Wednesday, 25 October 2017

रिलायन्स बिजली कंपनी के खिलाफ अनशन

उद्योगपति अनिल अंबानी की रिलायन्स एनर्जी लिमिटेड द्वारा सालों साल से ठेके पर काम करनेवाले मजदूरों का शोषण रोके और अन्य मांग को लेकर अखिल भारतीय कामगार उत्कर्ष संघ द्वारा बुधवार को सांताक्रूझ पूर्व स्थित रिलायन्स एनर्जी के मुख्यालय के सामने एक दिवसीय लाक्षणिक अनशन किया गया। इस अनशन में मजदूरों ने भी हिस्सा लिया। 

सांताक्रूझ पूर्व के रिलायन्स एनर्जी के मुख्यालय के सामने मौलाना अबुल कलाम आझाद सभागृह में एक दिवसीय लाक्षणिक अनशन किया गया। संघ के अध्यक्ष एड राजेश दाभोलकर ने कंपनी में व्याप्त भ्रष्टाचार और धांधली पर प्रकाश डालते हुए आऊटसोर्सिंग बंद करना, ठेके पर कार्यरत मजदूरों को परमानेंट करना, मृतक मजदूरों के पारिवारिक सदस्यों को नोकरी देना और  25 प्रतिशत बोनस देने की मांग की।  

प्रमुख मार्गदर्शक और आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने रिलायन्स  एनर्जी और रिलायन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर यह धांधली यानी रिलायन्स कंपनी का फर्जीवाडा होने का आरोप लगाया। जनरेशन, डिस्ट्रीब्युशन और कलेक्शन ऐसे 3 अकाउंट खोले बिना एक ही अकाउंट पर रिलायन्स काम कर रही हैं। कंपनी बेचने की साजिश यह हजारों मजदूर और लाखों उपभोक्ताओं के दृष्टिकोन से अहितकारक हैं। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से अपील कि समय पर नियंत्रण नहीं किया गया तो रिलायन्स कंपनी बिक जाएगी। 

इस मौके पर आनंदराव कलिगोटा, संदीप सिंह, विनायक त्रिकाल, नितीन भालेराव, राजू मांडवकर, कुणाल संगोई, प्रवीण पवार, अतुल पवार, विकी शिर्के, शैलेश पाटील, विवेका दाभोलकर, प्रसाद अभ्यंकर, प्रकाश गावडे, रमेश सुखा, सहदेव परब आदी उपस्थित थे।

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