Monday, 11 December 2017

महाराष्ट्र की स्वास्थ्य सेवा अनाथ 

मुंबई में पहली बार आम लोग, डॉक्टर और विभिन्न क्षेत्र से जुड़े मान्यवरों ने एकसाथ आकर विश्व मानव अधिकार दिन पर वैद्यकीय सेवा और आम नागरिकों का अधिकार पर जनजागरण किया। महाराष्ट्र की स्वाथ्य सेवा यह अनाथ होने का निष्कर्ष इस परिसंवाद से सामने आया।

विश्व मानव अधिकार दिन के मौके पर  'मेरा स्वास्थ्य , मेरा अधिकार' इस  विषय पर  "डॉक्टर सिटीझन फोरम" के तत्वाधान में मुंबई मराठी पत्रकार संघ में परिसंवाद आयोजित किया गया था।  गत कुछ समय से डॉक्टरों पर होनेवाले हमले, मरीज और डॉक्टर के बीच बढ़ता तनाव और लुप्त होता विश्वास को कैसे दुर कर इनमें नजदीकियां बढ़ाने के उद्देश्य से "डॉक्टर सिटीझन फोरम" का गठन हुआ हैं। सूचना का अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा, सरकारी और निजी अस्पतालों की परिस्थिति का वर्णन करते हुए सभी जगहों पर डॉक्टर, अधिकारी और कर्मचारियों की कमी पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में फंड की कटौती करने की पहल का विरोध किया। देश की स्वास्थ्य सेवा की अप्रभावी व्यवस्था और सरकारी उदासीनता से अनाथ होने का स्पष्ट मत गलगली ने व्यक्त किया। डॉ मुफझल लकडावाला (फाउंडर डायजेस्टीव हेल्थ इन्स्टिट्यूट) ने मरीज का अधिकार और जिम्मेदारी के संबंध में प्रकाश डाला। 

डॉ मिरजकर ने मेडीकल निग्लेजन्सी पर अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि हर बार डॉक्टर ही मरीज की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं होता हैं, कई बार परिस्थिती भी जिम्म्मेदार होती हैं। एड पाठक ने वैद्यकीय क्षेत्र में उनके विभिन्न अनुभव का कथन किया। वरिष्ठ पत्रकार पंढरीनाथ सावंत (कार्यकारी संपादक, मार्मिक) ने राजनीतिक उदासीनता और लोगों में जनजागरण की कमी इसपर विचार रखे। डॉ ठाकुर ने कॉर्पोरेट क्षेत्र में होनेवाली अनियमितता और गैरजिम्मेदाराना प्रबंधन की साठगांठ पर प्रहार किया। स्वाती पाटील ने स्वास्थ्य सेवा के लिए सरकार पर दबाव बढ़ाने की जरुरत बताई। डॉ अभिजीत मोरे ने सरकार ही स्वास्थ्य सेवा का निजीकरण कर रही हैं क्या? इसपर संदेह व्यक्त किया। डॉ पिंगळे ने लाईफ विन एप की जानकारी दी। 

विनोद साडविलकर (सिटीझन डॉक्टर फोरम अध्यक्ष) के अनुरोध पर कई मान्यवरों ने सहभाग लिया। जितेंद्र तांडेल(रुग्णकल्याण सेवा सामाजिक संस्था) संदीप तवसळकर, श्रीमती श्रेया निमोणकर(सेतु प्रतिष्ठान), मिलिंद निमोणकर, श्रीमती गमरे मॅडम, श्रीमती लखवीर कौर मॅडम तथा राजेंद्र ढगे (हॉस्पिटल प्रोजेक्ट मार्केटींग तज्ञ), चंद्रशेखर कुलकर्णी, अविनाश कदम, शिवराम सुकी, प्रकाश वाघ, कमल राव, मनपा के वरिष्ठ अधिकारी उदय शिरुरकर(ब विभाग), श्रीमती वैभवी घाणेकर(महिला शाखा संगठक शिवसेना परल), धर्मदाय अस्पताल से जुड़े स्वास्थ्य सेवक और सेविका इनके सक्रिय योगदान से कार्यक्रम सफल हुआ। एड विल्सन गायकवाड ने सभी मुख्य वक्त्याओं का परिचय करवाया और  डॉ अभिजीत मोरे (जन आरोग्य अभियान) ने कार्यक्रम का सुत्रसंचालन किया। आभार प्रा.संदीप नेमलेकर (दीप-अर्चन) ने माना। 

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