Friday, 30 March 2018

सीएम के आदेशानुसार श्रीदेवी की अंत्यविधि राजकीय सम्मान में

दुबई में अभिनेत्री अम्मा यंगर अय्यपन उर्फ श्रीदेवी की हुई मौत के बाद सरकारी सम्मान में उनकी अंत्यविधि की गई। श्रीदेवी पद्मश्री होने से सरकारी सम्मान में अंत्यविधि होने की चर्चा थी जबकि असल में सरकारी सम्मान में किन- किन व्यक्तियों की अंत्यविधि करनी हैं, इसका अधिकार मुख्यमंत्री महोदय को होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को महाराष्ट्र सरकार ने दी हैं। मुख्यमंत्री के आदेशानुसार श्रीदेवी का सरकारी सम्मान में अंत्यविधि करने की बात स्पष्ट हुई हैं। 22 जून 2012 से 26 मार्च 2018 तक महाराष्ट्र में 40 व्यक्तियों पर इसीतरह सरकारी सम्मान में अंत्यविधि हुई हैं। 

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल विभाग से सरकारी सम्मान में श्रीदेवी की हुई अंत्यविधि और इसे लेकर निर्णय लेने का अधिकार जिसे हैं उसकी जानकारी मांगी थी। मुख्यमंत्री जिस सामान्य प्रशासन विभाग के मुखिया हैं उसके अंतर्गत आनेवाले प्रोटोकॉल विभाग ने अनिल गलगली को जानकारी दी कि सरकारी सम्मान में किन- किन व्यक्तियों पर अंत्यविधि करना हैं, इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार मुख्यमंत्री महोदय को हैं। आहेत. दिवंगत अभिनेत्री अम्मा यंगर अय्यपन उर्फ श्रीदेवी की अंत्यविधि सरकारी सम्मान में करने के लिए दिनांक 25 फरवरी 2018 को मुख्यमंत्री सचिवालय से मौखिक निर्देश प्राप्त हुआ और दिनांक 26 फरवरी 2018 के सरकारी पत्रानुसार कार्रवाई करने के लिए मुंबई उपनगर जिलाधिकारी और मुंबई पुलिस आयुक्त को सूचना जारी की गई। इस सवाल को पूंछने के प्रयोजन को लेकर अनिल गलगली से सवाल दागा गया तो गलगली ने बताया कि  ' श्रीदेवी की मौत के बाद जब सरकारी सम्मान में उनकी अंत्यविधि की गई तब बताया जा रहा था कि जिन्हें पद्मश्री दी गई हैं ऐसे व्यक्तियों का सरकारी सम्मान में अंत्यविधि की जाती हैं। इस जानकारी की पुष्टी करने के लिए जानकारी मांगी गई तो सिर्फ पद्मश्री होने से ही सरकारी सम्मान में अंत्यविधि नहीं होती हैं इस बात की पुष्टी हुए उल्टे यह अधिकार मुख्यमंत्री को होने की नई जानकारी सामने आई हैं। 

दिनांक 22 जून, 2012 से दिनांक 26 मार्च, 2018 तक कुल  40 मान्यवरों की अंत्यविधि राजकीय सम्मान में की गई थी इनमें श्रीदेवी के अलावा श्रीमती मृणाल गोरे, पूर्व सांसद  (17/07/2012), विलासराव देशमुख, पूर्व केंद्रिय मंत्री व 

पूर्व मुख्यमंत्री ( 14/08/2012), प्रभाकर कुंटे, पूर्व मंत्री (15/08/2012), कृष्णराव देसाई ऊर्फ बाबासाहेब कुपेकर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष (26/09/2012), शंकरराव देवराम काळे, पूर्व राज्यमंत्री (05/11/2012),  बाळासाहेब ठाकरे, शिवसेना प्रमुख (17/11/2012), लक्ष्मण रंगनाथ हातणकर, माजी राज्यमंत्री (22/11/2012), शंकरराव जगताप, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष (10/12/2012 ), दिनकर बाळू पाटील, पूर्व सांसद  (24/06/2013), सहकार महर्षी छत्रपाल उर्फ बाबासाहेब आनंदराव केदार, पूर्व राज्यमंत्री (02/08/2013), रजनी रॉय, पूर्व नायब राज्यपाल, पाँडेचरी (29/08/2013), सत्यनारायण गोएंका,  विपश्यना गुरुजी (29/09/2013), मोहन धारिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री (14/10/2013), सुभाष झनक, पूर्व मंत्री (28/10/2013), सय्यदना मोहम्मद बुऱ्हानुद्दीन, बोहरा धर्मगुरु ( 17/01/2014), दत्तात्रय नारायण पाटील,पूर्व विधायक (28/02/2014) , अ.र.अंतुले, केंद्रिय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री (02/12/2014), आर.आर. पाटील, पूर्व उप मुख्यमंत्री (16/02/2015 ), गोविंदराव वामनराव आदिक, पूर्व मंत्री (07/06/2015 ), डॉ. सय्यद अहमद, राज्यपाल, मणिपूर ( 27/09/2015) , रामभाऊ कापसे, अंदमान व निकोबार के पूर्व नायब राज्यपाल ( 29/09/2015),  मदन विश्वनाथ पाटील, पूर्व कॅबिनेट मंत्री (16/10/2015), प्रमोदबाबू भाऊरावजी शेंडे, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष (14/11/2015), शरद जोशी, पूर्व सांसद व शेतकरी संघटनेचे संस्थापक, अध्यक्ष (12/12/2015), मंगेश पाडगावकर, वरिष्ठ कवीवर्य (30/12/2015), डॉ.दौलतराव आहेर, पूर्व आरोग्यमंत्री (19/01/2016), डॉ. भवरलाल जैन, जैन इरिगेशन समूह के संस्थापक (25/02/2016),  निहाल मौलवी मो. उस्मान अहमद ,पूर्व मंत्री (29/02/2016), निवृत्त नामदेव ऊर्फ बापूसाहेब थिटे, पूर्व सांसद एवं राज्य गृह मंत्री (19/03/2016),  बाबूराव महादेव भारस्कर, पूर्व समाजकल्याण मंत्री (01/05/2016), मनोहर ऊर्फ बाबासाहेब गोपले, मातंग समाज के नेता (21/08/2016), श्रीमती जयवंतीबेन मेहता, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री (07/11/2016), मधुकरराव किंमतकर, पूर्व अर्थ राज्यमंत्री (03/01/2018), वसंत डावखरे, विधानपरिषद के पूर्व सभापती (05/01/2018),  प्रा. नारायण सदाशिव फरांदे, विधानपरिषद के पूर्व सभापती(16/01/2018), ॲड. चिंतामण वनगा, लोकसभा सदस्य (30/01/2018), मुझफ्फर हुसेन, वरिष्ठ पत्रकार (13/02/2018), डॉ. बी. के. गोयल, पद्मविभूषण (20/02/2018) और डॉ. पतंगराव कदम, पूर्व मंत्री (09/03/2018) के नामों का शुमार हैं। 

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