मुंबई विद्यापीठ के अंतर्गत आयोजित होनेवाली परीक्षा का परिणाम हमेशा देरी से ही घोषित होता हैं। वर्ष 2016 के प्रथम सत्र में कुल परीक्षा का 30 प्रतिशत परीक्षा का परिणाम 45 दिन के बाद घोषित हुआ वहीं द्वितीय सत्र परीक्षा का परिणाम का प्रतिशत बढ़ते हुए 54 प्रतिशत होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई विद्यापीठ ने दी हैं। महाराष्ट्र विद्यापीठ कानून के तहत न्यूनतम 30 दिन में और अधिकतम 45 दिनों में परिणाम घोषित करना अनिर्वाय हैं। मुंबई विद्यापीठ का द्वितीय सत्र के 210 परीक्षा का परिणाम 45 दिन के बाद घोषित हुआ हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई विद्यापीठ के परीक्षा नियंत्रक से मार्च और अक्टूबर 2016 के अलावा मार्च 2017 की परीक्षा और घोषित परिणाम की जानकारी मांगी थी। मुंबई विद्यापीठ के परीक्षा नियंत्रक विभाग ने अनिल गलगली को दी हुई जानकारी में मार्च 2016 और अक्टूबर 2016 के दौरान परीक्षा का परिणाम रखड़ने में 24 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि होने का सनसनीखेज खुलासा हुआ हैं। वर्ष 2016 के प्रथम सत्र में कुल्य 422 परीक्षा संपन्न हुई थी उसमें से 422 परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। 30 दिन 130 परीक्षा का परिणाम यानी सिर्फ 30.8 प्रतिशत घोषित किया गया उसमें सर्वाधिक 70 यह कला, विज्ञान के 20, अभियांत्रिकी के 36 और विधी के 4 परिणाम हैं। वाणिज्य परीक्षा का परिणाम एक भी नहीं। 45 दिन में 164 यानी 38.8 प्रतिशत परिणाम घोषित हुआ हैं। उसमें 32 कला, 4 वाणिज्य, 23 विज्ञान, 94 अभियांत्रिकी और 11 विधी परीक्षा का परिणाम हैं। 45 दिन के बाद 128 यानी 30.4 प्रतिशत परिणाम घोषित हुआ उसमें 26 कला, 68 वाणिज्य, 04 विज्ञान, 29 अभियांत्रिकी और 01 विधी परीक्षा का परिणाम हैं।
वर्ष 2016 के द्वितीय सत्र में कुल्य 388 परीक्षा संपन्न हुई थी उसमें 388 परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। 30 दिन के बाद 87 परिणाम यानी 24.22 प्रतिशत घोषित हुए उसमें 32 यह कला, विज्ञान के 14, अभियांत्रिकी के 38 और विधी परीक्षा के 03 परिणाम हैं। वाणिज्य परीक्षा का परिणाम शून्य हैं। 45 दिन के बाद 91 यानी 23.45 प्रतिशत परिणाम घोषित किए गए उसमें 20 कला, 01 वाणिज्य, 15 विज्ञान, 54 अभियांत्रिकी और 01 विधी परीक्षा का परिणाम हैं। 45 दिन 210 यानी 54.12 प्रतिशत परिणाम घोषित हुआ हैं उसमें 54 कला, 60 वाणिज्य, 16 विज्ञान, 68 अभियांत्रिकी और 12 विधी परीक्षा का परिणाम हैं। मार्च 2017 की जानकारी देने से इंकार करते हुए स्पष्ट किया हैं कि अबतक परिणाम घोषित नहीं हुए हैं। विशेष बात यह हैं कि इस वर्ष जून महिना शुरु होने के बाद भी परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं हैं। परीक्षा होकर 45 दिन की दूसरी डेड लाईन खत्म हुई हैं। हजारो छात्र परिणाम के प्रतीक्षा में हैं और कई छात्र अन्य स्थानों पर प्रवेश को लेकर चिंता में हैं। इस पर अनिल गलगली ने नाराजगी जताई।
महाराष्ट्र विद्यापीठ कानून के तहत परीक्षा का परिणाम 30 दिन के भीतर घोषित करने का पुरजोर प्रयास करेगी और किसी भी परिस्थिती में देरी में देरी यानी 45 दिन के अंदर ही परीक्षा का परिणाम घोषित करेंगी। 45 दिन के भीतर किसी भी परिस्थिती में परीक्षा का परिणाम घोषित करना मुंबई विद्यापीठ को संभव नहीं हुआ था तो ऐसी देरी का कारण दर्शानेवाली एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर वाईस चांसलर के जरिए चांसलर और राज्य सरकार को पेश करेगी। मुंबई विद्यापीठ ने 25 अप्रैल 2017 को पन्ने वाला पत्र भेजकर विभिन्न कारणों की मिमांशा की हैं।
अनिल गलगली के अनुसार वाईस चांसलर का ध्यान परीक्षा का परिणाम और विद्यापीठ के कामकाज पर नहीं हैं। इनका देश और विदेश के दौरे में इतने व्यस्त रहते है कि मुंबई विद्यापीठ की रैंकिंग नंबर निचले पायदान पर आ चुका हैं। चांसलर और राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिक्षामंत्री विनोद तावडे और राज्यमंत्री रविंद्र वायकर को पत्र भेजकर अनिल गलगली ने 30 दिन के भीतर सभी परीक्षाओं का परिणाम घोषित करने के लिए वाईस चांसलर को आदेश जारी करने की मांग की हैं।
No comments:
Post a Comment