मुंबई विद्यापीठ की ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम का बारह बजानेवाली विवादित मेरीट ट्रॅक कंपनी को मुंबई विद्यापीठ ने रुपए 1.18/- करोड़ अदा करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई विद्यापीठ दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई विद्यापीठ से मेरीट ट्रॅक कंपनी को मुंबई विद्यापीठ ने अदा की हुई रकम और बकाया रकम की जानकारी मांगी थी। मुंबई विद्यापीठ ने अनिल गलगली को बताया कि मेरीट ट्रॅक सर्विस प्रा.लिमिटेड कंपनी ने दो बिल पेश किए थे। एक बिल दिनांक 18 मई 2017 को पेश किया था जिसकी रकम रुपए 1,48, 63, 750/- इतनी थी। वहीं दूसरा बिल दिनांक 16 अगस्त 2017 को पेश किया था जिसकी रकम रुपए 2,69,27,350.99/- इतनी थी।कुल रकम रु 4,17,91,100.99/- इतनी हो रही थी। मुंबई विद्यापीठ ने इसमें से रुपए 1,18,17,404/- इतनी रकम अदा की और वर्तमान में रुपए 2,99,73,696.99/- इतनी रकम अदा करना शेष हैं।
अनिल गलगली के अनुसार जिस मेरीट ट्रॅक कंपनी से मुंबई विद्यापीठ का नाम कलंकित हुआ और पूरे विश्व में मुंबई विद्यापीठ को परीक्षा का परिणाम घोषित करने के मामले में पूरीतरह हार स्वीकारनी पड़ी। उस मेरीट कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर जुर्माना वसूल करने के बजाय उस कंपनी क आर्थिक सहाय करना अनुचित हैं। चांसलर और राज्यपाल विद्यासागर राव समेत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिक्षा मंत्री विनोद तावडे, वाईस चांसलर प्रो देवानंद शिंदे को लिखे पत्र में अनिल गलगली ने आगे एक भी पैसा अदा न करते हुए जुर्माना वसूल करने की मांग की हैं। मेरीट कंपनी को बढ़ावा देने के आरोप में डॉ संजय देशमुख को बाहर किया गया लेकिन जिस मेरीट कंपनी से चारों ओर गड़बड़ी हुई उस कंपनी को मदद करना ही चिंता का विषय होने का आरोप अनिल गलगली ने किया हैं।
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