'सूचना का अधिकार' यानी आरटीआई को जन जन तक लेकर जाने की पहल के तहत ताडदेव स्थित रुसी मेहता हॉल में 40 बेघर नागरिको को 'सूचना का अधिकार 2005' का प्रशिक्षण दिया गया। जाने माने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने करीब 1 घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रम में बेघरों को उनके अधिकार प्राप्ती में कैसे आरटीआई सहायक साबित होगी, इसकी टिप्स दी।
'पहचान' संस्था के अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य की पहल पर 40 बेघर नागरिकों का समूह ताडदेव के रुसी मेहता हॉल में इकठ्ठा हुआ था। अनिल गलगली ने बताया कि 'सूचना का अधिकार' कानून 2005 में पुरे देश में लागू हुआ। इस कानून के माध्यम से कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी सरकारी अधिकारी,सरकारी विभाग और सरकार के सवाल पूछ सकते है जिसका उनको जबाब देना होगा अगर जबाब नहीं मिलता है हम अपील कर सकते है। इसके श्री गलगली ने सूचना का अधिकार 2005 कैसे अर्जी करना है उसके बारे में बतया कैसे सूचना का अधिकार के माध्यम से अलग अलग विषयों पर जानकारी ले सकते है । अपने हक़ और अधिकारों ले सकते है । पहचान संस्था के अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य ने बताया कि 5 मई 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी सरकारों को निर्देश दिया था की हर 5 लाख और उससे अधिक आबादी शहर में हर एक लाख जनसंख्या पर एक शेल्टर होम होना चाहिए पर मुंबई में अभी एक भी शेल्टर होम नहीं है जबकि मुंबई महानगरपालिका 9 शेल्टरहोम होने का दावा कर रही है । लाखों का फंड कागज पर ही खर्च किया जा रहा हैं।
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