मुंबई में आग की घटनाओं में वृद्धि होते हुए मुंबई फायर ब्रिगेड फायर ऑडिट को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसीलिए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई की फायर ऑडिट हुई बिल्डिंगों की जानकारी मांगने पर सीधी और स्पष्ट जानकारी देने में फायर ब्रिगेड टालमटोल कर रहा हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई फायर की हद में फायर ऑडिट अंतर्गत कुल बिल्डिंगों की संख्या, बिल्डिंग का प्रकार, वॉर्ड का नाम, कुल फायर ऑडिट हुए बिल्डिंग की संख्या और फायर ऑडिट न हुए बिल्डिंग की संख्या की जानकारी दिनांक 1 जनवरी 2018 से सूचना मांगी थीं। विभागीय अग्निशमन अधिकारी एस.डी.सावंत ने जानबूझकर जानकारी देने से टालमटोल की। महाराष्ट्र अग्निप्रतिबंधक व जीवसरंक्षक उपाययोजना अधिनियम 2006 के तहत बिल्डिंग का मालिक /निवासी /हौसिंग सोसायटी ने उनकी बिल्डिंग की फायर ऑडिट लाइसेंस धारक अग्निशमन यंत्रणा के जरिए कर लेना और उसकी रिपोर्ट मुंबई अग्निशमन दल के कार्यालय में पंजीकृत करना या बृहन्मुंबई महानगरपालिका के वेबसाइट पर अपलोड करना जरुरत हैं। लेकिन कितने रिपोर्ट प्राप्त हुआ और कितनों ने अपलोड किया हैं, इसको जानकारी नहीं दी हैं। गलगली को पत्र भी इस तरीके से भेजा गया ताकि उन्हें पत्र 3 महीने के बाद मिल सके।
मुंबई में 34 अग्निशमन केंद्र की हद में नामनिर्देशित अधिकारी को बिल्डिंग की जांच करने का अधिकार होते हुए फायर ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी अग्निशमन दल क्यों नहीं दे रहा हैं? यह सवाल करते हुए अनिल गलगली ने अग्निशमन दल की इस टालमटोल की शिकायत मनपा आयुक्त अजोय मेहता से की हैं।मुंबई में जब आग की घटना होती हैं तब अग्निशमन दल द्वारा फायर ऑडिट की ओर बरती लापरवाही भी उतनी ही जिम्मेदार होती है, यह साबित हो चुका हैं।फायर ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी ऑनलाईन की जाती हैं तो जो फायर ऑडिट करते ही नहीं, ऐसे लोगों को मजबूरी से लोकलज्जास्तव पहल कर उसे करना ही पड़ेगा, ऐसा मत अनिल गलगली का हैं।
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