Friday, 1 April 2016
गिरगाव चौपाटी मेक इन इंडिया की आग का मलबा सफाई का 8 लाख सीआईआई ने अदा किया
'मेक इन इंडिया' इस बैनर के तले गिरगाव चौपाटी में आयोजित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग मुंबई मनपा को महंगी पड़ी थी और आग का मलबा साफ़ करने में मनपा को 8 लाख का खर्च आया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मामले को एक्सपोज करते ही आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने समय न गंवाते हुए 4 मार्च 2016 को पूरी बकाया रकम अदा कर दी।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की आरटीआई के बाद सीआईआई का भांडाफोड़ हुआ। 15 फरवरी 2015 को मनपा ने 10 जेसीबी, 39 डंपर की 67 ट्रिप्स, 2 कोम्पक्टोर्स, 198 मजदूर और 80 सुपरवाइजरी स्टाफ 2 शिफ्ट में डेब्रिज निकालने में कार्यरत थी। चौपाटी की साफसफाई की जिम्मेदारी आयोजक की होने से मनपा ने किया हुआ खर्च देने के लिए वे बाध्य हैं। मनपा ने 22 फरवरी 2016 को कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के रीजनल डायरेक्टर कौशलेन्द्र सिन्हा को भेजे हुए पत्र में 7 दिन की डेटलाइन दी थी। लेकिन सीआईआई रकम अदा करने की मानसिकता में नहीं था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की आरटीआई और लिखित शिकायत के बाद सीआईआई ने 8 लाख की रकम अदा कर दी और विवाद को खत्म कर दिया।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने फरवरी 2016 में मनपा से गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग के बाद मनपा ने की हुई सफाई काम की जानकारी मांगी थी। डी मनपा विभाग के घन कचरा डिपार्टमेंट के सहायक अभियंता ने अनिल गलगली को बताया कि गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में 14 फरवरी 2016 को लगी आग के बाद मनपा ने साफसफाई काम करते हुए 315 मेट्रिक टन इतना डेब्रिज/मलबा उठाते हुए परिसर को साफ़ किया जिसके लिए कुल खर्च की रकम करीब 8 लाख 6 हजार 952 रुपए इतनी हैं। यह सफाई का काम डी विभाग के अलावा अन्य विभाग की यंत्र सामग्री, वाहन, मजदूर और अशासकीय संस्था के मजदूरों के जरिए किया गया। इस काम के लिए मनपा को आया अतिरिक्त खर्च इस कार्यक्रम के आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री को मनपा को अदा करने के लिए पत्र लिखा गया था।
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