Thursday, 17 May 2018

मोनो रेलवे के खर्च में 236 करोड़ की वृद्धि

देश में पहली बार आरंभ की गई मोनो रेल का चरण 1 और चरण 2 के लिए अंदाजन खर्च रु 2,460 करोड़ था अब इस खर्च में रु 236 करोड़ की वृद्धि होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हैं। पहले ही देरीवाला मोनोरेल प्रोजेक्ट यह मुंबईकरों के दृष्टिकोण से महंगा साबित होने से अब इसमें बढ़ी हुई रकम का इजाफा हुआ हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 31 जनवरी 2018 को एमएमआरडीए प्रशासन से मोनोरेल के लिए अंदाजन खर्च और बढ़े हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन के जन सूचना अधिकारी तरुवर बॅनर्जी ने अनिल गलगली को बताया कि मोनोरेल चरण 1 और मोनोरेल चरण 2 के लिए अंदाजन कुल खर्च रु 2,460 करोड़ (टैक्स को छोड़कर ) हैं। वर्तमान में कुल खर्च रु 2,136 किया गया हैं। मोनोरेल चरण 1 और मोनोरेल चरण 2 के लिए कुल अंदाजन बढ़ा हुआ खर्च रु 236 करोड़ इतना हैं। चेंबूर से वडाला डेपो इस प्रथम चरण में 7 मोनोरेल स्टेशन हैं। प्रथम चरण की कुल लंबाई 8.80 किलोमीटर हैं इसमें  चेंबूर, वी एन पुरव मार्ग और आर सी मार्ग जंक्शन, फर्टलाईजर टाऊनशीप, भारत पेट्रोलियम, म्हैसूर कॉलनी, भक्ती पार्क और वडाला डेपो यह स्टेशन हैं। संत गाडगे महाराज चौक से वडाला डेपो इस दूसरे चरण में संत गाडगे महाराज चौक, लोअर परेल, मिंट कॉलनी, आंबडेकर नगर, नायगाव, दादर पूर्व, वडाला ब्रिज, आचार्य अत्रे नगर, अंटाप हिल और जीटीबी नगर ऐसे 10 मोनोरेल स्टेशन हैं। इस मोनोरेल के दूसरे चरण की कुल लंबाई 11.20 किलोमीटर इतनी हैं।

मोनोरेल चरण 1 और मोनोरेल चरण 2 इस प्रोजेक्ट की बढ़ी हुई रु 236 करोड़ खर्च को एमएमआरडीए प्राधिकरण समिती, कार्यकारी समिती और महानगर आयुक्त की मान्यता हैं। साथ ही में सरकार की मान्यता मिल चुकी हैं, ऐसा अनिल गलगली को बताया गया हैं। अनिल गलगली के अनुसार मोनोरेल प्रोजेक्ट गलत तरीके से कार्यान्वित किया गया हैं जिससे एमएमआरडीए प्रशासन को घाटे पर घाटे सहन करना पड़ रहा हैं। इस प्रोजेक्ट में सक्रिय सभी लोगों की जांच कर कारवाई कर दोषियों से खर्च में हुई वृद्धि की रकम वसूलना चाहिए। 

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