Thursday, 3 March 2016
गिरगाव चौपाटी मेक इन इंडिया की आग का मलबा साफ़ करने में मनपा ने खर्च किए 8 लाख
'मेक इन इंडिया' इस बैनर के तले गिरगाव चौपाटी में आयोजित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग मुंबई मनपा को महंगी पड़ी और आग का मलबा साफ़ करने में मनपा को 8 लाख खर्च होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मनपा प्रशासन ने दी हैं। मनपा को आए इस अतिरिक्त खर्च का भुगतान करने की मांग को आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने देने की दूर की बात रही एक जबाब देना भी मुनासिफ नहीं समझा।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा से गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग के बाद मनपा ने की हुई सफाई काम की जानकारी मांगी थी। डी मनपा विभाग के घन कचरा डिपार्टमेंट के सहायक अभियंता ने अनिल गलगली को बताया कि गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में 14 फरवरी 2016 को लगी आग के बाद मनपा ने साफसफाई काम करते हुए 315 मेट्रिक टन इतना डेब्रिज/मलबा उठाते हुए परिसर को साफ़ किया जिसके लिए कुल खर्च की रकम करीब 8 लाख 6 हजार 952 रुपए इतनी हैं। यह सफाई का काम डी विभाग के अलावा अन्य विभाग की यंत्र सामग्री, वाहन, मजदूर और अशासकीय संस्था के मजदूरों के जरिए किया गया। इस काम के लिए मनपा को आया अतिरिक्त खर्च इस कार्यक्रम के आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री को मनपा को अदा करने के लिए पत्र लिखा गया हैं। लेकिन आयोजक से अब तक कोई जबाब प्राप्त नहीं हुआ हैं।
अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त अजोय मेहता को भेजे हुए पत्र में मांग की हैं कि आयोजक मनपा ने खर्च की हुई अतिरिक्त रकम अदा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत करनी चाहिए। क्योंकि मनपा में कठीण दौर में खर्च कर अपरोक्ष तौर पर आयोजक की मदद ही की थी। अब आयोजक का यह बर्ताव ठीक नही हैं।
मनपा ने 10 जेसीबी, 39 डंपर की 67 ट्रिप्स, 2 कोम्पक्टोर्स, 198 मजदूर और 80 सुपरवाइजरी स्टाफ 2 शिफ्ट में डेब्रिज निकालने में कार्यरत थी। चौपाटी की साफसफाई की जिम्मेदारी आयोजक की होने से मनपा ने किया हुआ खर्च देने के लिए वे बाध्य हैं। मनपा ने 22 फरवरी 2016 को कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के रीजनल डायरेक्टर कौशलेन्द्र सिन्हा को भेजे हुए पत्र में 7 दिन की डेटलाइन दी थी।
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