Saturday, 8 July 2017

स्तंभलेखन मामले में राजगोपाल देवरा से सरकार ने मांगा खुलासा

महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग में राजशिष्टाचार विभाग संभालनेवाले आईएएस अधिकारी राजगोपाल देवरा संकट में फंस गए हैं। देवरा ने किसानों पर लिखे लेख को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने उनसे खुलासा मांगा हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सामान्य प्रशासन विभाग ने दी हैं।

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली ने सामान्य प्रशासन विभाग से गत 5 वर्ष में राज्य सरकार के आईएएस अधिकारियों ने अखबार में स्तंभलेखन की अनुमति की जानकारी मांगी थी। जुलाई 2012 से 30 जून 2017 तक इन पाच वर्ष के दौरान स्तंभलेखन के लिए सिर्फ 3 आईएएस अधिकारियों को अनुमति दी गई जिसमें राज्यपाल के उपसचिव परीमल सिंग को 10 जुलाई 2014 को 'हाकारा' त्रैमासिक में लेख प्रकाशित करने की अनुमति मांगी थी। प्रधान सचिव ( वित्तीय सुधार) विजय कुमार को दिनांक 14 जनवरी 2016 को अनुमति दी वहीं राजगोपाल देवरा को दिनांक 31 अगस्त 2016 को  अनुमति दी गई।

महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लिए बिना जिन्होंने स्तंभलेखन किया हैं ऐसे आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की जानकारी देते हुए गलगली को बताया गया कि दिनांक 25 जून 2017 को प्रकाशित स्तंभलेखन के लिए राजगोपाल देवरा से खुलासा मांगा हैं। हर एक लेख के लिए स्वतंत्र अनुमति लेना जरुरत हैं और अखिल भारतीय सेवा(बर्ताव) नियम 1968 के नियम  6 और 7 के तहत कारवाई की जाती हैं। देवरा ने 2016 को अनुमति लेते हुए स्तंभलेखन किया लेकिन 2017 में अनुमति लिए बिना ही स्तंभलेखन किया। जिसमें देवरा ने सरकार की नीतियां और योजनाओं पर टिप्पणी करने से उनसे खुलासा मांगा गया हैं।

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