मुंबई समीप अरबी समुद्र में बननेवाले छत्रपती शिवाजी महाराज का आंतरराष्ट्रीय स्तर का स्मारक के निर्माण को 13 विभाग से एनओसी मिलने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को छत्रपती शिवाजी महाराज स्मारक योजना विभाग ने दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 महीने के पहले स्मारक का जलपूजन होने के बाद अबतक रु 15,82,80,011/- खर्च हुआ हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए और छत्रपती शिवाजी महाराज स्मारक योजना विभाग ने स्मारक की जानकारी उपलब्ध कराकर दी। छत्रपती शिवाजी महाराज स्मारक योजना विभाग चे उप अभियंता विजय जेथ्रा ने अनिल गलगली को उपलब्ध कराए दस्तावेज में 13 विभाग की एनओसी और हुए खर्च की जानकारी हैं। जिन 13 विभाग ने एनओसी दी हैं उसमें नेवी, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, मेरिटाईम बोर्ड, बीएनएचएस इंडिया, मत्स्य व्यवसाय विभाग, कोस्ट गार्ड पुलिस, मुंबई पुलिस आयुक्त, वन और पर्यावरण विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, मुंबई महानगरपालिका आयुक्त, बेस्ट महाव्यवस्थापक, एअरपोर्ट ऑथोरिटी, एव्हिएशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया का शुमार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुभहाथों दिनांक 24 दिसंबर 2016 को योजना के स्थान पर जलपूजन कार्यक्रम किया गया था। उसवक्त एमएमआरडीए प्रशासन ने खर्च वहन करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग के लगातार दबाव के चलते रु 5.54/- करोड़ अदा किया हैं। इसमें रु 2.54/- करोड़ सार्वजनिक निर्माण विभाग को दिया हैं। नितीन देसाई के मेसर्स एनडी आर्ट वर्ल्ड प्रायव्हेट लिमिटेड कंपनी को रु 3 करोड़ अदा केले. नितीन देसाई ने एडवांस रकम लेकर काम किया। एमएमआरडीए प्रशासन ने प्रधानमंत्री के हाथों होनेवाले भूमीपूजन कार्यक्रम में अवरोध पैदा न हो, इसलिए सभी सिफारिशों को मान्य किया। लेकिन आज तक सार्वजनिक निर्माण विभाग ने उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया नहीं। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने ईजीआयएस इंडिया कन्स्ट्रकॅशन इस कंपनी को रु 10,18,10,177/- इतनी रकम दी हैं और देशमुख कन्स्ट्रकॅशन कंपनी को रु 10,69,834/- इतनी रकम दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 महीने के पहले स्मारक का जलपूजन करने से लेकर आज तक रु 15,82,80,011/- खर्च किया हैं।
मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने एनओसी देते हुए दिए हुए अभिप्राय के बाद सरकार ने एक विशेषज्ञ कमिटी का गठन किया हैं। मुंबई पुलिस ने अपने अभिप्राय में आतंकवादी हमले की संभावना व्यक्त करते हुए आतंकवाद विरोधी उपाययोजना का ज़िक्र किया हैं। दिनांक 26 नवंबर 2008 को समुद्र से आकर मुंबई शहर पर हमला करनेवाले इसी परिसर में उतरे थे। इसलिए यह परिसर आतंकवाद कृत्य करने के लिए सरल होने की संभावना मुंबई पुलिस ने जताई थी।
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