Wednesday, 22 January 2025

इमरजेंसी का संघर्ष और इंदिरा गांधी

इमरजेंसी का संघर्ष और इंदिरा गांधी

कंगना रनौत का प्रदर्शन लाजबाब रहा है। कंगना ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। उनके हावभाव, वेशभूषा, और संवाद अदायगी में इंदिरा गांधी की छवि झलकती है। उन्होंने इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व के कठोर और भावनात्मक दोनों पहलुओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है।

कंगना रनौत द्वारा निर्देशित और अभिनीत फ़िल्म "इमरजेंसी" इंदिरा गांधी के जीवन और उनके कार्यकाल के एक महत्वपूर्ण दौर पर आधारित है। इंदिरा गांधी भारतीय राजनीति की एक ऐसी नेता थीं, जिनकी नेतृत्व क्षमता, साहसिक निर्णय, और राजनीतिक दूरदर्शिता ने भारत के इतिहास में गहरी छाप छोड़ी। फ़िल्म इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व, उनके राजनीतिक संघर्ष, और उस दौर के ऐतिहासिक घटनाक्रम पर आधारित है। इसमें देश में आपातकाल के दौरान की गई राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों को दिखाया गया है।

यह फ़िल्म न केवल भारतीय राजनीति के एक विवादास्पद दौर को समझने में मदद करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि एक नेता को किस तरह कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने पड़ते हैं। यह एक ऐतिहासिक संदर्भ में राष्ट्रप्रेम, संघर्ष, और सत्ताधारी नीतियों का मूल्यांकन करने का अवसर देती है।

"इमरजेंसी" भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण योगदान है। कंगना रनौत का निर्देशन और अभिनय दोनों ही इस फ़िल्म को एक अलग ऊंचाई पर ले जाते हैं। यह फ़िल्म इतिहास के प्रति रुचि रखने वालों और राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले दर्शकों के लिए खास है।

इमरजेंसी फ़िल्म कंगना रनौत द्वारा निर्देशित और अभिनीत एक ऐतिहासिक-राजनीतिक ड्रामा है। यह फिल्म भारत के 1975-1977 के आपातकाल (Emergency) पर आधारित है, जो देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद अध्याय है। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लागू किया था।

इंदिरा गांधी की खासियतें और कार्यशैली को बखूबी फिल्म में रेखांकित किया गया है। निर्णय लेने की गजब की क्षमता को बखूबी दिखाया है। वे कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी तुरंत और प्रभावी निर्णय लेने के लिए जानी जाती थीं। चाहे हार हो या जीत, उन्होंने कभी भी अपने फैसलों पर पछतावा नहीं किया। उनका यह जज्बा उन्हें अन्य नेताओं से अलग करता है। हाथी पर सवार होकर प्रभावित गांवों तक जाना उनकी जमीनी जुड़ाव और नेतृत्व शैली का हिस्सा था। "आधी रोटी खाएंगे, इंदिरा गांधी को जिताएंगे" जैसे नारों से यह स्पष्ट है कि जनता के दिलों में उनके लिए गहरा सम्मान था।

इंदिरा गांधी हमेशा विदेशी नीतियों पर दो-टूक और निर्भीक जवाब दिए, जिससे भारत की स्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हुई। बांग्लादेश निर्माण में सेना को प्रोत्साहन देना उनकी दृढ़ता का उदाहरण है। युद्ध के समय वे सैनिकों के बीच जाकर उनका उत्साह बढ़ाती थीं, जिससे उनका मनोबल ऊंचा होता था।

जयप्रकाश नारायण का किरदार दिलचस्प है। विपक्षी नेताओं और आम जनता पर हुए अत्याचारों, सेंसरशिप, और गिरफ्तारी जैसे मुद्दों को उजागर किया गया है। जब इंदिरा गांधी को इमरजेंसी हटाने के बाद राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ा और जनता पार्टी सत्ता में आई, तो इंदिरा गांधी को जेल जाना पड़ा। जेल से छूटने के बाद, इंदिरा गांधी ने जयप्रकाश नारायण से जाकर माफी मांगी। यह कदम उनकी ओर से व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों पहलू दिखाता है। संभवतः यह उनके पश्चाताप और भविष्य में नए सिरे से शुरुआत करने का संकेत था। इस घटना को कई लोग इंदिरा गांधी के राजनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव और आत्ममंथन के रूप में देखते हैं। हालांकि, उनके इस कदम को लेकर विभिन्न राय हैं, लेकिन यह उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण पक्ष उजागर करता है।


संजय गांधी का इमरजेंसी के दौर में राजनीतिक हस्तक्षेप और उनकी भूमिका हमेशा चर्चा का विषय रही है। इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी ने इमरजेंसी के दौरान सरकार की कई नीतियों और योजनाओं को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाई। संजय गांधी ने इमरजेंसी के दौरान नसबंदी अभियान, झुग्गियों का पुनर्वास और शहरी विकास जैसे विषयों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। संजय गांधी सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के निर्णयों में दखल देते थे। कई बार यह उनकी राजनीतिक शक्ति और महत्वाकांक्षा को भी दर्शाता था।


फ़िल्म "इमरजेंसी" में इंदिरा गांधी के जीवन के विभिन्न भावनात्मक और ऐतिहासिक पलों को दिखाने की कोशिश की गई है। इनमें उनकी अस्थियों को हिमालय की पर्वतों के बीच छिड़कने का दृश्य न केवल उनके व्यक्तित्व की महानता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और राष्ट्रप्रेम की गहराई को भी उकेरता है। हिमालय इंदिरा गांधी के लिए केवल एक पर्वत शृंखला नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक था। उनके जीवन और विचारधारा में प्रकृति और भारत की पवित्रता का गहरा जुड़ाव था। अस्थियों को हिमालय में छिड़कना उनके प्रति भारतीय जनता की श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। यह दृश्य एक ओर उनके निधन के बाद के शोक को व्यक्त करता है, तो दूसरी ओर उनके विचारों और कृत्यों की गूंज को अमर बना देता है।


जब अंतरिक्ष स्टेशन से राकेश शर्मा ने इंदिरा गांधी को फोन किया तो भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूछा कि वहां से हमारा हिंदुस्तान कैसा नजर आता है, इसके जवाब में शर्मा ने कहा, 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा' यह देशभक्ति और भावना से ओत-प्रोत है। यह जवाब न केवल भारत के प्रति प्रेम को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत की विविधता और सुंदरता कितनी अद्वितीय है। इंदिरा गांधी के इस संवाद से उनके राष्ट्रप्रेम और संवेदनशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है। इस तरह के दृश्य न केवल दर्शकों को इंदिरा गांधी के जीवन और उनकी सोच के करीब लाते हैं, बल्कि भारतीयता और देशभक्ति का गहरा संदेश भी देते हैं। यह फ़िल्म का एक ऐसा हिस्सा है जो हर भारतीय के दिल को छू सकता है।

यह फ़िल्म सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना को नहीं दिखाती, बल्कि इंदिरा गांधी के उस मजबूत व्यक्तित्व को भी सामने लाती है जिसने देश के कई संकटों का सामना किया। कंगना रनौत ने इस फ़िल्म में उनके व्यक्तित्व को समझने और प्रस्तुत करने की कोशिश की है। यह फ़िल्म न केवल भारतीय राजनीति के छात्रों के लिए बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो नेतृत्व और साहस के महत्व को समझते हैं।


अनिल गलगली
वरिष्ठ पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता

Tuesday, 21 January 2025

1274.80 crores significant increase in construction cost of Mumbai Metro Line- 4 Wadala - Kasarwadvali

1274.80 crores significant increase in construction cost of Mumbai Metro Line- 4 Wadala - Kasarwadvali

A whopping Rs 1274.80 crore increase in construction cost and 5-year project delay in the Mumbai Metro Route-4 (Wadala - Kasarwadvali) project is a major setback for Mumbai's development.This information disclosed by RTI Activist Anil Galgali through RTI has highlighted the laxity of MMRDA's Metro Administration and lack of project management.

RTI Activist Anil Galgali had sought various information from the Metro Project Implementation Branch. Metro Project Implementation Branch gave detailed information to Anil Galgali.The work of Mumbai Metro Line- 4 Wadala - Kasarvadavali was awarded to RInfra-ASTALDI and CHEC-TPL on 12 April 2018. Wadala to Kasarvadvali Metro Route 4 is an elevated route of 32.32 km length. There are total 30 stations in this route. The work was expected to be completed by July 2011. Now the new deadline is August 2026.

Lack of penal action:

Anil Galgali has demanded punitive action due to cost overrun of the project and non-completion of work on time. The expected construction cost of the Mumbai Metro Line-4 Wadala - Kasarwadawali project was 2632.25 crores for construction works. Now there has been a significant increase of 1274.80 crores. Considering the cost escalation and 5 years delay, penal action can be taken but unfortunately no penal action has been taken yet.

The route will provide interconnectivity between the existing Eastern Express Roadway, Central Railway, Monorail, existing Metro Route 2B (DN Nagar to Mandale), Metro Route 5 (Thane to Kalyan), Metro Route 6 (Swami Samarthnagar to Vikhroli). However, Anil Galgali has expressed the opinion that the delay in such an important project is dangerous for the service of Mumbaikars. Galgali has demanded that the government and MMRDA be held accountable for the increase in expenditure.

मुंबई मेट्रो लाइन- 4 वडाला-कासारवडवली की निर्माण लागत में 1274.80 करोड़ रुपये की उल्लेखनीय वृद्धि

मुंबई मेट्रो लाइन- 4 वडाला-कासारवडवली की निर्माण लागत में 1274.80 करोड़ रुपये की उल्लेखनीय वृद्धि

मुंबई मेट्रो रूट-4 (वडाला-कासारवडवली) परियोजना के निर्माण में 1274.80 करोड़ रुपये की भारी वृद्धि और 5 साल की देरी मुंबई के विकास के लिए एक बड़ा झटका है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा आरटीआई के माध्यम से बताई गई इस जानकारी ने एमएमआरडीए के मेट्रो प्रशासन की ढिलाई और परियोजना प्रबंधन की कमी को उजागर किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मेट्रो परियोजना कार्यान्वयन शाखा से विभिन्न जानकारी मांगी थी। मेट्रो परियोजना कार्यान्वयन शाखा ने अनिल गलगली को विस्तार से जानकारी दी। मुंबई मेट्रो लाइन- 4 वडाला-कासारवडावली का काम 12 अप्रैल 2018 को RInfra-ASTALDI और CHEC-TPL को सौंपा गया था। वडाला से कासारवडवली मेट्रो रूट 4 यह 32.32 किमी लंबा एलिवेटेड रूट है। इस रूट पर कुल 30 स्टेशन हैं। काम जुलाई 2021 तक पूरा होने की उम्मीद थी। अब नई डेडलाइन अगस्त 2026 है।

दंडात्मक कार्रवाई का अभाव:

अनिल गलगली ने परियोजना की लागत बढ़ने और समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। मुंबई मेट्रो लाइन-4 वडाला-कासारवडावली परियोजना की निर्माण की अपेक्षित लागत 2632.25 करोड़ थी। अब इसमें 1274.80 करोड़ की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। लागत में वृद्धि और 5 साल की देरी को देखते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।

यह रूट मौजूदा ईस्टर्न एक्सप्रेस रोडवे, सेंट्रल रेलवे, मोनोरेल, मौजूदा मेट्रो रूट 2बी (डीएन नगर से मंडाले), मेट्रो रूट 5 (ठाणे से कल्याण), मेट्रो रूट 6 (स्वामी समर्थनगर से विक्रोली) के बीच इंटरकनेक्टिविटी प्रदान करेगा। हालाँकि, अनिल गलगली ने राय व्यक्त की है कि इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में देरी मुंबईकरों की सेवा के लिए खतरनाक है। गलगली ने मांग की है कि खर्च में बढ़ोतरी के लिए सरकार और एमएमआरडीए को जिम्मेदारी निश्चित की जाए।

मुंबई मेट्रो मार्ग- 4 वडाळा - कासारवडावलीच्या स्थापत्य काम खर्चात 1274.80 कोटींची लक्षणीय वाढ

मुंबई मेट्रो मार्ग- 4 वडाळा - कासारवडावलीच्या स्थापत्य काम खर्चात 1274.80 कोटींची लक्षणीय वाढ

मुंबई मेट्रो मार्ग-4 (वडाळा - कासारवडवली) प्रकल्पामध्ये स्थापत्य कामात झालेली तब्बल 1274.80 कोटी रुपयांची वाढ आणि 5 वर्षांची प्रकल्प दिरंगाई हा मुंबईच्या विकासासाठी मोठा धक्का आहे. आरटीआयच्या माध्यमातून आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी उघड केलेल्या या माहितीने एमएमआरडीएच्या मेट्रो प्रशासनातील हलगर्जीपणा आणि प्रकल्प व्यवस्थापनातील कमतरता यावर प्रकाश टाकला आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मेट्रो प्रकल्प अंमलबजावणी शाखेकडे विविध माहिती विचारली होती. मेट्रो प्रकल्प अंमलबजावणी शाखेने अनिल गलगली यांस सविस्तर माहिती दिली. मुंबई मेट्रो मार्ग- 4 वडाळा - कासारवडावलीचे काम RInfra- ASTALDI आणि CHEC- TPL या कंपनीला 12 एप्रिल 2018 रोजी देण्यात आले होते. वडाळा ते कासारवडवली मेट्रो मार्ग 4 हा 32.32 किमी लांबीचा उन्नत मार्ग आहे. सदर मार्गामध्ये एकूण 30 स्थानके आहेत. सदर काम जुलै 2021 रोजी पूर्ण करणे अपेक्षित होते. आता नवीन डेडलाईन ही ऑगस्ट 2026 अशी आहे.

दंडात्मक कारवाईचा अभाव:

अनिल गलगली यांनी प्रकल्पाच्या खर्च वाढीमुळे आणि वेळेत काम पूर्ण न होण्यामुळे दंडात्मक कारवाईची मागणी केली आहे. मुंबई मेट्रो मार्ग- 4 वडाळा - कासारवडावली प्रकल्पाचा स्थापत्य कामाचा अपेक्षित खर्च हा 2632.25 कोटी इतका होता. आता यात 1274.80 कोटींची लक्षणीय वाढ झाली आहे. खर्चात वाढ आणि 5 वर्षांची दिरंगाई लक्षात घेता दंडात्मक कारवाई केली जाऊ शकते पण दुर्दैवाने अद्यापही दंडात्मक कारवाई करण्यात आली नाही. 

सदर मार्ग सध्याच्या ईस्टर्न एक्स्प्रेस रोडवे, मध्य रेल्वे, मोनोरेल, सध्या सुरू असलेला मेट्रो मार्ग 2ब(डी एन नगर ते मंडाळे), मेट्रो मार्ग 5 (ठाणे ते कल्याण), मेट्रो मार्ग 6 (स्वामी समर्थनगर ते विक्रोळी) यांच्यात परस्पर जोडणी प्रदान करेल. तरीसुद्धा अश्या महत्वाच्या प्रकल्पात झालेली दिरंगाई ही मुंबईकरांच्या सेवेच्या दृष्टीने घातक असल्याचे मत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केली आहे. खर्च वाढीबाबत गलगली यांनी सरकारकडे आणि एमएमआरडीएकडे उत्तरदायित्व निश्चित करण्याची मागणी केली आहे.

त्रिवेणी साहित्य संगम की मासिक काव्यगोष्ठी सम्पन्न

त्रिवेणी साहित्य संगम की मासिक काव्यगोष्ठी सम्पन्न

त्रिवेणी साहित्य संगम की मासिक काव्य गोष्ठी सायन (पूर्व) स्थित व्यू माउंट टावर के प्रांगण में मकर संक्रांति के अवसर पर उत्साहपूर्वक संपन्न हुई। इस गोष्ठी की अध्यक्षता प्रसिद्ध कहानीकार सेवा सदन प्रसाद ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली से पधारी प्रतिष्ठित साहित्यकार और कवयित्री नीलिमा शर्मा ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम का कुशल संचालन पटकथा लेखक, अभिनेता और ग़ज़लकार गुलशन मदान ने किया। आयोजन का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से आभा दवे ने किया। जिसके बाद विभिन्न साहित्यकारों ने अपनी कविताओं और ग़ज़लों से समां बांधा। कार्यक्रम में कवयित्री उषा साहू, चंद्रिका व्यास, शायर अश्विनी उम्मीद, कवि एवं पत्रकार रवि यादव, विनय शर्मा दीप, कवयित्री शोभा स्वप्निल खंडेलवाल, ग़ज़लकारा रेखा किंगर रोशनी, इप्सा खंडेलवाल, धीर खंडेलवाल, मोहित खंडेलवाल और संतोष खंडेलवाल जैसे साहित्यप्रेमियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम अध्यक्ष सेवा सदन प्रसाद और मुख्य अतिथि नीलिमा शर्मा ने साहित्य की विभिन्न विधाओं पर प्रकाश डालते हुए नवोदित साहित्यकारों को प्रोत्साहित किया। अंत में आयोजक संतोष खंडेलवाल ने सभी अतिथियों और साहित्यकारों का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया। यह गोष्ठी साहित्य और संस्कृति के समर्पित प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।

Monday, 20 January 2025

विलेपार्ल्यात रुग्ण मित्र स्नेह संवाद कार्यशाळा उत्साहात संपन्न

विलेपार्ल्यात रुग्ण मित्र स्नेह संवाद कार्यशाळा उत्साहात संपन्न

मुंबई महानगर क्षेत्रातून 200 हुन अधिक रुग्ण मित्रांनी सहभाग घेतला

स्वामी विवेकानंद 161 वी जयंती युवा दिनाचे औचित्य साधून के पूर्व बृहन्मुंबई महानगरपालिका सहाय्यक आयुक्त मनिष वळंजू यांच्या मार्गदर्शनाखाली रुग्ण मित्र सहयोगी संस्थेने विलेपार्ले पूर्व येथील वैष्णवी बेनक्वेट हाॅल येथे रुग्ण मित्र स्नेह संवाद कार्यशाळेचे आयोजन करण्यात आले होते. या कार्यशाळेसाठी अध्यक्ष म्हणून आयसीएमआर अनुवांशिक संशोधन केंद्र प्रमुख डॉ.शैलेश पांडे, आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली, रुग्ण मित्र विनोद साडविलकर यांच्या हस्ते पर्यावरण संवर्धनाचा संदेश देत वृक्षांना पाणी अर्पण करून कार्यक्रमाचा शुभारंभ करण्यात आले. या कार्यशाळेत मुंबई महानगर क्षेत्रातून 200 हुन अधिक रुग्ण मित्रांनी सहभाग घेतला.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी आपल्या मार्गदर्शनात मुख्यमंत्री वैद्यकीय मदत कक्ष तसेच आरोग्य विषयक कायद्याचा अभ्यास कार्यशाळेव्दारे साक्षर करुन एक माहिती पुस्तिका जनहितार्थ प्रकाशित करण्याचा मनोदय व्यक्त केला. मुंबई महानगरपालिका आपत्कालीन विभागाचे संचालक महेश नार्वेकर यांनी कोरोना काळातील आरोग्य विषयक व्यवस्थापनाची माहिती दिली. डाॅ.शैलेश पांडे यांनी आयसीएम आर्या संशोधन व निःशुल्क तपासण्या, दुर्मिळ आजारातील लक्षणे, उपचार पद्धतीबद्दल विश्लेषण केले. 

या व्यतिरिक्त पूनम भोवर यांनी कॅन्सर पेशंट एड असोसिएशन गरजू रुग्णांसाठी करीत असलेल्या उपचार पध्दती,तपासणी,शिबीर याची माहिती दिली. प्रफुल पवार यांनी अवयव दान, प्रत्यारोपण प्रक्रियाची माहिती दिली. अमोल सावंत यांनी रक्तदान,रक्ताचे घटकांची माहिती दिली. गणेश पवार व रुग्ण आराध्य पवार यांनी दुर्मिळ आजारांसाठी आवश्यक मदत लागल्यास संपर्कात राहण्याचे आवाहन केले. धनंजय पवार यांनी धर्मादाय रुग्णालयात (दुर्धर व निर्धन गट) मदतीसाठी संपर्कात राहून उपचार मिळवून देण्यासाठीच्या सूचना केल्या. 

निरंजन आहेर व श्रध्दा बनसोडे यांनी प्रभावी सूत्रसंचालन करुन रुग्ण मित्रांना विविध वकृत्वाच्या कौशल्यातून संदर्भ देत वातावरण आनंदी ठेवले. के-पूर्व सहाय्यक आयुक्त मनिष वळंजू, आयोजक संदीप खामकर, गौतम पाईकराव, पंकज नाईक, किरण गिरकर, रमेश चव्हाण, चारुदत्त पावसकर, हर्षल जाधव, श्रुती साडविलकर आणि के-पूर्व विभागातील आरोग्य सेविका, घनकचरा व्यवस्थापन विभाग, अंधेरी-जोगेश्वरी पोलिस ठाणे रुग्ण मित्रशी संलग्न विविध सामाजिक संस्थांचे प्रतिनिधी व कार्यकर्ते यांच्या नियोजनबध्द व्यवस्थापनातून रूग्ण मित्र स्नेह संवाद कार्यशाळा संपन्न झाली. कार्यशाळेची संकल्पना केलेले रुग्ण मित्र विनोद साडविलकर यांनी आभार प्रदर्शन केले.


विलेपार्ले में रुग्ण-मित्र मैत्री संवाद कार्यशाला संपन्न

विलेपार्ले में रुग्ण-मित्र मैत्री संवाद कार्यशाला संपन्न

मुम्बई महानगरीय क्षेत्र से 200 से अधिक रुग्ण मित्रों ने भाग लिया

स्वामी विवेकानन्द की 161वीं जयंती युवा दिवस के अवसर पर, के पूर्व मनपा के सहायक आयुक्त मनीष वलंजू के मार्गदर्शन में रुग्ण मित्र एसोसिएशन ने विलेपार्ले पूर्व के वैष्णवी बैंक्वेट हॉल में रुग्ण मित्र स्नेह संवाद कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला के अध्यक्ष के रूप में आईसीएमआर आनुवंशिक अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डॉ. शैलेश पांडे, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, रुग्ण मित्र विनोद साड़विलकर ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पेड़ों को पानी देकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यशाला में मुंबई महानगर क्षेत्र से 200 से अधिक रुग्ण मित्रों ने भाग लिया।


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने अपने मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कक्ष के साथ-साथ स्वास्थ्य कानून अध्ययन कार्यशाला को साक्षर बनाकर जनहित के लिए एक सूचना पुस्तिका प्रकाशित करने की इच्छा व्यक्त की। मुंबई मनपा आपातकालीन विभाग के निदेशक महेश नार्वेकर ने कोरोना काल में स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। डॉ. शैलेश पांडे ने आईसीएम आर्या के शोध एवं नि:शुल्क परीक्षण, दुर्लभ बीमारियों के लक्षण, उपचार के तरीकों का विश्लेषण किया।

इसके अलावा पूनम भोवर ने जरूरतमंद मरीजों के लिए कैंसर रोगी सहायता एसोसिएशन द्वारा आयोजित उपचार विधियों, जांचों और शिविरों के बारे में जानकारी दी। प्रफुल्ल पवार ने विदेश में अंगदान, ट्रांसप्लांट के बारे में जानकारी दी। अमोल सावंत ने रक्तदान, रक्त घटकों के बारे में जानकारी दी। गणेश पवार और आराध्या पवार ने दुर्लभ बीमारियों के लिए मदद की जरूरत पड़ने पर संपर्क में रहने की अपील की। धनंजय पवार ने मदद के लिए चैरिटी अस्पतालों (गरीब और निराश्रित समूहों) से संपर्क करने और इलाज कराने के निर्देश दिए।

निरंजन अहेर और श्रद्धा बनसोडे ने प्रभावी ढंग से संचालन किया और विभिन्न वकृत्व कौशल के माध्यम से माहौल को खुशनुमा बनाए रखा। के-ईस्ट सहायक आयुक्त मनीष वलंजू, आयोजक संदीप खामकर, गौतम पाईकराव, पंकज नाईक, किरण गिरकर, रमेश चव्हाण, चारुदत्त पावसकर, हर्षल जाधव, श्रुती साडविलकर और के-ईस्ट डिवीजन स्वास्थ्य अधिकारी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग, अंधेरी-जोगेश्वरी पुलिस स्टेशन, रुग्ण मित्र से जुड़े विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और कार्यकर्ता नियोजित प्रबंधन के माध्यम से रुग्ण मित्र संबंध कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला की परिकल्पना करने वाले रुग्ण मित्र विनोद साड़विलकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

In Vileparle, the Patient friendship dialogue workshop was full of enthusiasm

In Vileparle, the Patient friendship dialogue workshop was full of enthusiasm

More than 200 patient friends from Mumbai Metropolitan area participated

On the occasion of Swami Vivekananda's 161st birth anniversary Youth Day, under the guidance of K/East Brihanmumbai Municipal Corporation Assistant Commissioner Manish Valanju, Patient Mitra Association organized a Patient Mitra Sneh Samvad Workshop at Vaishnavi Banquet Hall, Vileparle East. In the presence of Dr. Shailesh Pandey, head of ICMR genetic Research Center, RTI Activist Anil Galgali, Runga Mitra Vinod Sadwilkar, the  workshop started by offering water to the trees giving the message of environmental conservation. More than 200 patient friends from Mumbai metropolitan area participated in this workshop.

RTI Activist Anil Galgali expressed his desire to publish an information booklet for public interest by making the Chief Minister's Medical Aid Room as well as health law study workshop literate under his guidance. Bmc  Department Director Mahesh Narvekar gave information about health management in Corona era. Dr Shailesh Pandey analyzed ICM Arya research and free tests, symptoms of rare diseases, treatment methods.

Apart from this, Poonam Bhovar gave information about the treatment methods, check-ups and camps conducted by the Cancer Patient Aid Association for the needy patients. Praful Pawar gave information about organ donation, transplant abroad. Amol Sawant gave information about blood donation, blood components. Ganesh Pawar and patient Aradhya Pawar appealed to keep in touch if needed help for rare diseases. Dhananjay Pawar instructed to get in touch with charity hospitals (poor and destitute groups) for help and get treatment.


Niranjan Aher and Shraddha Bansode effectively moderated and kept the atmosphere happy by referring the patient friends through various Vkrtva skills. K-East Assistant Commissioner Manish Valanju, Organizer Sandeep Khamkar, Gautam Paikarao, Pankaj Naik, Kiran Girkar, Ramesh Chavan, Charudatta Pavaskar, Harshal Jadhav, Shruti Sadwilkar and K-East Department Health Nurse, Solid Waste Management Department, Andheri-Jogeshwari Police Station representatives and activists of various social organizations affiliated to Mhari Mitra, the patient friend friendship workshop was concluded.

Sunday, 19 January 2025

Distribution of certificates on the occasion of Swami Vivekananda's birth anniversary

Distribution of certificates on the occasion of Swami Vivekananda's birth anniversary


On the occasion of Swami Vivekananda's Birth Anniversary, certificates for free computer and English speaking courses were distributed at the Swami Vivekananda Study Centre, Sakinaka. On this occasion, RTI Activist Anil Galgali discussed Swami Vivekananda's thoughts and his impact on society.

Babu Batteli, Ratnakar Shetty, Subhash Gaikwad, Swapnil Chavan, Madhavi Singh and the president of the organization Manali Gaikwad were present on this occasion. Swami Vivekananda's program tried to connect the youth with his thoughts and ideals.

स्वामी विवेकानंद यांच्या जयंतीनिमित्त प्रमाणपत्रांचे वितरण

स्वामी विवेकानंद यांच्या जयंतीनिमित्त प्रमाणपत्रांचे वितरण

स्वामी विवेकानंद यांच्या जयंतीनिमित्त साकीनाका येथील स्वामी विवेकानंद अभ्यास केंद्रात मोफत संगणक आणि इंग्लिश स्पीकिंग कोर्सेसचे प्रमाणपत्र वितरित करण्यात आले. या वेळी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी स्वामी विवेकानंदचे विचार आणि त्यांच्या समाजावर प्रभावाची चर्चा केली.

यावेळी बाबू बत्तेली, रत्नाकर शेट्टी, सुभाष गायकवाड़, स्वप्निल चव्हाण, माधवी सिंह आणि संस्था अध्यक्षा मनाली गायकवाड़ उपस्थित होत्या. स्वामी विवेकानंदांच्या या कार्यक्रमाने युवकांना त्यांच्या विचारांशी आणि आदर्शांशी जोडण्याचा प्रयत्न केला गेला.

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर प्रमाणपत्र का वितरण

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर प्रमाणपत्र का वितरण

स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में साकीनाका स्थित स्वामी विवेकानंद अभ्यासिका केंद्र में मुफ्त कंप्यूटर और इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स के प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया। इस अवसर पर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके समाज पर प्रभाव की चर्चा की।


कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित एनसीपी नेता बाबू बत्तेली, रत्नाकर शेट्टी, सुभाष गायकवाड़, स्वप्निल चव्हाण, माधवी सिंह और संस्था की अध्यक्षा मनाली गायकवाड़ सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने सहभाग लिया। स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा से जुड़े इस आयोजन ने युवाओं को उनके विचारों और आदर्शों से जोड़ने का प्रयास किया।


पत्रकार विकास संघ का 17वां लिट्टी-चोखा स्नेह सम्मेलन संपन्न

पत्रकार विकास संघ का 17वां लिट्टी-चोखा स्नेह सम्मेलन संपन्न

संजय निरुपम: "असली पत्रकारिता अब गांव-कस्बे में हो रही है"

मुंबई: पत्रकार विकास संघ (पीवीएस) के तत्वावधान में 17वां लिट्टी-चोखा स्नेह सम्मेलन गोरेगांव पश्चिम स्थित ब्रह्मा-महेश मैदान में भव्य रूप से संपन्न हुआ। "दिल की बात, लिट्टी-चोखा" की थीम के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में पत्रकारों, साहित्यकारों, राजनेताओं, समाजसेवियों और पुलिसकर्मियों सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने बड़ी संख्या में शिरकत की।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का जिक्र करते हुए पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "असली पत्रकारिता अब गांव और कस्बों में हो रही है, जहां पत्रकार अपने जुनून के कारण जान की परवाह किए बिना सच्चाई उजागर कर रहे हैं।"

भाजपा नेता कृपाशंकर सिंह ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम पत्रकारों को तनावमुक्त होकर आपसी मेलजोल का अवसर प्रदान करते हैं। वहीं, पूर्व मंत्री और विधायक असलम शेख ने पीवीएस के इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे अपनी पुरानी यादों से जोड़ा।

भाजपा नेता आचार्य पवन त्रिपाठी ने सम्मेलन को प्रयागराज के महाकुंभ से तुलना करते हुए इसे अद्वितीय बताया। शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता आनंद दुबे और भाजपा नेता विद्या ठाकुर ने भी पत्रकारों के प्रयासों की प्रशंसा की। भाजपा नेता अमरजीत मिश्र विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकार शामिल हुए। इस मौके पर उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह, हिंदी पत्रकार संघ के अध्यक्ष आदित्य दुबे, अमित मिश्र, अमर त्रिपाठी, विनोद शेलार, डॉ. एन. एन. पांडेय,  एड. अखिलेश चौबे, पूर्व नगरसेवक विनोद मिश्र, कमलेश यादव, एड. इंद्रपाल सिंह, परमिंदर सिंह भामरा, दीपक ठाकुर, उदय प्रताप सिंह, योगेश वर्मा, संतोष सिंह, अनिल गलगली, गंगाराम जमनानी, अनुराग त्रिपाठी, सुनील मेहरोत्रा, अभय मिश्र, शैलेंद्र  श्रीवास्तव, विवेक अग्रवाल, मनसे सचिव वागीश सारस्वत, पुलिस विभाग से डीसीपी आनंद भोईटे और स्मिता पाटिल, सेवानिवृत्त एसीपी राजन घुले, और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय कुमार पन्हाले, ज्योति भोपले, रवींद्र पाटिल, और हृदय मिश्र की उपस्थिति गरिमामय रही। लोकगायक सुरेश शुक्ल की संगीतमय प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

पीवीएस के अध्यक्ष आनंद प्रकाश मिश्र, सलाहकार सुनील सिंह और महासचिव अजय सिंह ने बनारसी गमछा देकर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ पत्रकार भानुप्रकाश मिश्र, समीउल्लाह खान, धर्मेंद्र पांडेय,आलम पठान, मुरारी सिंह, वसीम हैदर, विक्रम जादव, अब्दुल चौधरी, तुफैल खान, देवांश मिश्र, युवराज सिंह और अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा।

यह सम्मेलन न केवल पत्रकारों के लिए एक स्नेहपूर्ण मेलजोल का अवसर था, बल्कि पत्रकारिता के नए आयामों पर चर्चा और उत्साह का केंद्र भी बना।