महाराष्ट्र में नई सरकार आते ही कला महासंचालनाय के 'अच्छे दिन' आने की उम्मीद
लगाएं बैठे फ़िलहाल मायूस हैं। राज्य की विभिन्न कला को प्रोत्साहन देने के पवित्र्य
उद्देश्य से जिस कला महासंचालनाय की स्थापना की गई हैं उस महासंचालनाय को
गत 12 वर्ष से
पूर्णकालिक निदेशक नहीं मिलने से फ़िलहाल प्रभारी निदेशक के हवाले कला महासंचालनाय
होने की चौकानेवाली जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को कला महासंचालनाय ने
दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कला महासंचालनाय से गत 15 वर्षो से
कार्यरत निदेशक और प्रभारी निदेशक की जानकारी मांगी थीं। कला महासंचालनाय के जन
सूचना अधिकारी ना. मा. वाघमोडे ने अनिल गलगली को वर्ष 1999 से आजतक कार्यरत
निदेशकों की लिस्ट दी। इस लिस्ट में 1 जून 1999 से 30 जून 2004 इस 5 वर्ष के लिए
निदेशक के तौर पर प्रा. म.भा.इंगलेे कार्यरत थे। इंगले को छोड़ा जाएं तो आजतक
निदेशक पद
पूर्णकालिक
के बजाय प्रभारी निदेशक के हवाले किया गया हैं। अब तक 9 प्रभारी
निदेशकों ने कला महासंचालनाय की जिम्मेदारी संभाली हैं जिनमें प्रा. ल.म.ऐवले, प्रा.एस. बी. ठाकरे, प्रा.न. वा.पासलकर, डॉ र.च.बालापुरे, प्रा. हे.रा.नागदिवे, पु.हि.वागदे, जी.बी.धनोकार, प्रा.गो.गो.वाघमारे
और प्रा. राजीव मिश्रा का समावेश हैं। मौजूदा कार्यरत मिश्रा 1 दिसंबर 2015 से प्रभारी
निदेशक हैं। कला निदेशक पद पर नियुक्ती की जिम्मेदारी को लेकर पूंछने पर अनिल
गलगली को बताया गया कि कला संचालनालय और उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी
हैं और दोनों विभाग सक्षम प्राधिकरण हैं।
अनिल गलगली ने इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र
फडणवीस को पत्र भेजकर कला संचालनाय को न्याय देकर निदेशक पद पर यथाशीघ्र सक्षम
व्यक्ती को नियुक्त करने की मांग की हैं। उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे
ऐसे महत्वपूर्ण कला संचालनाय की ओर लापरवाही बरतने पर चिंता व्यक्त की हैं।
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