Monday, 12 December 2016

राशनिंग मामले में महाराष्ट्र सरकार अमल में लाए वर्ष 2012 का शासन निर्णय

मुंबई-ठाणे के राशनिंग दुकानदारों को न्याय मिलना चाहिए। सरकार को वाधवा कमिटी की रिपोर्ट पर काम करते हुए वर्ष 2012 का शासन निर्णय अमल में लाने की संयुक्त मांग रविवार को वरली में आयोजित बैठक में की गई।

मुंबई-ठाणे में 4000 से अधिक राशनिंग की दुकान हैं। इनपर ज्यादती करते हुए जो कार्रवाई होती हैं उससे व्यवसाय पर असर पड़ता हैं। इन समस्याओं को लेकर मुंबई अधिकृत शिद्यावाटप दुकानदार वेलफेयर एसोसिएशन ने वरली के दि क्वीनी सभागृह में इसपर बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि महाराष्ट्र के कुल राशनिंग कार्ड धारकों में से करीब 18 प्रतिशत कार्ड मुंबई-ठाणे से हैं। ऐसे में शहरी और ग्रामीण इलाकों की तुंलना करना संभव नहीं हैं। गलगली ने 23 फरवरी 2012 का शासन निर्णय को अमल में लाने के साथ वाधवा कमिटी की रिपोर्ट को भी लागू करने की मांग की हैं। सरकार के साथ मिलकर मार्ग निकालने की जरुरत होने की बात पर जोर देते हुए ऑटलॉप फाउंडेशन के महासचिव अरुण भालेराव ने कहा कि अब एकसाथ आकर लड़ने की जरुरत हैं। इस मौके पर पांडुरंग लांडे, रामचंद्र नाईक, अब्दुल पटेल, स्वप्निल पवार, प्रशांत गुप्ता, अजय गुप्ता, यादवेंद्र पांडेय, संतोष कदम, अशोक सिंह, सुशील मिश्रा उपस्थित थे। 

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