Tuesday, 30 January 2018

एमएमआरडीए की वसूली नोटीस के खिलाफ में मुकेश अंबानी के रिलायंस कंपनी कोर्ट में

बलाढय और सबसे अधिक अमीर ऐसे जिनकी गिनती पूरे विश्व में हैं ऐसे मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी ने कोर्ट में दस्तक देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षतावाली एमएमआरडीए प्रशासन को कोर्ट में गुनहगार के पिंजरे में खड़ा किया हैं। ऐसी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हुई जानकारी से सामने आ रही हैं। अतिरिक्त प्रीमियम अदा न करने से एमएमआरडीए प्रशासन ने मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी समेत सभी बकायेदारों को अंतिम नोटीस जारी कर लीज को रद्द करने की चेतावनी दी थी। 

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने  विधीमंडल के अधिवेशन में मुकेश अंबानी समेत अन्य बकायेदारों के खिलाफ वसूली की कारवाई शुरु करने की जानकारी दी थी। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने जानकारी मांगने पर एमएमआरडीए प्रशासन ने  बताया कि बीकेसी स्थित सी-66  इस जमीन को लेकर रिलायंस कंपनी ने अंतिम नोटीस दी थी।  रिलायंस प्रा.लिमिटेड की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय में दावा दायर किया हैं। मुकेश अंबानी की कंपनी ने एफएसआई इस्तेमाल के लिए प्रलंबित रकम रु 770.36/-  करोड़ में से 103 करोड़ अदा किया हैं जबकि वर्तमान में रु 692.95/- करोड़ देना शेष हैं वहीं इंडियन प्रेस पर रु 35.52/- करोड़ का बकाया हैं। 

4 वर्ष में निर्माण पूर्ण न होने पर अतिरिक्त प्रीमियम का रु 2047,60,06,832/- इतनी रकम जिन लोगों ने अदा नहीं किया हैं इनमें सबसे बड़ा बकायादार मुकेश अंबानी हैं, जिन्होंने   2 मामलो में  रु 1480,42,166,97/- और रु 425,01,35,526/- इतनी रकम एमएमआरडीए प्रशासन को अडा नहीं किया हैं। नमन हॉटेल रु 31,60,50,927/-, इंंडियन न्युजपेपर सोसायटी रु 54,44,80,293/-, मेसर्स जमुुनाबेन अंबानी फौंडेशन रु 23,49,27,646/-,  और तालीम रिसर्च फौंडेशन रु 32,61,95,743/- इतनी रकम अदा नहीं की हैं।

अनिल गलगली के अनुसार बकाया अदा नहीं करते हैं तबतक  रिलायंस प्रा.लिमिटेड कंपनी का काम ताबड़तोड़ बंद करने का अधिकार एमएमआरडीए प्रशासन को होते हुए कोई कारवाई नहीं की गई हैं। बकायेदारों का नाम और अन्य जानकारी एमएमआरडीए प्रशासन के वेबसाइट पर ऑनलाइन करने की जरुरत हैं। साथ ही में ऐसी कंपनियों को भविष्य में एमएमआरडीए और सरकारी योजना में सहभाग लेने से हमेशा के लिए रोक लगाने की मांग अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे हुए पत्र में की हैं।  

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