Thursday, 28 July 2016
महाराष्ट्र के सिर्फ 12 मंत्रियों ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा पेश किया
पारदर्शक और स्वच्छ कामकाज का दावा कर सत्ता पर आयी भाजपा प्रणित मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार के सिर्फ मंत्रियों ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा पेश करने का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सरकार द्वारा उपलब्ध की गई जानकारी से हुआ है। केंद्र और बिहार की तर्जपर राज्य के सभी मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी ऑनलाइन करने की गलगली की मांग वाले आवेदन पर पिछले 20 महीनों से मुख्यमंत्री द्वारा कोई भी निर्णय नहीँ लेने की बात स्पष्ट हुई है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य मंत्रीमंडल के मंत्री और राज्यमंत्रियों ने पेश की हुई उन मंत्रियों की प्रॉपर्टी और उनसे जुड़े हुए लोगों के लाइबिलिटीस के विवरण की जानकारी मांगी थी। सामान्य प्रशासन विभाग के जन सूचना अधिकारी और अवर सचिव कि.शां.परब ने अनिल गलगली को बताया कि केंद्र सरकार ने तैयार की हुई आचारसंहिता के अनुसार मंत्रियों को उनकी प्रॉपर्टी और उनसे जुड़े हुए लोगों के लाइबिलिटीस का विवरणपत्र पेश करना आवश्यक हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिए हुए निर्णयानुसार यह कानूनन अनिवार्य नहीं हैं।।आचारसंहिता में मंत्रियों को मुख्यमंत्री महोदय के पास ऐसे विवरणपत्र पेश करने का जिक्र हैं।उल
अब मुख्यमंत्री सहित 23 मंत्री आणि 16 राज्यमंत्री ऐसा मंत्रीमंडल हैं।
सिर्फ 12 मंत्रियों ने दिया सकारात्मक प्रतिसाद
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित 12 मंत्रियों ने सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए अपनी प्रॉपर्टी और उनसे जुड़े हुए लोगों के लाइबिलिटीस का विवरणपत्र पेश किया हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव तो 11 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के पास विवरणपत्र पेश किया हैं। इनमें राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील, वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, स्कूली शिक्षा मंत्री विनोद तावडे, गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, सार्वजनिक आरोग्य मंत्री राम शिंदे, अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट, जलसंपदा मंत्री गिरीष महाजन,परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री और पर्यावरण राज्यमंत्री प्रवीण पोटे का शुमार हैं। पिछली सरकार ने अनिल गलगली के फॉलो आप के बाद जिन मंत्रियों ने विवरण पेश किया था उनका सिर्फ नाम ही ऑनलाइन किया था। उस वक्त के 'मिस्टर क्लीन' मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी को सार्वजनिक करने की गलगली की मांग को खारिज किया था। भाजपा सरकार पारदर्शक होने का दावा तो कर रही हैं लेकिन कांग्रेस की तर्ज पर अपने मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी को सार्वजनिक करने से भाग रही हैं, इसपर अनिल गलगली ने दुःख जताया।
अथक सेवा संघ के अध्यक्ष और आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा 14 नवंबर 2014, दिनांक 9 मार्च 2015 और अब 28 जुलाई 2016 को ऐसे 3 पत्र भेजकर केंद्र और बिहार की तर्ज पर राज्य के सभी मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी को ऑनलाइन करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास की गई है।
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