मुंबई मनपा की अनुमति लिए बिना मेसर्स शिर्के कंपनी ने कालीना में आला अफसरों की 'मैत्री' बिल्डिंग में किया हुआ अवैध निर्माण चर्चा में हैं। म्हाडाने मनपा की अनुमति के बिना बनाए अवैध निर्माण पर हुए खर्च की 94 प्रतिशत रकम शिर्के को अदा करने का नया खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी नई जानकारी से हुआ हैं। म्हाडा ने शिर्के को 18 करोड़ 83 लाख 80 रुपए अदा किए हैं।
म्हाडा मुंबई मंडल की विभागीय लेखपाल ने अनिल गलगली ने पूछी जानकारी के जबाब में बताया कि उच्च आय वर्ग के 72 मकानों की बिल्डिंग पर 31 मार्च 2017 तक 20 करोड़ 14 लाख 78 रुपए खर्च हुए हैं। म्हाडा ने 31 मार्च 2017 मेसर्स बी जी शिर्के कंपनी को 18 करोड़ 83 लाख 80 रुपए अदा किए हैं।
अनिल गलगली ने म्हाडा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अवैध निर्माण पर हुए खर्च की रकम अदा करने के पहले मनपा की अनुमति जांचने की आवश्यकता थी जिसे नजरअंदाज किया है। मनपा इस अवैध निर्माण को तोड़ेगी तो जो करोड़ों का भुगतान किया गया हैं उसे शिर्के से वसूलना आसान नहीं होगा।
म्हाडा प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि मेसर्स बी जी शिर्के कंपनी को 2 मार्च 2017 को नोटीस जारी कर अवैध निर्माण पर खुलासा 7 दिन के भीतर करने का आदेश दिया गया हैं। म्हाडा ने मैत्री सहकारी गृहनिर्माण संस्था में तय 76 सदस्य के अलावा शेष और सरकार ने मंजूर किए सदस्यों के लिए 15 फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए मंजूरी दी। विंग ए के लिए 3 और विंग बी तथा सी के लिए 2 फ्लोर की अनुमति होते हुए मेसर्स शिर्के इस ठेकेदार ने 12 फ्लोर का निर्माण किया और उसके बाद अवैध निर्माण को अधिकृत करने का अनुरोध किया हैं।
मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर उपमुख्यमंत्री कार्यालय, म्हाडा, एसआरए, गृहनिर्माण, ग्रामविकास, नगरविकास, सहकार,राजस्व, भ्रष्टाचार निरोधक ब्युरो, सार्वजनिक स्वास्थ्य, मनपा, सिडको, शिक्षा, जलसंपदा, कृषी, महिला व बालविकास, उद्योग, सूचना व तकनीक, पुलिस, विक्रीकर, यातायात ऐसे हर एक विभाग का अफसर और कर्मचारी को फ्लैट मिलेगा। 4 प्रमोटर में मुंबई मंडल के सहमुख्य अधिकारी अभिमन्यू काले, पुलिस उपायुक्त सुनील रामानंद, गृहनिर्माण राज्यमंत्री के निजी खाजगी सचिव कैलास पगारे आउट गृहनिर्माण विभाग के उपसचिव एवं अप्पर जिलाधिकारी दिलीप शिंदे हैं वहीं चीफ प्रमोटर झोपडपट्टी पुनर्वास प्राधिकरण के अप्पर जिलाधिकारी ए.एम.वजरकर हैं।
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