बहुप्रतिक्षित कुर्ला पूर्व और पश्चिम को जोड़नेवाला ऐसा कुर्ला सबवेे का काम दिसंबर 2016 तक पूर्ण होगा, ऐसी जानकारी रेलवे और मनपा प्रशासन ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हैं। मध्य रेलवे ने 3.84 करोड़ अबतक खर्च किया हैं वहीं मध्य रेलवे ने 2.11 करोड़ और मनपा 2.94 करोड़ ऐसे कुल मिलाकर 5.05 करोड़ खर्च कर रहे हैं।
कुर्ला सबवेे का काम यह पिछले 14 वर्षो से प्रलंबित हैं। मनपा और मध्य रेलवे में आपसी समन्वय न होने के चलते काम अटक गया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मध्य रेलवे और मनपा प्रशासन से इस काम को लेकर जानकारी मांगी थी। मनपा के कार्यकारी अभियंता (पूल) एफ.के.चव्हाण ने अनिल गलगली को बताया कि कुर्ला सबवे की कुल लंबाई 129.90 मीटर, चौड़ाई 7.60 मीटर और उंचाई 2.60 मीटर इतनी हैं। मनपा सिर्फ पश्चिमी छोर का अप्रोच रोड़ का काम करेगी जिसका कुल खर्च रु. 2 करोड़ 94 लाख 88 हजार 383 हैं। यह काम करने के लिए मे.जे.एल.कंस्ट्रक्शन कंपनी की नियुक्ती की गई हैं। काम शुरु करने की तारीख 15 फरवरी 2016 हैं जो 9 महीने में (बारिश छोड़कर ) पुरा होगा।
कुर्ला सबवेे का काम यह पिछले 14 वर्षो से प्रलंबित हैं। मनपा और मध्य रेलवे में आपसी समन्वय न होने के चलते काम अटक गया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मध्य रेलवे और मनपा प्रशासन से इस काम को लेकर जानकारी मांगी थी। मनपा के कार्यकारी अभियंता (पूल) एफ.के.चव्हाण ने अनिल गलगली को बताया कि कुर्ला सबवे की कुल लंबाई 129.90 मीटर, चौड़ाई 7.60 मीटर और उंचाई 2.60 मीटर इतनी हैं। मनपा सिर्फ पश्चिमी छोर का अप्रोच रोड़ का काम करेगी जिसका कुल खर्च रु. 2 करोड़ 94 लाख 88 हजार 383 हैं। यह काम करने के लिए मे.जे.एल.कंस्ट्रक्शन कंपनी की नियुक्ती की गई हैं। काम शुरु करने की तारीख 15 फरवरी 2016 हैं जो 9 महीने में (बारिश छोड़कर ) पुरा होगा।
मध्य रेलवे के सहायक कार्यकारी अभियंता ( कंस्ट्रक्शन) के.प्रभाकरन ने अनिल गलगली को बताया कि अबतक रेलवे ने रु. 3 करोड़ 84 लाख 43 हजार रकम खर्च की हैं। सोलापूर की मेसर्स महेश रुपचंदाणी कंपनी ने दिनांक 21 अक्तूबर 2014 को काम शुरु किया हैं जो दिनांक 31 दिसंबर 2016 को पूर्ण होगा। इसका काम मध्य और हार्बर रेलवे की पटरियों से तले हो रहा हैं।
अनिल गलगली के अनुसार करोड़ों का खर्च करने के बाद भी पिछले 14 वर्षों से कुर्ला सबवे शुरु नहीं हो पाया हैं। कुर्ला सबवे शुरु होते ही उसका लाभ हजारों पैदल चलनेवाले नागरिकों को तो होगा ही साथ ही में रेलवे की दुर्घटना की संख्या में गिरावट आने में मदद होगी, ऐसा विश्वास अनिल गलगली ने व्यक्त किया हैं।
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