Monday, 14 March 2016
53 टोल नाका की छुट का हर्जाना 8798.79 करोड़
चुनाव में महाराष्ट्र को टोल मुक्त करने की घोषणा के अंतर्गत महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 53 टोल नाकों पर दी हुई छुट का हर्जाना की धनराशि 8798.79 करोड़ रुपए होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सार्वजनिक निर्माण विभाग ने दी हैं। ताज्जुब की बात ये है कि यह हर्जाना वर्ष 2039 तक दिया जाएगा और हर वर्ष 353 करोड़ का बोझा राज्य के खजाने पर होगा।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सार्वजनिक निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटील से महाराष्ट्र राज्य में बंद किए गए टोल नाका और टोल टैक्स से दी गई छुट वाले टोल नाके की जानकारी मांगी थी। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अवर सचिव शैलेंद्र बोरसे ने अनिल गलगली को बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के शेष 19 प्रोजेक्ट के 27 टोल नाकों पर कार, जीप सहित एसटी और स्कूल बसेस को टोल टैक्स में छुट देने से टोल मालिकों को वर्ष 2015-16 के लिए हर्जाना रकम 179.69 करोड़ हैं। यह हर्जाना आगामी 25 वर्षों तक दिया जाएगा। आर्थिक वर्ष 2039-40 तक हर्जाने की कुल रकम रु 7377.44 करोड़ इतनी हैं। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के 12 प्रोजेक्ट के 26 टोल नाकों पर कार, जीप सहित एसटी और स्कूल बसेस को टोल टैक्स में से छुट देने से टोल मालिकों को वर्ष 2015-16 के लिए हर्जाना की रकम 224.24 करोड़ रुपए हैं। यह हर्जाना 5 वर्ष तक दिया जाएगा। आर्थिक वर्ष 2019-20 तक हर्जाने की कुल रकम रु 1421.35 करोड़ होगी।
आरटीआई कार्यकर्ते अनिल गलगली का कहना हैं कि सालों साल टोल के नाम पर जनता और सरकार को लुटनेवालों पर कडक कारवाई करने के बजाय राज्य सरकार तो जनता के टैक्स से जमा हुए करोड़ों रुपए हर्जाने के तौर पर देने का फैसला सरासर गलत हैं और सभी टोल कंपनी का ऑडिट होने की जरुरत हैं। टोल माफ करते हुए टोल कंपनी को हर्जाने की धनराशि देकर सरकार ने बताई उदारपणा यानी बीमारी से दवाईयां ही महंगी होने की टिप्पणी गलगली ने व्यक्त की।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अवर सचिव शैलेंद्र बोरसे ने अनिल गलगली को बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के 38 टोल नाकों में से 11 टोल बंद करने से 226.51 करोड़ रुपए रिटर्न की रकम हैं। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के 53 टोल नाकों से सिर्फ 1 टोल नाका बंद हुआ हैं जिसके लिए रिटर्न की रकम 168 करोड़ रुपए हैं। इन 12 टोल को बंद करने के लिए राज्य सरकार ने 394.51 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
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