Wednesday, 12 October 2016

मुंबई विश्वविद्यालय में 'आरटीआई' पर व्याख्यान

मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा संचालित गरवारे इंस्टिट्यूट के हिंदी पत्रकारिता के छात्रों ने 'सूचना का अधिकारक़ानून पर जाने माने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली का व्याख्यान आयोजित किया। छात्रों को संबोधित करते हुए अनिल गलगली ने सूचना का अधिकार और पत्रकारिता कैसे एक दूसरे से जुड़े हैं उसे उदाहरण के साथ पेश किया। 
आरटीआई के सकारात्मक इस्तेमाल पर ज़ोर देते हुए गलगली ने कहा कि सामाजिक, राजनैतिक और शैक्षणिक क्षेत्र में आरटीआई ने नई क्रांति लाने का काम किया है। सत्ता में बैठे लोग हों या सरकारी अफ़सर, उनमें इस क़ानून ने जवाबदेही और कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए बाध्य किया है।
अनिल गलगली ने कहा कि हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में एक आरटीआई अर्ज़ी अवश्य करनी चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार सरोज त्रिपाठी ने सुझाव दिया कि निजी क्षेत्र में आरटीआई लागू करने के लिए जनता को सरकार पर दबाव लाना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार सैयद सलमान ने इस अवसर पर आरटीआई की ज़रूरत को रेखांकित करते हुए प्रशिक्षु पत्रकारों को सूचना का अधिकार क़ानून के गहन अध्ययन और उसके जनहित में इस्तेमाल करने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन शैलेश तिवारी ने और आभार प्रदर्शन अविनाश पांडेय ने किया।

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