मुम्बई महानगरीय क्षेत्र से 200 से अधिक रुग्ण मित्रों ने भाग लिया
स्वामी विवेकानन्द की 161वीं जयंती युवा दिवस के अवसर पर, के पूर्व मनपा के सहायक आयुक्त मनीष वलंजू के मार्गदर्शन में रुग्ण मित्र एसोसिएशन ने विलेपार्ले पूर्व के वैष्णवी बैंक्वेट हॉल में रुग्ण मित्र स्नेह संवाद कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला के अध्यक्ष के रूप में आईसीएमआर आनुवंशिक अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डॉ. शैलेश पांडे, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, रुग्ण मित्र विनोद साड़विलकर ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पेड़ों को पानी देकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यशाला में मुंबई महानगर क्षेत्र से 200 से अधिक रुग्ण मित्रों ने भाग लिया।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने अपने मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कक्ष के साथ-साथ स्वास्थ्य कानून अध्ययन कार्यशाला को साक्षर बनाकर जनहित के लिए एक सूचना पुस्तिका प्रकाशित करने की इच्छा व्यक्त की। मुंबई मनपा आपातकालीन विभाग के निदेशक महेश नार्वेकर ने कोरोना काल में स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। डॉ. शैलेश पांडे ने आईसीएम आर्या के शोध एवं नि:शुल्क परीक्षण, दुर्लभ बीमारियों के लक्षण, उपचार के तरीकों का विश्लेषण किया।
इसके अलावा पूनम भोवर ने जरूरतमंद मरीजों के लिए कैंसर रोगी सहायता एसोसिएशन द्वारा आयोजित उपचार विधियों, जांचों और शिविरों के बारे में जानकारी दी। प्रफुल्ल पवार ने विदेश में अंगदान, ट्रांसप्लांट के बारे में जानकारी दी। अमोल सावंत ने रक्तदान, रक्त घटकों के बारे में जानकारी दी। गणेश पवार और आराध्या पवार ने दुर्लभ बीमारियों के लिए मदद की जरूरत पड़ने पर संपर्क में रहने की अपील की। धनंजय पवार ने मदद के लिए चैरिटी अस्पतालों (गरीब और निराश्रित समूहों) से संपर्क करने और इलाज कराने के निर्देश दिए।
निरंजन अहेर और श्रद्धा बनसोडे ने प्रभावी ढंग से संचालन किया और विभिन्न वकृत्व कौशल के माध्यम से माहौल को खुशनुमा बनाए रखा। के-ईस्ट सहायक आयुक्त मनीष वलंजू, आयोजक संदीप खामकर, गौतम पाईकराव, पंकज नाईक, किरण गिरकर, रमेश चव्हाण, चारुदत्त पावसकर, हर्षल जाधव, श्रुती साडविलकर और के-ईस्ट डिवीजन स्वास्थ्य अधिकारी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग, अंधेरी-जोगेश्वरी पुलिस स्टेशन, रुग्ण मित्र से जुड़े विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और कार्यकर्ता नियोजित प्रबंधन के माध्यम से रुग्ण मित्र संबंध कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला की परिकल्पना करने वाले रुग्ण मित्र विनोद साड़विलकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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