Saturday, 10 December 2016

चार्टर्ड अकाउंटेंट की संस्था की खुली पोल

दि इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडियन चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया इस चार्टर्ड अकाउंटेंट की संस्था ने नोटबंदी पर बयानबाजी करने उनके सदस्यों पर पाबंदी लगाई थी। इसका खुलासा ट्विटर पर आरटीआई कार्यकर्ता  अनिल गलगली ने करते ही संस्था ने गलगली के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करते हुए मामले पर चुप्पी साधी। 

दि इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडियन चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया इस चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्था ने सदस्यों को जारी किया पत्र आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ट्विटर पर प्रकाशित कर इस पुरे मामले पर अचरज जताया। गलगली की ट्विट के बर्फ पत्र वायरल हुआ और सभी स्तर से नकारात्मक प्रतिक्रिया आते ही संस्था को अपनी गलती का अहसास हुआ। अनिल गलगली के सीधे ट्विट के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बड़े पैमाने पर विरोध जताया। जिस गलगली के सिर्फ एक ट्विट से पुरा मामला विरोधमय हुआ उस  गलगली के ट्विटर हँडल को दि इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडियन चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया इस चार्टर्ड अकाउंटेंट की संस्था ने ब्लॉक क़िया। उसके बाद संस्था ने अपनी साईट से वह आपत्तिजनक पत्र निकाल दिया। अनिल गलगली के अनुसार नोटबंदी के मामले में आम लोग सबसे पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट  से ही संपर्क करते हैं। एक व्यावासायिक होने से पहले वह भारतीय नागरिक भी होने से उसे अपनी बात रखने का संवैधानिक अधिकार हैं उसे छिनने का प्रयास दि इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडियन चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया यह चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्था करने का आरोप अनिल गलगली ने किया हैं। राजनेता हमेशा आरोप करते हैं कि टैक्स की चोरी करनेवाले लोगों को चार्टेड अकाउंटेंट ही मदद करते हैं और आज यहीं  चार्टेड अकाउंटेंट राजनेताओं के पक्ष में खड़े हैं। 

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