23 लाख रुपए खर्च कर मुंबई विद्यापीठ में बिठाई गई एफएम रेडिओ सेवा पर हर वर्ष 12 लाख का खर्च होते हुए यह सेवा शतप्रतिशत बंद होने की चौंकानेवाली जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई विद्यापीठ ने दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई विद्यापीठ से मुंबई विद्यापीठ स्थित एफएम रेडिओ सेवा की जानकारी मांगी थी। वर्ष 2003-04 में तत्कालीन सिनेट सदस्य डॉ अमरजीतसिंह मनहास, प्रशांत पाटील, समीर देसाई और तुषार जगताप की सूचना के बाद मुंबई विद्यापीठ ने मुंबई विद्यापीठ में एफएम रेडिओ सेवा शुरु करने को वर्ष 2006 में मान्यता दी थी। इस सेवा के समन्यवक नीरज हाटेकर ने अनिल गलगली को बताया कि वर्तमान में एफएम रेडिओ सेवा बंद हैं। तत्कालीन राष्ट्रपती प्रतिभा सिंह पाटील ने 8 फरवरी 2008 को एफएम रेडिओ सेवा का उद्धटान किया था। उसवक्त रेडिओ स्टेशन के लिए 25 लाख का प्रावधान किया गया था। लेकिन असल में रु 22,80,798/- इतनी ही रकम उपकरण और स्टेशन बिठाने पर खर्च हुई थी। एफएम रेडिओ पर सालाना बजट 12 लाख रुपए भले ही हैं लेकिन असलमें 12 से कम रकम खर्च होती हैं। उसकी जानकारी संकलित कर बताई जाएंगी। सेवा बंद होने पर हाटेकर ने तर्क दिया कि नए ट्रान्समीटर की जरुरत हैं क्योंकि गत 11 वर्षों से इस्तेमाल होनेवाला ट्रान्समीटर बदलने के लिए जरुरी प्रक्रिया का अवलंब किया जा रहा हैं। परीक्षा का परिणाम हो या एफएम रेडिओ सेवा, मुंबई विद्यापीठ हर काम को ठीक ढंग से न करने पर अनिल गलगली रोष जताया।
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