Tuesday, 1 March 2016
जुर्माने की रकम अदा करने से डॉ सत्यपाल सिंह का इन्कार
कानून का पालन करने का हमेशा दावा करनेवाले भाजपा सांसद और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त डॉ सत्यपाल सिंह 2 वर्षों से रु 48, 420/- इतनी जुर्माने की रकम अदा करने से इन्कार करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई हैं। डॉ सत्यपाल सिंह पर एनओसी लिए बिना ही मुंबई की सरकारी जमीन पर बनी पाटलीपुत्र संस्था स्थित फ्लैट किराए पर देने का गंभीर आरोप हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय से एनओसी लिए बिना फ्लैट किराए पर देनेवाले लोगों पर की गई कारवाई की जानकारी मांगी थी। अनिल गलगली को विभिन्न सहकारी गृहनिर्माण संस्था की फाइल का निरीक्षण करने के लिए बुलाया गया। करीब 10 से अधिक फाइल का निरीक्षण करने के बाद पाटलीपुत्र, साईप्रसाद, संगम इन गृहनिर्माण संस्था से जुड़े कुछ दस्तावेज अनिल गलगली को दिए गए । पाटलीपुत्र सहकारी गृहनिर्माण संस्था में दसवी मंजिल पर फ्लैट पानेवाले डॉ सत्यपाल सिंह ने आज तक रु 48,420/- इतनी जुर्माने की रकम अदा नही करने से जिलाधिकारी ने 28 जनवरी 2015 को नोटीस भेजी। इसके पहले डॉ सत्यपाल सिंह ने दिनांक 28 जनवरी 2013 को पत्र लिखकर रु 5,380/- का चेक भेजा था। प्रत्यक्ष में उन्होंने 10 वर्ष से फ्लैट किराए देने से नियम का उल्लंघन तो किया और फ्लैट एनओसी लिए बिना किराए पर देकर लाखों रुपए कमाए। विशेष यानी उनके ही फ्लैट में सेक्स रैकेट का भांडाफोड 2 जून 2014 में हुआ था।
मुंबई में फ्लैट होने पर काम को गति मिलेगी, यह कहकर सरकारी जमीन हड़पनेवाले सभी अधिकारी वर्गों ने अपना फ्लैट किराए पर देकर सरकारी निवासस्थान में जमाया हुआ कब्जा चिंता का विषय हैं और इस मामले में ठोस निर्णय लेने की मांग अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे हुए पत्र में की हैं। जिनका मुंबई और ठाणे परिसर में फ्लैट हैं ऐसे अधिकारियों को सरकारी निवासस्थान न देने की मांग गलगली की हैं जिससे जरुरतमंद अधिकारी को उसका लाभ मिल सके।
डॉ सत्यपाल सिंह की तर्ज पर कई अधिकारियों ने भले ही फ्लैट किराए पर दिया हैं लेकिन उसकी कानूनन अनुमति ली हैं। अनुमति लेकर साईप्रसाद इस इमारत स्थित फ्लैट किराए पर देनेवालों में मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय, सूचना आयुक्त अजित कुमार जैन, हिमांशू रॉय, पूर्व मनपा आयुक्त डॉ जयराज फाटक के सहित भगवान सहाय, मीरा बोरवणकर, राजीव गायकवाड, व्ही एन देशमुख ऐसे अधिकारियों की लंबी लिस्ट हैं। हर वर्ष सरकार से लीव एंड लाइसेंस की फीस अदा की जाती हैं।
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