Monday, 22 August 2016
मुख्यमंत्री के सचिवालय में सबसे अधिक शिकायतें गृह विभाग की
टॉप 5 में गृह, राजस्व, नगर विकास, सामान्य प्रशासन और ग्रामीण विकास
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सचिवालय में सबसे अधिक शिकायतें गृह विभाग से प्राप्त होती हैं। गत 20 महीने में 71,475 शिकायत आने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुख्यमंत्री सचिवालय ने दी हैं। कुल 2,44,112 शिकायतों में टॉप 5 में गृह, राजस्व , नगर विकास, सामान्य प्रशासन और ग्रामीण विकास का नंबर लगता हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री सचिवालय में जानकारी मांगी थी कि विभिन्न विभाग को कितनी शिकायते प्राप्त होती हैं और कितनी शिकायते प्रलंबित हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय की जन सूचना अधिकारी और कक्ष अधिकारी वैशाली चवाथे ने अनिल गलगली को 1 नवंबर 2014 से 30 जून 2016 इन 20 महीनों में प्राप्त 31 विभागों की जानकारी पेन ड्राइव में दी। इन 31 विभागों में गत 20 महीने में कुल 2,44,112 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें सबसे अधिक शिकायतें मुख्यमंत्री के अधिनस्थ गृह, नगर विकास और सामान्य प्रशासन विभाग से हैं।सबसे अधिक 71,475 शिकायतें गृह विभाग की हैं। राजस्व और वन विभाग की शिकायतों की संख्या 24,293 हैं। 15,388 नगर विकास, 9,461 सामान्य प्रशासन, 9,368 ग्रामीण विकास ऐसी क्रमवारी हैं। इन 5 विभागों के शिकायतों की संख्या 53.24 प्रतिशत हैं। मुख्यमंत्री सचिवाली को महीने को लगभग 12,205 शिकायतें प्राप्त होती हैं।
कुल 31 विभागों में टॉप 5 के बाद जिन विभागों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं उनमें 6382 पशु संवर्धन और डेरी, 724 मुख्य सचिव, 1189 सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय, 7776 वस्त्रोद्योग और पणन, 602 रोजगार और स्वंयरोजगार, 667 पर्यावरण, 2288 वित्त, 2875 खाद्य आपूर्ति, 3693 उच्च व तंत्र शिक्षा, 8608 गृह निर्माण, 8765 उद्योग, उर्जा और कामगार, 4640 विधी व न्याय, 181 मराठी, 2458 वैद्यकीय शिक्षा, 924 अल्पसंख्याक, 107 संसदीय कार्य, 1186 नियोजन, 4193 सार्वजनिक स्वास्थ्य , 5166 सार्वजनिक निर्माण , 7101 शालेय शिक्षा, 3877 सामाजिक न्याय, 845 पर्यटन व सांस्कृतिक, 807 आदिवासी, 1830 जल संसाधन, 597 जलापूर्ति और 370 महिला व बाल विभाग का शुमार हैं।
रोजगार और स्वयंरोजगार विभाग का रेकॉर्ड नहीं
रोजगार और स्वयंरोजगार विभाग का 12 महीने का रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने का दावा मुख्यमंत्री सचिवालय ने किया हैं। 1 नवंबर 2014 से 31 दिसंबर 2014 तक 55 और 1 जनवरी 2015 से 30 जून 2015 तक 547 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उसके बाद का रेकॉर्ड न होने का दावा किया हैं। वहीं वस्त्रोद्योग और पणन की 60 और उच्च तंत्र शिक्षा विभाग की 2 शिकायतें प्रलंबित हैं।
अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे हुए पत्र में उनका ध्यानाकर्षण किया हैं कि तकरीबन सभी विभागों में आम नागरिकों की शिकायतों का निदान नहीं होता हैं। फलस्वरुप मुख्यमंत्री सचिवालय में शिकायतों की संख्या बढती जा रही हैं। शिकायत निवारण यंत्रणा को मजबूती देकर उस उस विभाग के मुखिया को योग्य आदेश दिया जाएगा तो शिकायतों की संख्या कम होगी और मुख्यमंत्री सचिवालय को सकारात्मक काम करने के लिए और समय मिलेगा। शिकायत बढ़ने से विभाग की जिम्मेदारी जिनपर सौंपी हैं वे लापरवाह होने की बात सामने आ रही हैं जिनपर तत्काल करने की जरुरत होने की मांग अनिल गलगली ने की हैं।
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