राष्ट्र के जागरण का समय आ गया : डॉ. चिन्मय पंड्या
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त युवा प्रेरक डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत को केवल स्वयं ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का पथप्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा कि जब देश का प्रत्येक नागरिक आत्मबल, नैतिकता और आध्यात्मिकता से युक्त होगा, तभी भारत का नवजागरण संभव है और उसके माध्यम से विश्व को नई दिशा मिलेगी।
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में बोलते हुए युवा आइकॉन डॉ. पंड्या, जो इन दिनों माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्मशताब्दी वर्ष (2026) के अंतर्गत प्रव्रज्या पर हैं, ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युग निर्माण आंदोलन के तीन प्रमुख स्तंभ — विचार क्रांति, चरित्र निर्माण और व्यसन मुक्ति — आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता हैं। नई पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा और जीवन मूल्यों से जोड़ना ही राष्ट्र निर्माण का वास्तविक आधार है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के जागरण का समय आ चुका है। अब केवल देखने और सुनने से काम नहीं चलेगा, बल्कि सक्रिय होकर तैयारी के साथ राष्ट्र निर्माण की भूमिका निभानी होगी।
इस अवसर पर उपस्थित युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और वरिष्ठ नागरिकों ने डॉ. पंड्या के विचारों को आत्मसात करते हुए यह संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वास्थ्य, सदाचार, समाजसेवा और राष्ट्रप्रेम को अपनाते हुए नवयुग के निर्माण में सहभागी बनेंगे।
समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके ने भी अपने विचार साझा किए। सारस्वत अतिथि के रूप में स्वामी ब्रह्मबिहारी जी (प्रमुख – अंतर्राष्ट्रीय संबंध, स्वामीनारायण संस्थान) और स्वामी अक्षर वत्सल दास जी (अध्यक्ष, अक्षरधाम नई दिल्ली) ने भी सभा को संबोधित किया।
समारोह के दौरान युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पंड्या ने सभी विशिष्ट अतिथियों को तुलसी का पौधा एवं नवयुग का संविधान भेंट कर सम्मानित किया। यह प्रतीकात्मक भेंट पर्यावरण चेतना एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संदेश लिए हुए थी।
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