Monday, 30 May 2016

सीएम और एमडी से अधिक वेतन पाते हैं मेट्रो के अफसर

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे से अधिक 6 अफसर वेतन पा रहे हैं। अधिक वेतन पानेवालों में प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबोध गुप्ता, सिस्टम डायरेक्टर अजयकुमार भट्ट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर रमन्ना, सीएफओ इंद्रनील सरकार, इलेक्ट्रिकल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर के शर्मा और सिविल विभाग के जनरल मैनेजर चरुहस जाधव अग्रक्रम पर होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने दी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड से मार्च 2016 में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अदा किए हुए वेतन की जानकारी मांगी थी। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के डिप्टी अकाउंटेंट और पब्लिक इनफार्मेशन गणेश घुले ने अनिल गलगली को 119 अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट दी । इस लिस्ट का अध्ययन करने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे से अधिक 6 अफसर वेतन पा रहे हैं। अधिक वेतन पानेवालों में प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबोध गुप्ता ( रु 2,08,706/-) , सिस्टम डायरेक्टर अजयकुमार भट्ट ( रु 2,03,346/-), इलेक्ट्रिकल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर के शर्मा ( रु 1,92,945/-), एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर रमन्ना ( रु 1,82,688/-) , सीएफओ इंद्रनील सरकार ( रु 1,51,936/-) और सिविल विभाग के जनरल मैनेजर चरुहस जाधव ( रु 1,51,936/-) टॉप पर हैं। कई वर्ष इललीगल तरीके से कार्यरत आर रमन्ना को एमएमआरडीए से सरकार के आदेश पर हटाने की पहल के बाद उसने इस्तीफा दिया और आनन फानन में आश्चर्यजनक तरीके से मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में नौकरी पाई। जबकि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को रु 57,000/- और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे को रु 1,43,051/- इतना वेतन हैं। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मुखिया के तौर पर मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर महाराष्ट्र सरकार ने अश्विनी भिडे को प्रतिनियुक्ति पर भेजा हैं और इनका फैसला अंतिम होता हैं। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के कुल 119 अधिकारियों और कर्मचारियों में से 21 एमएमआरडीए का रिटायर्ड स्टाफ हैं। इनमें 5 एडवाइजर और 5 ओएसडी हैं। सबसे अधिक वेतन 1-1 लाख रुपए सीजीएम ट्रैक डी जी दिवटे और सिविल एडवाइजर के तौर पर एस आर नन्दर्गिकर को अदा किए जाते हैं। जबकि रिटायर्ड हुए लोगों रखने पर रोक है और डॉ जगन्नाथ ढोणे बनाम महाराष्ट्र सरकार की कोर्ट केस में इसपर रोक लगी थी। 119 में से 63 रेगुलर, 15 डेपुटेशन, 20 डायरेक्ट कॉन्ट्रैक्ट और 21 रिएम्प्लोयेड( रिटायर्ड ) हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के अनुसार वेतन के साथ वरिष्ठ अफसरों को निवास और गाडी की सेवा भी दी जाती हैं। इतना भारी वेतन जिन अफसरों को दिया जाता हैं उनके काम का जायजा हर 3 महीने में लेना चाहिए ताकि जो धन सरकारी तिजोरी से इनपर खर्च हो रहा हैं उसके मुताबिक उनसे काम लिया जाए।

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