Thursday, 1 December 2016

आरटीआई का इस्तेमाल सामाजिक कार्यसिद्धी के लिए करना चाहिए

सफल सामाजिक कार्य करने के दौरान अलग अलग  नियम और नीतियों का इस्तेमाल कर शीघ्र जानकारी प्राप्त करना चाहिए और समाज के सुधार की ओर लेकर जाना चाहिए। आरटीआई का इस्तेमाल सामाजिक कार्यसिद्धी के लिए करने की बात  आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनी फाऊंडेशन द्वारा आयोजित परिसंवाद में कही।

मनी फाऊंडेशन द्वारा आयोजित परिसंवाद में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना का अधिकार यानी आरटीआई की विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश ड़ाला। आरटीआई से अधिक दमदार और जनमानस को न्याय देने के लिए सरकार द्वारा संचालित लोकशाही दिन हो या लोकायुक्त के पास न्याय मांगने की प्रक्रिया को उपयुक्त बताया। आरटीआई का इस्तेमाल राजनीतिक और यंत्रणा में व्याप्त खामियां और भ्रष्ट कामकाज की खुदाई कर सार्वजनिक करने की जरुरत बताई। आरटीआई को लेकर वर्तमान में जो गलतफहमी राजनीतिक लोग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा फ़ैलाई जा रही हैं उससे जनमानस में बदनाम हुई छबि को सुधारने के लिए आरटीआई कार्यकर्ताओं को और ताकत से काम करने की जरुरत बताई हैं। आरटीआई से जानकारी लेने के बाद उसपर कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालय या अधिकारियों से पत्रव्यवहार करने पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी और आरटीआई की महत्त्वता और निखरेगी। अनिल गलगली ने हेमा मालिनी, मनपा में विशेष कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ती , एकनाथ खडसे बंगला जैसे मामलों का जिक्र किया। देश के सांसद, विधायक और मंत्री पद पर कार्यरत जनप्रतिनिधी इन्हें कानून और नियमों की जानकारी न होने पर गलगली ने अफ़सोस जताया।

इस परिसंवाद में मनीलाईफ मॅगजीन की प्रबंधकीय  संपादक सुचेता दलाल ने अनिल गलगली का स्वागत किया और उप संपादक योगेश सपकाले ने सूत्रसंचालन किया।

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