महाराष्ट्र
के सभी विद्यापीठ के वाईस चांसलर के खिलाफ शिकायतों का प्रतिशत बढ़ने के बाद भी
इनके खिलाफ आनेवाली शिकायतों का स्वतंत्र रजिस्टर राज्यपाल सचिवालय के पास नहीं
होने का दावा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भेजे हुई जानकारी में राज्यपाल
सचिवालय के शिक्षा विभाग ने किया हैं।
आरटीआई
कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्यपाल सचिवालय से राज्य के सभी वाईस चांसलर के खिलाफ
में आई शिकायतें और उसपर की गई कारवाई की जानकारी मांगी थी। राज्यपाल सचिवालय के
शिक्षा विभाग के अवर सचिव और जन सूचना अधिकारी प्र.पां.लुबाल ने अनिल गलगली का
आवेदन ख़ारिज करते हुए बताया कि उनका आवेदन जनरल होने से कौनसे वाईस चांसलर और
विशेष शिकायत का जिक्र नहीं हैं। उनके कार्यालय में सभी वाईस चांसलर की शिकायत को
लेकर स्वतंत्र रजिस्टर नहीं रखा जाता हैं। लुबाल ने आगे कहा कि आखिर जिस वाईस
चांसलर के खिलाफ हुई शिकायत की जानकारी चाहिए उसे बताने पर उनके कार्यालय में
उपलब्ध जानकारी उपलब्ध कराना उन्हें मुनासिफ़ होगा। अनिल गलगली ने इस अजीब दावे के खिलाफ राज्यपाल के उपसचिव
परिमल सिंह के पास प्रथम अपील दायर किया हैं। राज्यपाल यह सभी विद्यापीठ के चांसलर होने से राज्यपाल सचिवालय में शिक्षा विभाग होते हुए ऐसी जानकारी का
स्व
तंत्र रजिस्टर नहीं हैं,
यह आश्चर्यजनक
और विरोधाभास का उदाहरण होने की शिकायत करते हुए अनिल गलगली ने अवर सचिव पर
जानकारी छुपाने का आरोप लगाया हैं।
महाराष्ट्र
में मुंबई विद्यापीठ, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा
यूनिवर्सिटी, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, नार्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी जळगाव, डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ
अकोला, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी, शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापूर, सोलापूर यूनिवर्सिटी, मराठवाडा कृषि यूनिवर्सिटी परभणी, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन
यूनिवर्सिटी नासिक ऐसे विद्यापीठ हैं और उनके वाईस चांसलर के खिलाफ सैकड़ों
शिकायतें चांसलर के पास आती हैं।
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