Tuesday, 31 December 2024

नव वर्ष के माध्यम से समाज हित वास्तव में प्रेरणादायक हो सकता है

नव वर्ष के माध्यम से समाज हित वास्तव में प्रेरणादायक हो सकता है

नव वर्ष की शुभकामनाएं देने के बाद फौरन सोशल मीडिया पर विरोध आरंभ होता है। नव वर्ष की शुभकामनाएं की पोस्ट अक्सर सांस्कृतिक या वैचारिक दृष्टिकोण से प्रेरित होती हैं। लोग अपने-अपने विचार और परंपराओं के आधार पर नए वर्ष को स्वीकार या अस्वीकार करते हैं।

यह तर्क अक्सर भारतीय या अन्य सांस्कृतिक कैलेंडरों (जैसे विक्रम संवत, शके संवत या इस्लामिक हिजरी कैलेंडर) के आधार पर दिया जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि भारतीय नव वर्ष (जैसे गुड़ी पड़वा, उगाड़ी, बैसाखी आदि) अधिक प्रामाणिक हैं और इन्हें प्रमुखता दी जानी चाहिए। यह एक सांस्कृतिक गर्व और परंपराओं को जीवित रखने का प्रयास हो सकता है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर आज दुनियाभर में आधिकारिक तौर पर उपयोग होता है। इसलिए 1 जनवरी का महत्व व्यावहारिक और वैश्विक है। इसे "अंग्रेजी नव वर्ष" कहने का कारण इसका यूरोपीय मूल है, लेकिन यह अब केवल पश्चिमी परंपरा तक सीमित नहीं है।

यह विचार उन लोगों का हो सकता है जो औपनिवेशिक प्रभाव या पश्चिमी संस्कृति के बढ़ते प्रभाव का विरोध करते हैं। वे अपनी सांस्कृतिक पहचान को प्राथमिकता देना चाहते हैं। अपनी परंपराओं और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। आप भारतीय नव वर्ष और 1 जनवरी दोनों को खुशी और सकारात्मकता के साथ मना सकते हैं।

नव वर्ष का दिन सिर्फ कैलेंडर की तारीख नहीं है, बल्कि इसे अच्छे कामों, समाजसेवा और संकल्पों के लिए उपयोग करना चाहिए। 1 जनवरी को नया वर्ष मनाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, जब तक यह सामाजिक या नैतिक मूल्यों को ठेस न पहुंचाए।

नया वर्ष एक सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन शुभकामनाएं देना, संकल्प लेना और समाज के हित में काम करना वास्तव में प्रेरणादायक हो सकता है। लगातार 6 वर्ष से मुंबई के सायन अस्पताल में आयोजित रक्तदान शिविर जैसी गतिविधियां इस दिन को और भी अर्थपूर्ण बनाती हैं।

मेरा यह विचार है कि हर दिन को नए वर्ष की तरह जीना चाहिए। अगर हम हर दिन नए जोश, उत्साह और अच्छे विचारों के साथ जिएं, तो जीवन और बेहतर हो सकता है।

नव वर्ष को मनाना तभी गलत हो सकता है जब इसका उद्देश्य सामाजिक या नैतिक दृष्टि से अनुचित हो। अन्यथा, यह एक ऐसा अवसर है जो लोगों को जोड़ता है, प्रेरित करता है, और एक बेहतर समाज की दिशा में योगदान देता है। नव वर्ष को स्वीकारना या अस्वीकारना व्यक्तिगत चुनाव है। लेकिन यह दिन खुशी, एकता और सकारात्मकता फैलाने का अवसर हो सकता है, चाहे वह किसी भी कैलेंडर का हिस्सा हो।

अनिल वेदव्यास गलगली
वरिष्ठ पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता

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Friday, 27 December 2024

डॉ मनमोहन सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया

डॉ मनमोहन सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया

महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस कमिटी के मुख्य कार्यालय तिलक भवन दादर में कोषाध्यक्ष डॉ अमरजीतसिंह मनहास ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया. इस अवसर पर प्रदेश महासचिव राजेश शर्मा, राजन भोसले, मुनाफ हकिम ने भी अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह को नमन किया. 

इस मौके पर पूर्व विधायक सुभाष चव्हाण, नामदेव चव्हाण, दत्ता नांदे, राघवेंद्र शुक्ला, मिलिंद केसरकर, जमिनदार यादव, श्रीरंग बर्गे, पुनम आर्य और पदाधिकारीयों ने दिवंगत प्रधानमंत्री के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया.


Thursday, 26 December 2024

भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणादायक उदाहरण थे डॉ. मनमोहन सिंह

भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणादायक उदाहरण थे डॉ. मनमोहन सिंह 

डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वे भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और 2004 से 2014 तक लगातार 10 वर्षों तक इस पद पर रहे। अपनी सादगी, विद्वता, और नीतिगत स्पष्टता के लिए वे व्यापक रूप से सम्मानित हैं।

उनकी मुख्य विशेषताएँ और योगदान के लिए वे हमेशा याद आते रहेंगे। वे अर्थशास्त्र के विद्वान थे। कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड से शिक्षा प्राप्त डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। वर्ष 1991 में आर्थिक सुधारों के तहत उन्होंने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूत आधार प्रदान किया। आर्थिक मंदी से भारत को उभारकर उन्होंने नई अर्थव्यवस्था की नींव रखी। वर्ष 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान उनकी दूरदर्शिता ने भारत को गहरे संकट से बचाया।

डॉ. मनमोहन सिंह कई सारी योजनाओं के जनक थे। आधार योजना से पहचान सुनिश्चित करने का क्रांतिकारी कदम उठाया। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) से ग्रामीण भारत में रोजगार का अधिकार उपलब्ध कराया। भारत में व्यापक स्तर पर केंद्रीय कानून के तौर पर सूचना का अधिकार (RTI) कार्यान्वित किया। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने वाला कानून आज लोकप्रिय है और आम लोगों के लिए राहत वाला कानून बन गया है।

डॉ. मनमोहन सिंह कांग्रेस से जुड़े थे लेकिन वे हमेशा वगैर-पक्षपाती नेतृत्व के लिए जाने गए। कांग्रेस पार्टी से जुड़े होने के बावजूद वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करते रहे। प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद भी उनकी सादगी और निष्ठा बनी रही। उनपर मौनी बाबा होने का आरोप लगा लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी मर्यादा नहीं छोड़ी ना विपक्षियों को भला- बुरा कहा।

डॉ. मनमोहन सिंह सादगी और ईमानदारी का प्रतीक थे। सार्वजनिक जीवन में उनका व्यवहार और आचरण हमेशा प्रेरणादायक रहा। उन्होंने अपने जीवनकाल में पद का कभी दुरुपयोग नहीं किया और आम जनता से सहजता से मिलते रहे।

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और कार्य भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है। उनकी नीतियों और व्यक्तित्व का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।

अनिल गलगली
वरिष्ठ पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता

Sunday, 22 December 2024

Cerebral Palsy Association celebrates Christmas

Cerebral Palsy Association celebrates Christmas

A special Christmas celebration was organized for the multiple disabled students of Cerebral Palsy Association at Kalina, Santa Cruz East in collaboration with India Factoring and Finance Solutions Pvt. Ltd. and Swarajya Youth Forum. In this program various activities like inter competition, music show and community dance on the tune of music were organized for the students.


Many Dignitaries including CPA Consultant and RTI Activist Anil Galgali, Rekha Deshpande, Swarajya Youth Forum founder Chetan Korgaonkar, CPA Consultant Vinod Saadvilkar, Dimple Chheda, Gauri Das (HR and Marketing Head), Amol Deshpande (Financial Controller), Ritu Breath were present in the program.


The program was planned with the joint efforts of the Institute's CEO Manjusha Singh, Raju Gollar, Namrata Mehta, Kavya Avinash Singh, Anita, Priya, Vinay, Kavita, Roshni, Aaradhya, Varsha, Sarika, Geeta, Wasim and the staff and parents. Students in attendance enjoyed special Christmas activities.

सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन ने क्रिसमस मनाया

सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन ने क्रिसमस मनाया

सांताक्रूज़ पूर्व कलिना में सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन के बहु-विकलांग छात्रों के लिए इंडिया फैक्टरिंग एंड फाइनेंस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड एवं स्वराज्य यूथ फोरम के सहयोग से एक विशेष क्रिसमस उत्सव आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों के लिए अंतर प्रतियोगिता, संगीत शो और संगीत की धुन पर सामुदायिक नृत्य जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में सीपीए सलाहकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, रेखा देशपांडे, स्वराज्य युथ फोरम के संस्थापक चेतन कोरगांवकर, डिंपल छेडा, सीपीए सलाहकार व रुग्णमित्र विनोद साडविलकर, गौरी दास (एचआर व मार्केटिंग प्रमुख), अमोल देशपांडे (वित्तीय नियंत्रक), रितू ब्रीद सहित कई मान्यवर उपस्थित थे।

कार्यक्रम का नियोजन संस्था के सीईओ मंजुषा सिंह, राजू गोल्लार, नम्रता मेहता, काव्या अविनाश सिंह, अनिता, प्रिया, विनय, कविता, रोशनी, आराध्या, वर्षा, सारीका, गीता, वासीम और कर्मचारी एवं अभिभावक के संयुक्त प्रयास से किया गया। उपस्थित छात्रों ने विशेष क्रिसमस गतिविधियों का आनंद लिया।

सेरेब्रल पाल्सी असोसिएशनतर्फे ख्रिसमस आनंदोत्सव साजरा

सेरेब्रल पाल्सी असोसिएशनतर्फे ख्रिसमस आनंदोत्सव साजरा

सांताक्रूझ पूर्व कालीना येथे सेरेब्रल पाल्सी असोसिएशन संस्थेच्या बहुविकलांग विद्यार्थ्यांसाठी इंडिया फॅक्टरींग ॲन्ड फायनान्स सोलूशन्स प्रा.लि. आणि स्वराज्य युथ फोरम यांच्या संयुक्त विद्यमाने ख्रिसमस विशेष आनंदोत्सव साजरा करण्यात आला. या कार्यक्रमात विद्यार्थ्यांसाठी आंतर स्पर्धा, म्युझिक शो आणि संगीताच्या तालावर सामुदायिक नृत्य यांसारख्या विविध उपक्रमांचे आयोजन करण्यात आले होते.

या कार्यक्रमास सीपीए सल्लागार व माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली, रेखा देशपांडे, स्वराज्य युथ फोरमचे संस्थापक चेतन कोरगांवकर, सीपीए सल्लागार व रुग्णमित्र विनोद साडविलकर, गौरी दास (एचआर व मार्केटिंग प्रमुख), अमोल देशपांडे (वित्तीय नियंत्रक), रितू ब्रीद, डिंपल छेड़ा यांसह अनेक मान्यवर उपस्थित होते.

कार्यक्रमाचे नियोजन संस्थेच्या सीईओ मंजुषा सिंह, राजू गोल्लार, नम्रता मेहता, काव्या अविनाश सिंह, अनिता, प्रिया, विनय, कविता, रोशनी, आराध्या, वर्षा, सारीका, गीता, वासीम आणि कर्मचारी व पालक यांच्या संयुक्त प्रयत्नातून करण्यात आले. उपस्थित विद्यार्थ्यांनी ख्रिसमस विशेष उपक्रमांचा आनंद घेतला.

Tuesday, 17 December 2024

उत्तर प्रदेश विधानसभा में पत्रकारों के लिए बना आधुनिक सुविधायुक्त प्रेस रूम

उत्तर प्रदेश विधानसभा में पत्रकारों के लिए बना आधुनिक सुविधायुक्त प्रेस रूम

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश विधानसभा में पत्रकारों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नवीन प्रेस रूम का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष  सतीश महाना ने किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि विधानसभा के प्रेस रूम को अब पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पत्रकारों के लिए फ्री वाई-फाई, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग स्टेशन, सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग, और टीवी जैसी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

प्रेस रूम में बैठने के लिए फोर शीटर और सिंगल शीटर सोफा, दो राउंड टेबल, और 40 रिवॉल्विंग चेयर के साथ यू-शेप टेबल बनाया गया है, जहां हर स्थान पर चार्जिंग की सुविधा है। इसके अलावा, एक अतिरिक्त कक्ष में रेफ्रिजरेटर, आधुनिक शौचालय, और पेंट्री एरिया की भी व्यवस्था की गई है।

हेमंत तिवारी ने कहा कि वर्षों पुराना प्रेस रूम अब पूरी तरह से सुविधाजनक और कार्यशील बन चुका है। उन्होंने इन सुविधाओं के लिए योगी सरकार और विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।

Sunday, 8 December 2024

कुर्ल्यात 141 वा चंपाषष्ठी यात्रोत्सवाचा शुभारंभ

कुर्ल्यात 141 वा चंपाषष्ठी यात्रोत्सवाचा शुभारंभ

कुर्ल्यातील प्राचीन असे श्री सर्वेश्वर महादेव देवालयात श्री सर्वेश्वर महादेवाच्या साक्षीने 141 वा चंपाषष्ठी यात्रोत्सवाचा शुभारंभ करण्यात आला. यावेळी श्री सर्वेश्वर महादेवाची पालखी मिरवणूकीपूर्वी विशेष पूजा आयोजित करण्यात आली. दिनांक 7 डिसेंबर ते 15 डिसेंबर 2024 पर्यंत जत्रोत्सव सोहळयात श्री सर्वेश्वर कुस्ती फड आणि त्यानंतर श्रीरामाची जत्रा साजरी करण्यात येईल. 

पुजारी मंदार जोशी यांनी विधिवत पूजा संपन्न केली. यावेळी आमदार मंगेश कुडाळकर, अनिल गलगली भाऊ कोरगांवकर, डॉ महेश पेडणेकर, किसन मदने, डॉ अनुराधा पेडणेकर, मनोज नाथानी, चंद्रकांत सावंत, रवींद्र कोचले, विनायक गाढवे, प्रदीप भोसले, बबन शेळके, उमेश गायकवाड, प्रमोद शिरगावकर,  प्रेमचंद मदने, चेतन कोरगांवकर, प्रकाश चौधरी उपस्थित होते.


141 वर्षापूर्वी स्वदेशी मिल मधील हिंदू कामगारांनी जमा केलेल्या वर्गणीतून व टाटांकडून वाडिया मार्फत उपलब्ध करून दिलेल्या जागेत स्वदेशी मिल कामगारांनी श्री सर्वेश्वर महादेव मंदिराची स्थापना व उभारणी करून पहिला चंपाषष्ठी उत्सव बुधवार दि. 5 डिसेंबर 1883 रोजी साजरा करण्यात आला. त्यानंतर अविरत 141 वर्षे मुंबापुरातील ही परंपरा स्वदेशी मिल आणि न्यु मिल मधील कामगार आणि कुर्ला व चुनाभट्टी मधील स्थानिक भाविकांच्या माध्यमातून चंपाषष्ठी व जत्रा उत्सव अतिशय उत्साहात साजरा करण्यात येते.

Saturday, 7 December 2024

बाळशास्त्री जांभेकर सन्मान योजनेच्या अटी व निकष शिथिल करणार

बाळशास्त्री जांभेकर सन्मान योजनेच्या अटी व निकष शिथिल करणार; जीआरची अंमलबजावणी आठवड्यात होणार

मंत्रालय आणि विधिमंडळ वार्ताहर संघाच्या सततच्या पाठपुराव्याला यश

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची घोषणा

'आचार्य बाळशास्त्री जांभेकर पत्रकार सन्मान योजने'चे निकष शिथिल करण्याचा निर्णय तसेच दरमहा २० हजार रुपये सन्मान निधी देण्याच्या शासन निर्णयावर येत्या आठवड्यात कार्यवाही करण्यात येईल, अशी घोषणा राज्याचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी केली आहे.


राज्याच्या मुख्यमंत्रीपदाची शपथ घेतल्यानंतर प्रथेप्रमाणे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हे मंत्रालयातील पत्रकार कक्षात येऊन पत्रकार परिषद संबोधित केली. यावेळी  मंत्रालय आणि विधिमंडळ वार्ताहर संघाच्यावतीने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांचा अध्यक्ष  प्रमोद डोईफोडे यांच्या शुभहस्ते सत्कार करण्यात आला. त्यावेळी त्यांनी ही घोषणा केली. या कार्यक्रमात मनोगत व्यक्त करताना संघाचे अध्यक्ष प्रमोद डोईफोडे यांनी आवर्जून हा मुद्दा उपस्थित केला. माजी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी मंत्रालय व विधिमंडळ वार्ताहर संघाच्या ९ मे  २०२३ रोजी सह्याद्री अतिथीगृहात झालेल्या पुरस्कार वितरण कार्यक्रमात सन्मान निधी वाढविण्याची घोषणा केली होती. लोकसभा निवडणुकीची आचारसंहिता लागू होण्यापूर्वी मार्च २०२४ मध्ये राज्य सरकारने राज्यातील निवृत्त पत्रकारांना देण्यात येणाऱ्या सन्माननिधी योजनेची दरमहा देण्यात येणारी रक्कम रुपये ११ हजारांऐवजी २० हजार रुपये करण्याचा शासन निर्णय (जीआर) जारी केला. मात्र त्याची अजूनही अंमलबजावणी करण्यात आली नसल्याचे अध्यक्ष डोईफोडे यांनी निदर्शनास आणले. महायुती सरकारने लाडक्या बहिणींचा सन्मान केला तसा सन्मान राज्यातील ज्येष्ठ पत्रकारांचा करून त्यांनाही दिलासा द्यावा, अशी मागणी  डोईफोडे यांनी केली.

आचार्य बाळशास्त्री जांभेकर पत्रकार सन्मान निधीचे निकष शिथिल करण्याचा निर्णय तसेच २० हजार रुपये दरमहा सन्माननिधी देण्यासंदर्भात जारी केलेल्या शासन निर्णयावर येत्या आठवड्यात कार्यवाही केली जाईल, अशी घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी यावेळी केली. मुख्यमंत्री फडणवीस यांनी केलेल्या या घोषणेमुळे राज्यातील अनेक ज्येष्ठ पत्रकारांना याचा फायदा होणार आहे. सन्मान निधीत वाढ करून ते ११ हजाराऐवजी २० हजार रुपये करण्यात यावे तसेच शासन निर्णयांची अंमलबजावणी करण्यात यावी यासाठी मंत्रालय आणि विधिमंडळ वार्ताहर संघाने पाठपुरावा केला होता. संघाच्या सततच्या पाठपुराव्याला अखेर यश आले आहे. यावेळी सरचिटणीस प्रविण पुरो, कोषाध्यक्ष विनोद यादव, कार्यकारिणी सदस्य खंडूराज गायकवाड, भगवान परब, आलोक देशपांडे, मनोज मोघे यांच्यासह मोठ्या संख्येने पत्रकार उपस्थित होते.

Wednesday, 4 December 2024

सामाजिक आणि राजकीय समीकरणांचा समतोल साधणारा चेहरा म्हणजे देवेंद्र फडणवीस

सामाजिक आणि राजकीय समीकरणांचा समतोल साधणारा चेहरा म्हणजे देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्राच्या राजकारणातील कार्यक्षम नेते म्हणून ओळखले जाणारे देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस आता तिसऱ्यांदा महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री होत आहेत. त्यांची भारतीय जनता पक्षाच्या (भाजप) विधिमंडळ गटाच्या नेतेपदी एकमताने निवड झाली. राज्यातील सामाजिक आणि राजकीय समीकरणे जुळवून भाजपने योग्य चेहरा निवडला आहे.
 

भारतीय जनता पक्ष (भाजप) सर्वात मोठा पक्ष म्हणून उदयास आला, तर शिवसेना आणि राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष (NCP) यांनीही प्रभावी कामगिरी केली. भाजपने 132, शिवसेनेच्या शिंदे गटाला 57 आणि राष्ट्रवादी काँग्रेसच्या अजित पवार गटाला 41 जागा जिंकून ऐतिहासिक निकाल आणण्यात यश आले. तर शिवसेनेच्या उद्धव ठाकरे गटाला 20, काँग्रेसला 16 आणि राष्ट्रवादी काँग्रेसला 10 जागा मिळाल्या आहेत. समाजवादी पक्षाने 2 तर इतरांनी 10 जागा जिंकल्या. राष्ट्रवादीचे नेते अजित पवार यांनी मुख्यमंत्रीपदाबाबत आधीच भूमिका स्पष्ट केली होती. राष्ट्रवादीच्या नेतृत्वाने पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आणि गृहमंत्री अमित शहा यांची भेट घेऊन आपली भूमिका मांडली. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांना मुख्यमंत्रीपद सोडावे लागले. या बदलामुळे भाजपचाच मुख्यमंत्री होणार हे निश्चित होते.

◆ ३१वे मुख्यमंत्री

महाराष्ट्राचे ३१ वे मुख्यमंत्री म्हणून त्यांचा कार्यकाळ पुन्हा सुरू होत असून, त्यामुळे संपूर्ण राज्यात आनंदाचे आणि उत्साहाचे वातावरण आहे.

◆ तिसऱ्यांदा मुख्यमंत्री 

देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस यांची मुख्यमंत्री म्हणून ही तिसरी वेळ आहे, जो त्यांच्या नेतृत्वाचा आणि लोकप्रियतेचा पुरावा आहे.

◆ समतोल साधण्याची क्षमता

देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस हे संघटना आणि सरकार यांच्यात समतोल राखण्याच्या त्यांच्या अद्वितीय क्षमतेसाठी ओळखले जातात, ज्यामुळे त्यांना पक्ष आणि जनतेचा विश्वास जिंकण्यात मदत झाली आहे.

◆  स्थैर्याचे नेतृत्व

देवेंद्र फडणवीस यांचे नेतृत्व हे नेहमीच महाराष्ट्राच्या विकासाचे आणि स्थैर्याचे प्रतीक राहिले आहे. मुख्यमंत्री म्हणून त्यांचा शेवटचा पाच वर्षांचा कार्यकाळ समाधानकारक मानला गेला, जिथे त्यांनी पायाभूत सुविधा, शहरी विकास आणि शेतकरी कल्याणासाठी अनेक योजना राबवल्या.


◆ मुख्यमंत्री म्हणून यश

त्यांच्या ५ वर्षांच्या कार्यकाळात मेट्रो प्रकल्प, रस्तेबांधणी, जलव्यवस्थापन, औद्योगिक गुंतवणुकीला नवी दिशा मिळाली. त्यांनी महाराष्ट्र हे गुंतवणूकदारांसाठी आकर्षक राज्य बनवले.

◆ उपमुख्यमंत्री म्हणून योगदान

उपमुख्यमंत्री असतानाही त्यांनी अर्थ आणि गृह खाते प्रभावीपणे सांभाळून राज्याच्या विकासाचा आलेख उंचावला. त्यांचे निर्णय घेण्याचे कौशल्य आणि संकट व्यवस्थापनातील कार्यक्षमता वाखाणण्याजोगी होती.

◆ विकासकामांना प्राधान्य

देवेंद्र वफडणवीस तिसऱ्यांदा मुख्यमंत्री झाल्यामुळे ते अपूर्ण विकासकामे वेगाने पूर्ण करून राज्यातील प्रत्येक क्षेत्राला प्रगतीपथावर नेतील, अशी अपेक्षा आहे.


त्यांच्या सक्षम नेतृत्वाने राज्याला पुन्हा एकदा नव्या उंचीवर नेण्याची अपेक्षा महाराष्ट्रातील जनतेला आहे. त्यांच्या यशामुळे राज्याच्या विकास आणि प्रशासनात नवीन उंची गाठण्याची आशा निर्माण झाली आहे.


अनिल गलगली
माहिती अधिकार कार्यकर्ते

Tuesday, 3 December 2024

सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने का चेहरा देवेंद्र फडणवीस

सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने का चेहरा देवेंद्र फडणवीस

देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस, जिन्हें महाराष्ट्र की राजनीति में एक कुशल नेता के रूप में जाना जाता है, अब तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधिमंडल गुट ने सर्वसम्मति से नेता चुना। भाजपा ने राज्य के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करते हुए सही चेहरे का चयन किया है। 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया। भाजपा 132, शिवसेना शिंदे गुट 57 और एनसीपी अजित पवार गुट ने 41 सीटे जीतकर ऐतिहासिक परिणाम लाने में सफल हुए । वहीं शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट 20, कांग्रेस 16 और एनसीपी शरद पवार 10 सीटें पाने में सफल हुए थे। समाजवादी पार्टी ने 2 और अन्य ने 10 सीटें जीती थी। 

एनसीपी नेता अजित पवार ने पहले ही मुख्यमंत्री पद को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। एनसीपी नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। इस बदलाव से भाजपा का मुख्यमंत्री बनना तय था ही।

31वें मुख्यमंत्री: 

महाराष्ट्र के 31वें मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल फिर शुरू होने जा रहा है, जिससे पूरे राज्य में खुशी और उत्साह का माहौल है।


तीसरी बार मुख्यमंत्री: 

देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस बतौर मुख्यमंत्री यह उनकी तीसरी पारी है, जो उनके नेतृत्व और लोकप्रियता का प्रमाण है।


संतुलन बनाने की क्षमता: 

देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस को संगठन और सरकार के बीच संतुलन बनाए रखने की अद्वितीय क्षमता के लिए जाना जाता है, जिसने उन्हें पार्टी और जनता दोनों का विश्वास जीतने में मदद की है।


देवेंद्र फडणवीस का नेतृत्व हमेशा से महाराष्ट्र के विकास और स्थिरता का प्रतीक रहा है। मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल को संतोषजनक माना गया, जहां उन्होंने बुनियादी ढांचे, शहरी विकास और किसानों की भलाई के लिए कई योजनाएं लागू कीं।

मुख्यमंत्री के तौर पर सफलता: 

उनके 5 वर्षों के कार्यकाल में मेट्रो परियोजनाओं, सड़क निर्माण, जल प्रबंधन, और औद्योगिक निवेश को नई दिशा मिली। उन्होंने महाराष्ट्र को निवेशकों के लिए एक आकर्षक राज्य बनाया।


उपमुख्यमंत्री के रूप में योगदान: 

उपमुख्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने वित्त और गृह विभाग को प्रभावी तरीके से संभालते हुए राज्य के विकास ग्राफ को बढ़ाया। उनका निर्णय लेने का कौशल और संकट प्रबंधन में दक्षता सराहनीय रही।

विकास कार्यों को प्राथमिकता: 

फडणवीस के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि वे अधूरे विकास कार्यों को तेजी से पूरा करेंगे और राज्य के हर क्षेत्र को प्रगति के रास्ते पर ले जाएंगे।


महाराष्ट्र के लोग उनके कुशल नेतृत्व से एक बार फिर राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी यह सफलता राज्य के विकास और प्रशासन में नई ऊंचाइयों को छूने की उम्मीद जगाती है।

अनिल गलगली

Sunday, 1 December 2024

अण्णा परब यांच्या आठवणींना दिला उजाळा

अण्णा परब यांच्या आठवणींना दिला उजाळा

मुंबई आणि कोकण परिसरात भरीव शैक्षणिक कार्य करणारे वसंत शंकर परब (  अण्णा परब ) यांच्या 74 व्या जयंती निमित्ताने चांदिवली येथील गुरुकुल कोचिंग क्लासेस येथे आयोजित कार्यक्रमात त्यांच्या आठवणींना उजाळा देण्यात आला.

कै अण्णा परब प्रतिष्ठान तर्फे आयोजित कार्यक्रमात सामाजिक, शैक्षणिक आणि राजकीय क्षेत्रात त्यांनी केलेल्या कामाची आठवण काढण्यात आली. यावेळी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली, एनसीपी जिल्हाध्यक्ष अरशद अमीर, उत्तर मध्य जिल्हा काँग्रेस उपाध्यक्ष वजीर मुल्ला, शिवसेना उप विभागप्रमुख राजू परब, संजय कालसेकर, प्रतिष्ठानाचे अध्यक्ष रविंद्र हिंगमिरे, बाबू बत्तेली, एड कैलास आगवणे, राजू अप्पा परब, सुभाष गायकवाड, रत्नाकर शेट्टी, रियाझ मुल्ला, मनाली गायकवाड, रेणू रमेश सिंह, मंदा खरटमोल, कृष्णा व्हटकर, स्वप्नील चव्हाण, अजीज खान, अनिल लोंढे, शिवाजी लोंढे, लतीफ खान, इफ्तेखार खान, पवन जैन, मोहसीन शेख, असफाक खान, श्याम थापा, पंकज शर्मा, इश्वरचंद, प्रतिक प्रजापती उपस्थित होते. कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन एड कैलास आगवणे यांनी केले तर आभार बाबू बत्तेली यांनी मानले.