Friday, 20 May 2016
OMG! 26 महीने में 159 करोड़ का मोनोरेल घाटा
देश की पहली मोनोरेल मुंबई में शुरु करने का महाराष्ट्र सरकार की पहल महंगी साबित होने से गत 26 महीने में159 करोड़ का घाटा होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दिए हुए दस्तावेजों से सामने आ रही हैं। अब तक योजना की मूल लागत में रु 220 करोड़ की वृद्धी इस मोनोरेल योजना में हुई हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मोनोरेल की योजना की विभिन्न जानकारी मांगी थी। मोनोरेल के परिवहन नियोजक शंतनु वाघ और परिवहन ऑपरेशन विभाग के विशेष कार्यकारी अधिकारी पी एल कुरियन से प्राप्त हुई जानकारी देते हुए जन सूचना अधिकारी वरुण वैश ने अनिल गलगलीे को बताया कि चरण 1 वडाला से चेंबूर मार्गिका दिनांक 2 फरवरी 2014 को यात्रियों के लिए शुरु की गई हैं। फरवरी 2014 से मार्च 2016 इन 26 महीनों में कुल 1,21,64,831 इतने यात्रियों ने यात्रा की हैं जिनके टिकट बिक्री से 9,24,95,331 इतनी आय हुई हैं लेकिन मोनोरेल का कार्य और देखरेख खर्च 168 कोटी हुआ हैं जो आय की तुलना में 158,75,04,669 इतना सीधा घाटा हुआ हैं। हर महीने को रु 6.11 करोड़ का घाटा एमएमआरडीए उठा रही हैं।
मोनोरेल योजना में हुई देरी और अनियोजन की मार सिर्फ कार्य और देखरेख में हुआ होता तो वह मुंबईकरों का सौभाग्य होता लेकिन कुल खर्च में अब तक 220 करोड़ की वृद्धि हुई हैं। यह योजना रु 2460 करोड़ की थी जिसमें 220 करोड़ की वृद्धि हुई हैं। विशेष यानी एमएमआरडीए प्रशासन ने रु 2310/- करोड़ ( योजना खर्च, वृद्धि की रकम और कार्य व देखरेख खर्च) अदा करने की उदारता दिखाई हैं। जिसमें एल एंड टी और स्कोमी यह प्रमुख कंपनियां ठेकेदार हैं।यानी 81 प्रतिशत रकम मोनोरेल योजना शतप्रतिशत पूर्ण होने के पहले ही देने की अतिउदारता दिखाई गई।
चरण 1 और चरण 2 इन कामों में हुई देरी को देखते हुए चरण 2 कब तक सुरु होगा, इसकी जानकारी अनिल गलगली ने पूछते ही उन्हें बताया गया कि संत गाडगे महाराज चौक से वडाला इस मार्गिका का काम प्रगतीपथ पर हैं जो जुलाई 2016 तक पूर्ण होने का अनुमान हैं। अब तक 5 बार एक्सटेंशन दिया गया हैं। सबसे पहले दिनांक 22 नवंबर 2012 , दूसरी बार 31 दिसंबर 2013, तिसरी बार 30 जून 2014, चौथी बार 26 सितंबर 2015 और पाचवी बार 19 अगस्त 2016 ऐसा क्रम हैं।
अबतक हुई 10 दुर्घटना में 6 की मौत और 7 घायल ऐसी संख्या हैं । एमएमआरडीएने हर्जाना देते हुए 34.52 लाख रुपए मृतक परिवार को दिए हैं। वहीं अबतक ठेकेदार से सुरक्षित मामलों पर रु 36.50 लाख इतनी रकम का जुर्माना वसूल किया गया हैं। इसके अलावा रु 50 लाख इतनी रकम बिल में से पेंडिंग रखी हैं।
अनिल गलगली के अनुसार मोनोरेल विश्व से तडीपार होने के दौरान राजनेता और आला अफसरों ने निर्जन स्थान पर मोनोरेल का शुभारंभ कर अपरोक्ष तौर पर आम मुंबईकरों से बड़ा मजाक किया हैं। जिस बिल्डर लॉबी के फायदे के लिए ऐसे स्थान का चयन किया गया उस निर्णय लेनेवाले सभीओं की जांच कर 159 करोड़ वसूल करने का नई पहल सरकार करती हैं तो भविष्य में ऐसी बड़ी गलती की पहल कोई नहीं करेगा।
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