुरे महाराष्ट्र के छात्रों को प्रवेश खुला रखने की शर्त थी। यह भूखंड व्यावसायिक प्रयोजनार्थ न इस्तेमाल करने की मुख्य शर्त का उल्लंघन कर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने मेसर्स शिर्के के साथ किए व्यावसायिक एग्रीमेंट से हुआ । शिर्के इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ किया एग्रीमेंट और व्यावसायिक प्रयोजन के मद्देनजर '3 महीने के भीतर योग्य कदम उठाए या लीज एग्रीमेंट निरस्त करेगे' ऐसी नोटीस एमएमआरडीए ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशनला को जारी कर दी है। एमएमआरडीए ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को भूखंड देते वक्त सरकारी नियम, भूखंड वितरण की एमएमआरडीए की नीति और सरकारी निर्णय का उल्लंघन कर मनोरंजन मैदान के लिए आरक्षित भूखंड मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को एकतरह से गिफ्ट ही दिया। क्योंकि स्वयं सरकार ने प्रायवेट संस्था की भूखंड, गार्डन देने पर दिनांक 15.05.2000 को रोक लगाई थी। एमएमआरडीए की नीतियों के तहत मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को भूखंड वितरित करने की मांग विचारार्थ नही ली जा सकती है, ऐसी जानकारी अनिल गलगली को उपलब्ध कराए दस्तावेजों के आधार पर सामने आ रही है। टेंडर दिए बिना मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को भूखंड देने से एमएमआरडीए को रु 13.95 करोड़ का घाटा होने का जिक्र ऑडिट रिपोर्ट में है। एमएमआरडीए की नींद भले ही देरी से खुली लेकिन आयकर विभाग ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की व्यावसायिक कार्यशैली को भांपकर आयकर में दी जानेवाली रियायत को रद्द किया। इस मामले में एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय में दस्तक भी दी लेकिन उन्हें वहां से कोई भी राहत नहीं मिली और आयकर अदा किया। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली एमएमआरडीए प्रशासन कानूनन सलाह लेने के नाम पर 6 महीने से मेसर्स कांगा एंड कंपनी से पत्राचार करती रही है। 

सरकारी लीगल विभाग किसी काम का न होने का बर्ताव कर एमएमआरडीए ने समय की बर्बादी कर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से भूखंड कब्जे में लेने के मामले से भागने की कोशिश करने का आरोप अनिल गलगली ने किया है. क्रिकेट यह खेल अब शैक्षणिक कैसे और कब से हुआ है? यह बात भी जांच का विषय है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान से भूखंड वापस लेते हुए एक हजार करोड वसूल करने तथा मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और मेसर्स शिर्के पर कारवाई करने की मांग की है।

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