महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय ने अपनी इमानदारी का परिचय देते हुए बेस्ट के महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास का किराया और बिजली का बिल की लाखों रुपए की रकम अदा की हैं। मुख्य सचिव के तौर पर बेस्ट के निवास का इस्तेमाल करते हुए किराया और बिजली बिल की कुल रकम 5 लाख 62
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बेस्ट प्रशासन से बेस्ट के महाव्यवस्थापक न होते हुए भी स्वाधीन क्षत्रिय ने बेस्ट महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास के इस्तेमाल को लेकर जानकारी मांगी थी। बेस्ट प्रशासन के जन सूचना अधिकारी और मुख्य अभियंता ( स्थापत्य) ने अनिल गलगली को बताया कि महाराष्ट्र सरकार के आदेश से स्वाधीन क्षत्रिय को दिनांक 27 जून 2006 से 9 मई 2010 और 31 जनवरी 2011 से 31 मार्च 2015 इस दौरान निवासस्थान दिया गया था। स्वाधीन क्षत्रिय ने बतौर बिजली बिल 3 लाख 95 हजार 58 रुपए और 56 पैसे अदा किए और किराया के तौर पर 1 लाख 68 हजार 722 रुपए अदा किए हैं। बेस्ट महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास का कुल एरिया 530 वर्ग मीटर हैं। इलेक्ट्रिक हाऊस के ही नल कनेक्शन से बेस्ट महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास को जलापूर्ति होने से उसका कोई बिल नहीं हैं।
मुख्य सचिव के तौर पर सेवा दे चुके रत्नाकर गायकवाड ने एमएमआरडीए निवास का बिजली और पानी का बिल अदा करने से इंकार किया था इसके विपरित स्वाधीन क्षत्रिय ने पद का दुरुप्रयोग किए बिना ही जो रकम थी उसे बिना कोई बखेड़ा खड़ा किए अदा की हैं। गायकवाड के लिए तो महाराष्ट्र सरकार को मुख्य सचिव को मंत्री और राज्यमंत्री के तर्ज पर निवासस्थान में मुफ्त पानी, बिजली की सुविधा के अलावा किराया न लेने का फैसला लेना पड़ा था।
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