मुंबई की बेस्ट की सेवा यात्रियों की संख्या लगातार घटने से उसका परिणाम आय में हुआ हैं। वर्ष 2015-2016 इस वर्ष में रु 905.3/- करोड़ का घाटा सहन करनेवाले बेस्ट का प्रति यात्री खर्च रु 21.41/- हैं
बेस्ट प्रशासन ने वर्ष 2014-15 इस दौरान विभिन्न टैक्स के तहत रु 139.68/- करोड़ सरकार को अदा किए हैं वहीं वर्ष 2015-16 इस दौरान रु 136.75/- करोड़ अदा किए हैं। बेस्ट प्रशासन ने वर्ष 2010 से 2016 इन 7 वर्षो के बीच 11 बार नगर विकास, परिवहन, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल को रोड टैक्स, यात्री टैक्स ,पोषण अधिभार, मोटर वाहन टैक्स एवं रजिस्टर लाइसेंस शुल्क और मुल्यवर्धित टैक्स रद्द करने की मांग की हैं। इन मांगों पर सरकार ने आज तक कोई घास नहीं डाली हैं।वर्ष 2014-15 में किराया वृद्धि से बचने के लिए मुंबई मनपा ने रु 150 /- करोड़ का अनुदान दिया था लेकिन बाद में मनपा ने अपनी जिम्मेदारी झटक दी। मनपा का अनुदान के साथ विभिन्न टैक्स की माफी मिलेगी तो बेस्ट को घाटे के सौदे से बाहर निकलने में मदद ही मिलेगी, यह बताते हुए अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा मनपा आयुक्त को लिखित पत्र भेजकर मांग की हैं कि आम लोगों की ऐसी 'बेस्ट' सेवा को संकट के समय पर सरकार और मनपा संयुक्त तौर पर मदद करे। मुंबई की सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार को स्वतंत्र फंड की व्यवस्था कर बेस्ट सेवा को अपनी ममता की छांव देने की अपील अनिल गलगली ने की हैं।
जबकि आय सिर्फ रु 12.88/- होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को बेस्ट प्रशासन ने दी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बेस्ट प्रशासन से बेस्ट यात्री संख्या,आय और बस सेवा पर होनेवाले खर्च की जानकारी मांगी थी। बेस्ट प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि 2015-2016 इस वर्ष में बेस्ट की बससेवा का लाभ लेनेवाले यात्रियों की कुल संख्या 106 करोड़ 10 लाख 84 हजार इतनी हैं। बस सेवा से रु 1367.11/- करोड़ की आय प्राप्त हुई हैं। जबकि बस संचालन का कुल खर्च रु 2272.41/- इतना हुआ हैं। कुल घाटा रु 905.3/- करोड़ हुआ हैं। प्रति यात्री खर्च रु 21.41/- और उस तुलना में आय सिर्फ रु 12.88/- इतनी हैं। रोजाना औसतन 29 लाख 07 हजार 080 यात्री बेस्ट से यात्रा करते हैं।
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