Monday, 11 April 2016
कोई रुल नहीं फिर भी मुख्यमंत्री के 7 ओएसडी को मिली सरकारी निवासस्थान की सौगात
राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मियों को सरकारी निवासस्थान का वितरण करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने अधिकार का इस्तेमाल कर अपने 7 ओएसडी को सरकारी निवासस्थान की सौगात देने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को महाराष्ट्र सरकार ने दी हैं। मुख्यमंत्री के ओएसडी के तौर पर कार्यरत 7 बाहरी उम्मीदवार हैं और वर्तमान में बाहरी उम्मीदवारों को सरकारी निवासस्थान वितरित करनेवाला कोई भी नया सरकारी निर्णय मौजूद न होने से वेटिंग लिस्ट वाले अधिकारीयों में भयंकर नाराजगी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से मुख्यमंत्रियों के ओएसडी को सरकारी निवासस्थान वितरित होने को लेकर जानकारी मांगी थी। सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव शि.म.धुले ने ओएसडी को वितरित निवासस्थान की लिस्ट दी हैं। जिन्हें सरकारी निवासस्थान दिया गया हैं वे सभी बाहरी उम्मीदवार हैं। सन 1995 की पॉलिसी में बाहरी उम्मीदवारों को सरकारी निवासस्थान वितरित करने का जिक्र मौजूद नहीं हैं। 10 प्रतिशत स्पेशल केस करने का अधिकार और 1 या 2 स्टेप दर्जे का निवासस्थान वितरित करने का मुख्यमंत्री को दिए गए अधिकारानुसार यह वितरण होने का दावा श्री धुले ने किया हैं।
सबसे बड़ा सरकारी निवासस्थान श्रीकांत भारतीय को मलबार हिल, रॉकी हिल टॉवर में दिया गया हैं जिसका कुल एरिया 1635 वर्ग फुट हैं। उसके बाद चर्चगेट में 830 वर्ग फुट एरिया का निवासस्थान रविकिरण देशमुख( आसावरी-103) और कौस्तुभ धवसे (आसावरी-104) को दिया गया हैं। जबकि 20 फरवरी 2016 को धवसे ने सरकारी निवासस्थान रिक्त किया हैं। अन्य ओएसडी निधी कामदार को चर्चगेट स्थित मंदार-3 में 750 वर्ग फुट एरिया का निवासस्थान दिया गया हैं। मलबार हिल स्थित बैंडमन्स क्वाटर्स में हर एक को 700 वर्ग फुट एरिया का निवासस्थान केतन पाठक, सुमीत वानखेडे और अभिमन्यु पवार को दिया गया हैं। बाहरी गैर सरकारी उम्मीदवार को सरकारी अधिकारियों से अधिक वाला वेतन और उसके बाद शायद कुछ कमी शेष रही होगी इसलिए सरकारी निवासस्थान देने की नई परंपरा गैर क़ानूनी है और सरकारी अधिकारियों की उपेक्षा होने का मत अनिल गलगली ने व्यक्त किया हैं।
मुख्यमंत्रियों की ओएसडी को सरकारी निवासस्थान देने से उस सरकारी निवासस्थान के लिए वर्तमान में मौजूद वेटिंग लिस्ट की मांग अनिल गलगली ने की थी लेकिन अवर सचिव श्री धुले ने सरकारी निवासस्थान मुख्यमंत्री को दिए गए अधिकारानुसार वितरित करने से वेटिंग लिस्ट की बात इस मामले में लाज़िमी होने का दावा किया और वेटिंग लिस्ट नहीं दी।
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